गठित कमेटी पर ग्रामीणों ने लगाया अनदेखी का आरोप
कालसी यमुना घाटी लखवाड़-व्यासी बांध प्रभावित समिति के बैनर तले परिवार के सदस्यों के साथ धरना दे रहे लोहारी के ग्रामीणों ने जिलाधिकारी की ओर से गठित कमेटी के खिलाफ अनदेखी का आरोप लगाया।
संवाद सूत्र, कालसी: यमुना घाटी लखवाड़-व्यासी बांध प्रभावित समिति के बैनर तले परिवार के सदस्यों के साथ धरना दे रहे लोहारी के ग्रामीणों की 57वें दिन भी सुध नहीं ली गई। ग्रामीणों ने शनिवार को भी सरकार के खिलाफ नारेबाजी की, साथ ही आरोप लगाया कि जिलाधिकारी की ओर से गठित कमेटी में भी उनकी भूमि के बदले भूमि की मांग को नजर अंदाज किया जा रहा है।
व्यासी जल विद्युत परियोजना से पूरी तरह से विस्थापित लोहारी के ग्रामीण विस्थापन, जमीन के बदले जमीन, परिवार के एक सदस्य को नौकरी आदि मांग को लेकर जुड्डो में धरना दे रहे हैं। शुरुआत में संबंधित अधिकारी ग्रामीणों के बीच आए, सीएम से भी भाजपा नेता प्रताप सिंह रावत के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल मिला, लेकिन समस्या का हल नहीं निकला। आक्रोशित ग्रामीणों का धरना 57वें दिन से चल रहा है। ग्रामीणों ने प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए अपना रोष व्यक्त किया। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि वर्तमान प्रदेश सरकार को किसानों की परेशानी व समस्याओं से कोई सरोकार नहीं है, क्योंकि शासन के आदेश के अनुसार रेशम फार्म जीवनगढ़ व अंबाड़ी की भूमि को लखवाड़-व्यासी जलविद्युत परियोजना के लिए आवंटन के निरस्तीकरण, अनुग्रह सहायता, अनुदान और परिसंपत्तियों के मुआवजे के लिए जिलाधिकारी ने एक कमेटी का गठन किया है। आरोप लगाया कि कमेटी में भी आंदोलनरत लोहारी के किसानों की भूमि के बदले भूमि की मांग की अनदेखी की जा रही है। ग्रामीणों ने कहा कि जब तक तीन जनवरी 2017 मंत्रीमंडल के प्रस्ताव को बहाल नहीं किया जाता, तब तक आंदोलन को समाप्त नहीं किया जाएगा। धरना और प्रदर्शन में भाव सिंह तोमर, कुंपाल चौहान, मोहन सिंह, नरेन्द्र चौहान, सुखपाल तोमर, कल्लू वर्मा, अमिता तोमर, आशा चौहान, रेखा चौहान, शर्मिला तोमर, विमला देवी आदि शामिल रहे।