यहां न गांव रहा न शहर, प्रमाण पत्रों को दर-दर भटक रहे लोग; जानिए पूरा मामला

वीरभद्र स्थित कृष्णा कॉलोनी समेत अन्य क्षेत्रों के निवासियों को जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने के लिए भटकना पड़ रहा है। उनका कहना है कि वह नगर निगम का हिस्सा बन गए हैं और नगर निगम कह रहा है कि यह क्षेत्र उनकी सीमा से बाहर हैं।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Sat, 31 Oct 2020 01:59 PM (IST) Updated:Sat, 31 Oct 2020 09:53 PM (IST)
यहां न गांव रहा न शहर, प्रमाण पत्रों को दर-दर भटक रहे लोग; जानिए पूरा मामला
न गांव रहा न शहर, प्रमाण पत्रों को दर-दर भटक रहे लोग।

देहरादून, जेएनएन। ऋषिकेश क्षेत्र की वीरभद्र स्थित कृष्णा कॉलोनी, आमबाग, खांड गांव, आइडीपीएल समेत अन्य क्षेत्रों के निवासियों को जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। उनका कहना है कि वह नगर निगम का हिस्सा बन गए हैं और नगर निगम कह रहा है कि यह क्षेत्र उनकी सीमा से बाहर हैं। दूसरी तरफ ग्राम पंचायत न होने के चलते यहां के प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहे।

यह मामला जिलाधिकारी से लेकर उपजिलाधिकारी, नगर निगम और मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय तक पहुंचा, लेकिन समाधान नहीं निकल पाया। जनहित का मामला देखते हुए सूचना आयोग ने दायरे से बाहर जाकर दिशा-निर्देश जारी किए और अब जाकर नगर निगम प्रमाण पत्र बनाने को तैयार हुआ है।

इन क्षेत्रों में जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने को लेकर मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय से सूचना मांगी गई थी। कार्यालय के अधिकारियों ने यह कहकर पल्ला झाड़ दिया था कि जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्रों के आवेदन ऑनलाइन प्राप्त होते हैं और इन क्षेत्रों के नाम उनके सॉफ्टवेयर में दर्ज नहीं हैं। प्रकरण की सुनवाई करते हुए राज्य सूचना आयुक्त जेपी ममगाईं ने कहा कि मांगी गई सूचना दी जा चुकी है, लेकिन इसमें व्यापक जनहित छिपा है। ऐसे में सूचना मांगने का उद्देश्य भी पूरा किया जाना जरूरी है। सूचना आयोग ने नगर निगम को भी पक्षकार बनाकर जवाब मांगा।

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वहीं, निगम के सहायक नगर आयुक्त एलम दास ने जवाब दिया कि इस प्रकरण में जिलाधिकारी और अन्य उच्चाधिकारियों को भी पत्र लिखा गया है, जिससे प्रमाण पत्र बनाने को लेकर स्थानीय निवासियों को हो रही परेशानी से निजात दिलाई जा सके। इसी क्रम में मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. अनूप डिमरी ने 19 सितंबर को पत्र भेजकर कहा कि संबंधित क्षेत्र के निवासियों के प्रमाण पत्र नगर निगम स्तर से जारी कर दिए जाएं। अब निगम की ओर से प्रमाण पत्र जारी करने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। लिहाजा, इस आशय की सूचना भी संबंधित अपीलार्थी को भेजी जा रही है।

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