सीडीएस जनरल बिपिन रावत के हेलीकाप्टर क्रैश होने की सूचना पर टीवी सेट के आगे बैठे गए थे ग्रामीण
बुधवार दोपहर सीडीएस बिपिन रावत के हेलीकाप्टर क्रैश होने की सूचना जैसे ही उनके पैतृक गांव सैंणा और ग्रामसभा बिरमोली में मिली ग्रामीण तमाम कार्य छोड़कर टीवी सेट के आगे बैठ गए। तब तक सेना मुख्यालय ने उनके निधन की घोषणा नहीं की गई थी।
जागरण संवाददाता, कोटद्वार। बुधवार दोपहर सीडीएस जनरल बिपिन रावत के हेलीकाप्टर क्रैश होने की सूचना जैसे ही उनके पैतृक गांव सैंणा और ग्रामसभा बिरमोली में मिली, ग्रामीण तमाम कार्य छोड़कर टीवी सेट के आगे बैठ गए। ग्रामीण रह-रहकर अप्रैल 2018 के उस दिन को याद कर रहे थे, जब उनका सपूत उनसे मिलने गांव आया था। तब तक सेना मुख्यालय ने उनके निधन की घोषणा नहीं की गई थी।
पौड़ी जिले के द्वारीखाल ब्लाक स्थित बिरमोली ग्रामसभा के तोकग्राम सैंणा निवासी जनरल बिपिन रावत के चाचा भरत सिंह रावत बुधवार को निजी कार्य से कोटद्वार आए हुए थे। दोपहर में जैसे ही उन्हें जनरल रावत को हेलीकाप्टर क्रैश होने की जानकारी मिली, वे तत्काल गांव वापस लौट गए। उधर, भरत सिंह के आवास में उनके परिवार के सदस्य टीवी के सामने बैठ पूरे घटनाक्रम पर नजर जमाए हुए थे। बिरमोली बाजार में व्यापारी अपने प्रतिष्ठान बंद कर अपने लाडले की सलामती को प्रार्थना कर रहे थे। ग्राम सभा बिरमोली के पूर्व प्रधान धर्मपाल सिंह बिष्ट ने बताया कि सभी लोग अपने लाडले के स्वस्थ होने की प्रार्थना कर रहे थे। लेकिन, शाम को हादसे में 13 के मारे जाने की सूचना प्रसारित होने के बाद सभी हक्के-बक्के रह गए।
पूर्व सैन्य अधिकारी बोले
ले. जनरल (सेनि.) गंभीर सिंह नेगी ने कहा जनरल बिपिन रावत सेना के साथ ही देश का गौरव हैं। उनका जीवन और सेवाएं असाधारण रहे। उनकी प्रतिभा और निर्भीक निर्णय लेने की क्षमता से सेना का मान बढ़ा है। इस दुर्घटना ने देश को झकझोर दिया है। ले. जनरल (सेनि.) मोहन भंडारी ने कहा कि जनरल रावत विलक्षण प्रतिभा के धनी थे। देश की सामरिक योजनाओं में उनकी विशेष भूमिका थी। उनकी राष्ट्र के प्रति निष्ठा जगजाहिर है। उत्तराखंड समेत पूरी देश को उनकी शहादत ने झकझोर कर रख दिया।यह भी पढ़ें:- अधूरा रह गया सीडीएस बिपिन रावत का पैतृक गांव में बसने का सपना