Veterans for Nation: देशभक्ति की अलख जगाने निकले पूर्व सैन्य अधिकारी, 18 दिन में तय करेंगे 3200 किमी का सफर
Veterans for Nation Campaign के तहत दून से सेना के तीनों अंगों की एक वेटरन्स मोटर रैली रवाना की गई। उत्तराखंड सब एरिया के जीओसी मेजर जनरल संजीव खत्री व संयुक्त मुख्य जलसर्वेक्षक रियर एडमिरल अधीर अरोड़ा ने लाल गेट युद्ध स्मारक से रैली को फ्लैग आफ किया।
जागरण संवाददाता, देहरादून। Veterans for Nation Campaign 'वेटरन्स फार नेशन' अभियान के तहत दून से सेना के तीनों अंगों की एक वेटरन्स मोटर रैली रवाना की गई। उत्तराखंड सब एरिया के जीओसी मेजर जनरल संजीव खत्री व संयुक्त मुख्य जलसर्वेक्षक रियर एडमिरल अधीर अरोड़ा ने गढ़ी कैंट स्थित लाल गेट युद्ध स्मारक से रैली को फ्लैग आफ किया।
'वेटरन्स फार नेशन' अभियान में सेना से सेवानिवृत्त कर्नल आरएस सिंधु व कैप्टन एनएस बिष्ट और नौसेना के सेवानिवृत्त कमोडोर रवि नौटियाल और कैप्टन अनूप चौहान शामिल हैं। यह लोग दून से सियाचिन बेस कैंप का 3200 किमी का सफर 18 दिन में तय करेंगे।
इस अभियान का उद्देश्य भारत के 75वें स्वतंत्रता दिवस का मान-सम्मान,गुणगान और देश के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीर सैनिकों की शौर्य गाथा को अमर करना है। उत्तराखंड सब एरिया के जीओसी मेजर जनरल संजीव खत्री ने पूर्व सैन्य अधिकारियों की देशभक्ति व साहसिक भावना की प्रशंसा की। साथ ही उन्होंने इस अभियान के लिए उन्हें शुभकामनाएं दी।
सेना अस्पताल के सेवाभाव को राज्यपाल ने सराहा
सेना अस्पताल के चिकित्सकों के समर्पण और सेवाभाव को राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने भी सराहा है। उन्होंने कोरोनाकाल में शिद्दत से अपनी ड्यूटी कर रही चिकित्सीय टीम की पीठ थपथाई है। बता दें कि हाल में कोरोना संक्रमित 42 साल की एक महिला सौ दिन बाद सेना अस्पताल से डिस्चार्ज हुई है। दरअसल, दून निवासी सेवारत सैन्य अधिकारी की पत्नी अप्रैल में कोरोना संक्रमित हुई थी। बीती 21 अप्रैल को उन्हेंं गंभीर अवस्था में गढ़ी कैंट स्थित सेना अस्पताल में भर्ती कराया गया।
चिकित्सकों के अनुसार महिला को अस्पताल लाया गया तो उन्हेंं कोविड न्यूमोनिया के गंभीर लक्षण थे। आक्सीजन सैचुरेशन बेहद कम था और सांस उखड़ रही थी। उनके फेफड़ों में गहरा संक्रमण था और वह रेस्पिरेटरी फेलियर की स्थिति में थी। चिकित्सकों के अनुसार उन्हें लंबे वक्त आइसीयू में रखना पड़ा। कोरोना संक्रमण से मुक्त होने के बाद महिला को पोस्ट कोविड गंभीर समस्याओं से जूझना पड़ा। पर चिकित्सकों ने हार नहीं मानी। पोस्ट कोविड पैलिएटिव वार्ड में उनका उपचार किया गया। यह चिकित्सक व अन्य स्वास्थ्यकॢमयों के सेवाभाव व समर्पण का ही नतीजा है कि वह अब पूरी तरह स्वस्थ हैैं।
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