उत्‍तराखंड में पीपीपी और निजी क्षेत्र के जरिये होगा वाहन फिटनेस का काम

सड़क दुर्घटनाओं बढ़ रही हैं। इसका मुख्‍य कारण वाहनों की सही से फिटनेस नहीं होना है। मात्र आंखों से देखकर वाहनों की जांच की जाती है। विभाग ने वाहनों की फिटनेस आधुनिक तकनीक से करने के मद्देनजर आटोमेटेड फिटनेस टेस्टिंग सेंटर बनाने का निर्णय लिया।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Tue, 07 Dec 2021 06:50 PM (IST) Updated:Tue, 07 Dec 2021 06:50 PM (IST)
उत्‍तराखंड में पीपीपी और निजी क्षेत्र के जरिये होगा वाहन फिटनेस का काम
प्रदेश सरकार ने चार जिलों में आधुनिक तरीके से वाहनों की फिटनेस चेक करने की दिशा में कदम बढ़ाया है।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। प्रदेश सरकार ने चार जिलों में आधुनिक तरीके से वाहनों की फिटनेस चेक करने की दिशा में कदम बढ़ाया है। इसके तहत हरिद्वार और हल्द्वानी में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) और देहरादून व ऊधमसिंह नगर में निजी क्षेत्र (प्राइवेट सेक्टर) के जरिये ये कार्य शुरू करने का निर्णय लिया गया है। आटोमेटेड टेस्टिंग लेन में वाहनों की टेस्टिंग कराने के लिए शुल्क भी निर्धारित किया गया है। यह शुल्क सामान्य फीस से 200 से लेकर 400 रुपये अधिक रखा गया है।

प्रदेश में लगातार बढ़ रही सड़क दुर्घटनाओं में इसका एक बड़ा कारण वाहनों की सही प्रकार से फिटनेस न होना है। प्रदेश में अभी वाहनों की फिटनेस के लिए कोई ठोस व्यवस्था नहीं है। अभी तक मात्र आंखों से देखकर ही वाहनों की जांच की जाती है। वाहनों की फिटनेस आधुनिक तकनीक से करने के मद्देनजर विभाग ने आटोमेटेड फिटनेस टेस्टिंग सेंटर बनाने का निर्णय लिया। इसके लिए सरकार ने बजट में व्यवस्था भी की। इसमें व्यवस्था यह है कि इसका निर्माण राज्य सरकार कराएगी और इसका संचालन निजी क्षेत्र द्वारा किया जाएगा। केंद्र सरकार ने इसके लिए भूमि के अतिरिक्त 20.50 करोड़ रुपये की डीपीआर स्वीकृत कर दी है। इसमें 16 करोड़ रुपये केंद्र सरकार और 4.5 करोड़ रुपये प्रदेश सरकार ने वहन करना है। इन दोनों टेस्टिंग सेंटर को बनाने का कार्य चल रहा है। इसके निर्माण के बाद प्राइवेट पार्टनर के चयन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इसके साथ ही सरकार ने अब निजी क्षेत्र द्वारा देहरादून और हरिद्वार में आटोमेटेड फिटनेस टेस्टिंग सेंटर खोलने का निर्णय लिया है। इसमें यह स्पष्ट किया गया है कि निजी क्षेत्र द्वारा फिटनेस टेस्टिंग लेन खोलने पर विभाग को फिटनेस करने की कोई फीस नहीं मिलेगी। यदि सरकार अपने स्तर से फिटनेस सर्टिफिकेट जारी करती है तो वह 200 रुपये अपने स्तर से ले सकेगी।

अब इस पर सरकार ने अपनी सहमति दे दी है। निजी क्षेत्र द्वारा फिटनेस सेंटर संचालित किए जाने की स्थिति में दो पहिया वाहनों की फिटनेस फीस 600 रुपये होगी। इसकी प्रकार तिपहिया वाहन व हल्के मोटर वाहन की फिटनेस फीस 800 और बस व ट्रक की फिटनेस फीस 1200 रुपये होगी। प्रत्येक प्रमाण पत्र में 200 रुपये राज्य सरकार लेगी।

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