वर्कशॉप और पंक्चर की दुकान खुलने का इंतजार कर रहे किसान

विकासनगर मंगलवार से लागू हुई नई गाइडलाइन के तहत सुबह 10 बजे के बाद तमाम दुकानें बंद हो गई। इनमें कृषि यंत्रों के वर्कशॉप और टायर पंक्चर आदि की दुकानें बंद होने से कृषि कार्य प्रभावित हो रहा है जिससे किसान परेशान हैं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 12 May 2021 12:43 AM (IST) Updated:Wed, 12 May 2021 12:43 AM (IST)
वर्कशॉप और पंक्चर की दुकान खुलने का इंतजार कर रहे किसान
वर्कशॉप और पंक्चर की दुकान खुलने का इंतजार कर रहे किसान

संवाद सहयोगी, विकासनगर: मंगलवार से लागू हुई नई गाइडलाइन के तहत सुबह 10 बजे के बाद तमाम दुकानों में ताले लग गए। उधर, कृषि यंत्रों से संबंधित वर्कशॉप और टायर पंक्चर की दुकानों के बंद होने से किसान बेहद परेशान हैं। हालत यह है कि धान की बुआई से लेकर उसकी नर्सरी तैयार करने का समय है, लेकिन पंक्चर दुकानों के बंद होने से कृषि यंत्रों के पहिये नहीं हिल रहे हैं। वहीं वर्कशॉप की बंदी के चलते सीजन से पहले यंत्रों की मरम्मत की समस्या भी सामने है।

पछवादून के विकासनगर, हरबर्टपुर, सहसपुर और सेलाकुई बाजार के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित तमाम छोटी-बड़ी कृषि यंत्र और उनकी मरम्मत से संबंधित सभी दुकानें बंद रहीं, जबकि गाइडलाइन में कृषि और इससे संबंधित कार्यों को आवश्यक सेवा की श्रेणी में रखा गया है। बावजूद इसके पुलिस की सख्ती के चलते क्षेत्र में ऐसी कोई भी दुकान नहीं खुल सकी। क्षेत्र के किसानों को इससे परेशानी का सामना करना पड़ा। बताते चलें हाल ही में गेंहू की फसल की कटाई के बाद सभी खेतों को पानी देकर जुताई के लिए तैयार किया गया है। खेतों की जुताई के लिए काम आने वाले यंत्र कार्य के दौरान खराब होते रहते हैं, टायर पंक्चर ठीक कराने की दुकानों के बंद होने के कारण ट्रैक्टर ट्रॉली आदि वाहनों का संचालन मुश्किल हो रहा है। धर्मावाला के किसान जगबीर सिंह, प्रगतिशील किसान सूर्य प्रकाश बहुगुणा, महेंद्र सिंह, जकाउल्लाह खान का कहना है कि फिल्हाल इन दिनों खेती, बागवानी का कार्य बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। गेहूं कटने के बाद खाली हुए खेतों में धन की बुआई की तैयारी चल रही है। बागवानी में आम और लीची की फसल की देखरेख भी की जा रही है। खेतों की जुताई और धान की बुआई का बड़ा काम किसानों के सामने है। बागीचों में पानी देने और ट्रैक्टर से घास निकालने का कार्य भी इन्हीं दिनों में पूरा किया जाना है। इसके साथ ही फलों में मशीनों के माध्यम से आवश्यक दवाईयों का छिड़काव भी किया जा रहा है। ऐसे में कृषि यंत्रों से संबंधित दुकानें और वर्कशॉप, पंक्चर ठीक कराने की दुकानें खुली रहनी चाहिए। उन्होंने स्थानीय प्रशासन से भी किसानों की समस्या को देखते हुए आवश्यक कदम उठाने की मांग की है।

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