आधी सीटों पर संचालन की शर्त का यात्रियों को भुगतना पड़ रहा खामिया, मनमाना किराया वसूल रहे विक्रम चालक

कोरोना संक्रमण बढ़ने से आधी सीटों पर संचालन की शर्त का खामियाजा यात्रियों को भुगतना पड़ रहा। आरोप है कि विक्रम चालक यात्रियों से मनमाना किराया वसूल रहे। यात्रियों का आरोप है कि वाहन में बैठने से पहले ही चालक उन्हें बता रहे कि दोगुना किराया लगेगा।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Sun, 18 Apr 2021 08:54 AM (IST) Updated:Sun, 18 Apr 2021 08:54 AM (IST)
आधी सीटों पर संचालन की शर्त का यात्रियों को भुगतना पड़ रहा खामिया, मनमाना किराया वसूल रहे विक्रम चालक
आधी सीटों पर संचालन की शर्त का यात्रियों को भुगतना पड़ रहा खामिया।

जागरण संवाददाता, देहरादून। कोरोना संक्रमण बढ़ने से आधी सीटों पर संचालन की शर्त का खामियाजा यात्रियों को भुगतना पड़ रहा। आरोप है कि विक्रम चालकों की ओर से यात्रियों से मनमाना किराया वसूला जा रहा है। यात्रियों का आरोप है कि वाहन में बैठने से पहले ही चालक उन्हें बता रहे कि दोगुना किराया लगेगा। मजबूरी में लोग चालकों की बात मानकर सफर कर रहे हैं। इस अवैध वसूली पर परिवहन विभाग पूरी तरह आंखें मूंदे बैठा हुआ है। 

सरकार ने सार्वजनिक परिवहन वाहनों को पचास फीसद सीटों पर संचालन की मंजूरी दी हुई है। तीन दिन पहले मिली इस मंजूरी पर बस संचालकों ने तो हाथ खड़े कर दिए हैं लेकिन ऑटो और विक्रम संचालकों द्वारा मनमाना किराया लेकर संचालन किया जाने लगा है। आरोप है कि या तो विक्रम में पूरी सवारी बैठाई जा रही, या फिर आधी क्षमता के साथ संचालन पर दोगुना किराया वसूला जा रहा है। शनिवार को कुछ रूटों पर सफर करने वाले यात्रियों से जब किराए को लेकर पूछताछ की गई तो मालूम चला कि विक्रम चालक दोगुना किराया ले रहे हैं। 

यह है ऑटो-विक्रम का किराया

गत वर्ष संभागीय प्राधिकरण ने ऑटो व विक्रम के प्रति किमी किराये को बढ़ा दिया था। ऑटो का पहले दो किमी का किराया 50 रुपये और इससे ऊपर प्रति किमी किराया 15 रुपये है। प्राधिकरण ने रात्रि में ऑटो में किराया 50 फीसद अधिक किया था। वहीं, विक्रम का किराया नौ रुपये प्रति किमी से बढ़ाकर पहले दो किमी के लिए 40 रुपये व इसके बाद हर किमी के लिए 17 रुपये किया गया था। विक्रम का जो किराया तय है, वह उसमें बैठने वाली सभी सवारियों के औसत पर निकाला जाता है। यानी, विक्रम अगर तीन किमी चलता है तो किराए के 57 रुपये उसमें बैठी सभी सवारियों की संख्या से भाग करने के बाद वसूले जाने चाहिए। 

नेहरू कॉलोनी निवासी अमन कुमार कहते हैं, 'मैंने नेहरू कालोनी से तहसील के लिए विक्रम पकड़ा। चालक ने पहले ही मुझसे कहा कि किराया कि 20 रुपये होगा। मैनें उससे किराया 10 रुपये होने की बात कही तो उसने मुझसे उतर जाने को कहा। जरूरी काम के चलते मुझे आना था, इसलिए मैनें 20 रुपये देकर सफर किया।' 

जीएमएस रोड निवासी कुसुम रानी बताती हैं, 'मैंने सब्जी मंडी निरंजनपुर तिराहे से पांच नंबर का विक्रम पकड़ा। उस वक्त चालक ने किराया नहीं बताया, लेकिन तहसील पर उतरने के दौरान उसने 15 रुपये मांगे। मैनें 10 रुपये किराया होने की बात ही तो वह विवाद करने लगा। जिस पर मैंने उसे 15 रुपये किराया दे दिया।' 

करनपुर निवासी सतीश यादव कहते हैं, 'मैं आइएसबीटी से पांच नंबर के विक्रम में दर्शनलाल चौक के लिए सवार हुआ। उस समय चालक ने किराया नहीं बताया। जब यहां आकर उतरा और चालक को किराया देने लगा तो उसने 20 रुपये मांगे। जब मैनें किराया 15 रुपये की बात कही तो चालक लड़ने लगा। जिस पर मैनें उसे 20 रुपये ही दे दिए।' 

सहस्रधारा रोड निवासी शिवानी शर्मा ने कहा, 'मैं आइएसबीटी से सर्वे चौक आने के लिए विक्रम में चढ़ा। चालक ने मुझे पहले ही बता दिया कि किराया 30 रुपये लगेगा। मैनें 15 रुपये किराए की बात कही तो वह बोला कि सरकार ने आधी सीट पर सवारी ले जाने को कहा है। यही नहीं उसने बोला कि सभी यात्रियों से डबल किराया लिया जा रहा है। इस पर मैनें मजबूरी में विक्रम चालक को 30 ही रुपये दिए।' 

आरटीओ प्रवर्तन संदीप सैनी का कहना है कि परिवहन विभाग की ओर से किराए में किसी तरह की वृद्धि नहीं की गई है। जो किराया परिवहन प्राधिकरण द्वारा फरवरी में तय किया गया था, वही मान्य है। विक्रम चालक अगर ज्यादा किराया वसूल रहे हैं तो इसकी जांच कराई जाएगी और परमिट के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। 

विक्रम जनकल्याण समिति के अध्यक्ष राजेंद्र कुमार का कहना है कि जिन रूटों पर चालकों द्वारा यात्रियों को तंग कर किराया अधिक लिया जा रहा है, वहां के रूट प्रधानों को चेतावनी दी गई है। यूनियन के पदाधिकारी सोमवार से हर रूट पर औचक निरीक्षण करेंगे और यात्रियों से किराए के बारे में पूछेंगे, जहां भी किराया अधिक लेने की बात सामने आएगी, वहां विक्रम चालक व संचालक पर कार्रवाई की जाएगी। 

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