Vijay dashmi 2020: विजयदशमी का पर्व आज, राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को दी शुभकामनाएं
Vijay dashmi 2020 राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को विजयदशमी पर्व की शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने सभी से यह पर्व आपसी भाईचारे के साथ मनाने की अपील की है। राज्यपाल ने कहा कि यह पर्व बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है।
देहरादून, जेएनएन। Vijay dashmi 2020 राज्यपाल बेबी रानी मौर्य और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रदेशवासियों को विजयदशमी पर्व की शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने सभी से यह पर्व आपसी भाईचारे के साथ मनाने की अपील की है। राज्यपाल ने विजयदशमी की पूर्व संध्या में संदेश जारी कर कहा कि यह पर्व बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है। यह हमें याद कराता है कि सच्चाई की हमेशा जीत होती है। उन्होंने प्रदेशवासियों से आपसी-भाईचारे और सौहार्द के साथ मिलजुल कर यह पर्व मनाने का आह्वान किया है।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपने संदेश में कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम राम का संपूर्ण जीवन चरित्र अनुकरणीय है। उनकी जीवन की विशिष्टता समाज का मार्ग प्रशस्त करती रही है। उन्होंने धर्म और सत्यता के मार्ग पर चलकर रावण पर विजय प्राप्त की थी। उन्होंने कहा कि यह पर्व हमें जीवन की कठिनाइयों से पार पाने की प्रेरणा भी देता है। मुख्यमंत्री ने सभी प्रदेशवासियों से कोरोना के दृष्टिगत इस अवसर पर शारीरिक दूरी, मास्क पहनने के साथ ही अन्य सावधानियों का अनुपालन करने की भी अपील की है।
दून में सांकेतिक रूप से ही मनाया जा रहा दशहरा
दून में इस बार दशहरा पर्व सादगी से मनाया जा रहा है। न मेला आयोजित हो रहा है और न ही रावण के विशालकाय पुतले का दहन। कोरोना काल में प्रशासन की गाइडलाइन के तहत बेहद सांकेतिक रूप से रावण दहन होगा। बन्नू बिरादरी ने आयोजन स्थगित कर दिया है। जबकि, प्रेमनगर में रावण दहन की तैयारी है। यहां रावण की ऊंचाई को लेकर भी विवाद होने की आशंका है। प्रेमनगर दशहरा कमेटी के अनुसान आज शाम को छह बजे पंचायती मंदिर प्रांगण में सीमित लोगों की उपस्थिति में रावण दहन प्रस्तावित है। हालांकि, कमेटी ने रावण की ऊंचाई 20 फीट रखी है। प्रशासन की ओर से जारी गाइडलाइन में 10 फीट से अधिक की अनुमति नहीं है। कमेटी का कहना है कि वे गाइडलाइन मिलने से पहले ही रावण तैयार कर चुके थे। अब यदि प्रशासन कोई आपत्ति करता है तो कमेटी पुतला दहन करने की बजाय उसे प्रशासन को ही सौंप देगी। इसके अलावा शहर में विभिन्न मोहल्लों में भी बच्चों ने छोटे-छोटे रावण बनाए हैं, जिन्हें बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में दहन किया जाएगा। हालांकि, इस बार दशहरा पर्व को लेकर उत्साह कम है और गली-मोहल्लों में भी विशेष आयोजन नहीं किए जा रहे हैं।
बाजारों में दशहरे का उत्साह कम
कोरोना महामारी का असर दशहरा पर्व पर भी दिख रहा है। बाजारों में भीड़ है, लेकिन दशहरे की रौनक गायब है। दशहरे को लेकर न तो व्यापारियों में उत्साह है और न ही आम जनता में। पलटन बाजार से लेकर धामावाला, झंडा बाजार, मोती बाजार में माहौल सामान्य है। इस बार शहर में न तो रावण दहन हो रहा है और न ही किसी मेले का आयोजन। ऐसे में बाजार से दशहरे के खिलौने और अन्य सामग्री गायब नजर आई है। हालांकि, सब्जी मंडियों में फल और सब्जी के खरीदारों की संख्या सामान्य ही रही। विजयदशमी पर दशहरा पूजन के लिए गन्ने की भी खरीदारी भी सुबह से ही हो रही है। व्यापारियों ने भी इस बार दशहरे को लेकर खास तैयारी नहीं की। मोती बाजार के व्यापारी संजीव गुप्ता ने बताया कि कोरोना महामारी के चलते इस बार दशहरे पर विशेष आयोजन नहीं हो रहे हैं। इसी को देखते हुए दुकानों पर दशहरे के सामान नही मंगाया गया। अभी ग्राहक भी ज्यादा रुचि नहीं दिखा रहे हैं। उम्मीद है दीपावली तक त्योहारों की खरीदारी बढ़ जाएगी।
नेहरू स्टेडियम में खड़ा हुआ बुराई का प्रतीक रावण का पुतला
बुराई पर अच्छाई के प्रतीक रावण का पुतला नेहरू स्टेडियम में खड़ा कर दिया गया है शाम 5:30 बजे पुतला दहन किया जाएगा इस बार पुतले की ऊंचाई भी 100 फीट से हटाकर 50 फीट कर दी गई है। कोरोना संक्रमण के चलते इस बार रामलीला के मंचन से लेकर पुतला दहन तक पर तमाम तरह की बंदिश है रुड़की के नेहरू स्टेडियम में हर साल रावण का पुतला दहन होता था यहां पर मेले के आयोजन के साथ साथ पुतला दहन कार्यक्रम देखने के लिए 25,000 से अधिक की भीड़ उमड़ती थी। इस बार प्रशासन ने पुतला दहन के लिए श्री रामलीला समिति के पदाधिकारियों को ही पुतला दहन कार्यक्रम में शामिल होने की अनुमति दी है इसके चलते इस बार प्रतीकात्मक रूप से ही पुतला दहन वाले कार्यक्रम किए जा रहे हैं नेहरू स्टेडियम में देर रात रावण का पुतला बनकर तैयार हो गया है श्री रामलीला समिति बेटी गंज के पदाधिकारी सौरभ सिंघल ने बताया कि शाम 5:30 बजे पुतला दहन का कार्यक्रम होगा, जिसमें केवल 30 व्यक्ति उपस्थित रहेंगे।