विधि विधान के साथ किया गया भगवान विश्वकर्मा का पूजन
सृजन के देवता के रूप में पूजे जाने वाले भगवान विश्वकर्मा के जन्मोत्सव पर तीर्थनगरी में उनका पूजन विधि विधान के साथ किया गया।
जागरण संवाददाता, ऋषिकेश: सृजन के देवता के रूप में पूजे जाने वाले भगवान विश्वकर्मा के जन्मोत्सव पर तीर्थनगरी में उनका पूजन विधि विधान के साथ किया गया। विभिन्न औद्योगिक इकाइयों, तकनीकी संस्थानों तथा निर्माण कार्यों से जुड़े व्यक्तियों ने मशीनों तथा औजारों की पूजा अर्चना की।
एसडीआरएफ वाहिनी मुख्यालय जौलीग्रांट देहरादून में विश्वकर्मा दिवस मनाया गया। अधिकारी व जवानों ने समस्त अस्त्रों-शस्त्रों, उपकरणों, वाहनों एवं मशीनों की विधिवत पूजा की। एसडीआरएफ के सेनानायक नवनीत सिंह ने कहा कि भगवान विश्वकर्मा हर काल में सृजन के देवता रहे है। संपूर्ण सृष्टि में समस्त सृजनात्मक वस्तु, जिनसे जीवन संचालित होता है, वह भगवान विश्वकर्मा की ही देन है। इस अवसर पर उप-सेनानायक अजय भट्ट, सहायक सेनानायक प्रकाश देवली, शिविरपाल राजीव रावत आदि मौजूद रहे।
वहीं एसडीआरएफ टीम ने ढालवाला में विधिवत पूजा अर्चना के साथ आपदा में प्रयुक्त होने वाले यंत्रों का भी पूजन किया। टीम के सदस्य रविद्र सेमवाल ने उपकरणों की पूजा की। इस अवसर पर एसआइ कवींद्र सजवाण, किशोर कुमार, मातबर सिंह, रविद्र, दीपक, महेंद्र, सुरेंद्र, सुमित, लक्ष्मण आदि मौजूद रहे। उधर, एमआइटी संस्थान में विश्वकर्मा पूजन कार्यक्रम में संस्थान के निदेशक रवि जुयाल ने कहा कि धार्मिक मान्यताओं अनुसार भगवान विश्वकर्मा दुनिया के सबसे पहले इंजीनियर थे। इनकी पूजा से जीवन में कभी भी सुख समृद्धि की कमी नहीं रहती है। इस अवसर पर परीक्षा नियंत्रक अजय तोमर, हेमंत अग्रहरि आदि उपस्थित रहे। उधर, श्री विश्वकर्मा पूजा समिति चंद्रेश्वर नगर की ओर से 35वां विश्वकर्मा पूजा महोत्सव श्रद्धा पूर्वक मनाया गया। समिति के अध्यक्ष शंभू पासवान ने भगवान विश्वकर्मा की पूजा-अर्चना कर मशीनों औजारों की पूजा की। इस अवसर पर समिति के उपाध्यक्ष बाबूलाल ठेकेदार, महासचिव गगन ठेकेदार, अशोक सिंह, सुरेश आदि मौजूद रहे।