टिहरी : ग्रामीणों ने आरोपितों की गिरफ्तारी न होने पर किया थाने का घेराव, धरने पर बैठे

आज टिहरी के प्रतापनगर के कंडियाल गांव के ग्रामीणों ने लंबगांव थाने का घेराव किया। साथ ही सड़क पर धरने पर बैठक गए। ग्रामीणों का आरोप है कि गांव की एक विवाहिता की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के मामले में अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Wed, 27 Oct 2021 01:40 PM (IST) Updated:Wed, 27 Oct 2021 01:40 PM (IST)
टिहरी : ग्रामीणों ने आरोपितों की गिरफ्तारी न होने पर किया थाने का घेराव, धरने पर बैठे
ग्रामीणों ने आरोपितों की गिरफ्तारी न होने पर थाने का घेराव कि‍या।

संवाद सूत्र, लंबगांव। विवाहिता महिला की संदिग्ध हालत में मौत के बाद भी आरोपितों की गिरफ्तारी न होने पर गुस्साए कंडियाल गांव के ग्रामीणों ने लंबगांव थाना का घेराव किया और तीन घंटे तक सड़क पर चक्का जाम लगा दिया। तीन घंटे बाद जब तहसीलदार ने आरोपितों की गिरफ्तारी का आश्वासन दिया तब ग्रामीण शांत हुए।

टिहरी जनपद के प्रतापनगर तहसील के कंडियाल गांव के ग्रामीण बुधवार सुबह लंबगांव थाना पहुंचे और वहां जमकर हंगामा किया। ग्रामीणों ने बाजार में धरना प्रदर्शन कर जुलूस भी निकाला और चक्का जाम कर दिया। ग्रामीणों ने कहा कि 22 अगस्त को राधा नाम की युवती की संदिग्ध हालत में मौत हो गई थी। विवाहिता के मायके पक्ष वालों ने आरोप लगाया कि युवती को मारकर फंदे पर लटकाया गया है। शादी के पांच महीने बाद भी महिला की मौत के मामले में लंबगांव थाना में ससुराल पक्ष प्रवीण सिंह, ससुर रामचंद्र और सास विजया देवी के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया गया। लेकिन एक महीने से ज्यादा होने पर भी आरोपितों की गिरफ्तारी न होने से ग्रामीणों ने बीती दस अक्टूबर को भी थाने में आकर प्रदर्शन की चेतावनी दी थी।

पिता बोले, ससुराल वालों ने ही की उनकी बेटी की हत्या

मृतका के पिता भगवान सिंह रावत ने कहा कि ससुराल वालों ने ही उनकी बेटी की हत्या की है। जिसके बाद बुधवार को ग्रामीणों ने तीन घंटे तक चक्का जाम कर दिया। लंबगांव थानाध्यक्ष महिपाल सिंह रावत ने ग्रामीणों को काफी समझाया लेकिन ग्रामीण नहीं माने। ढाई बजे दोपहर जब तहसीलदार शंभू प्रसाद ममगांई मौके पर पहुंचे औ दस नवंबर तक ग्रामीणों की गि‍रफ्तारी का आश्वासन दिया। जिसके बाद ग्रामीण शांत हुए। प्रदर्शन करने वालों में रविंद्र सिंह, सुंदर लाल, धनपाल सिंह, बलदेव सिंह, हीरा सिंह, सतपाल सिंह आदि ग्रामीण शामिल रहे।

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