उत्‍तराखंड में बढ़ते संक्रमण के बीच टीकाकरण की रफ्तार पड़ी सुस्त

उत्तराखंड में कोरोना का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। इसके बचाव के लिए वैक्सीन एक बड़ा हथियार है पर राज्य में टीकाकरण की रफ्तार सुस्त पड़ गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी 11-14 अप्रैल तक देशभर में टीका उत्सव मनाने का आह्वान किया था।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Wed, 14 Apr 2021 11:05 AM (IST) Updated:Wed, 14 Apr 2021 11:05 AM (IST)
उत्‍तराखंड में बढ़ते संक्रमण के बीच टीकाकरण की रफ्तार पड़ी सुस्त
देहरादून में राजकीय दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में महिला को वैक्सीन लगातीं स्वास्थ्य कर्मी।

जागरण संवाददाता, देहरादून। उत्तराखंड में कोरोना का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। इसके बचाव के लिए वैक्सीन एक बड़ा हथियार है, पर राज्य में टीकाकरण की रफ्तार सुस्त पड़ गई है। संक्रमण की बढ़ती रफ्तार को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी 11-14 अप्रैल तक देशभर में टीका उत्सव मनाने का आह्वान किया था, ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके। पर राज्य में वैक्सीन की कमी इसके आड़े आ रही है। स्थिति ऐसी नहीं है कि टीका उत्सव मनाकर अधिक से अधिक व्यक्तियों को वैक्सीन लगाई जाए। दो दिन पहले केंद्र से वैक्सीन की जो खेप मिली थी वह भी खत्म होने के कगार पर है। ऐसे में यहां टीकाकरण मंद रफ्तार से चल रहा है। 

इधर, मंगलवार को राज्य में 620 केंद्रों पर 34 हजार 799 व्यक्तियों को टीका लगा। इनमें सबसे अधिक साढ़े 33 हजार लोग 45 साल से अधिक उम्र के रहे। जबकि 461 फ्रंटलाइन वर्कर्स व 415 स्वास्थ्य कर्मियों को भी टीका लगा है। इस तरह अब तक एक लाख 96 हजार 964 व्यक्तियों का पूर्ण टीकाकरण हो चुका है। वहीं 12 लाख 434 व्यक्तियों को वैक्सीन की पहली डोज लग चुकी है।

श्री महंत इंदिरेश में 188 जनरल व 33 आइसीयू बेड आरक्षित

कोरोना की दूसरी लहर के मद्देनजर श्री महंत इंदिरेश अस्पताल ने कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के लिए 188 जनरल बेड और 33 आइसीयू बेड आरक्षित कर दिए हैं। इसके अलावा कोरोना के मरीजों के उपचार के लिए एक्शन प्लान भी तैयार किया है। यह जानकारी अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अनिल कुमार धवन ने दी।

कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए चिकित्सा अधीक्षक ने मंगलवार को अस्पताल के इमरजेंसी इंचार्ज, आइसीयू इंचार्ज, नॄसग अधीक्षिका, प्रशासनिक अधिकारियों व सभी प्रमुख विभागों के विभागाध्यक्षों के साथ बैठक की। उन्होंने बताया कि अस्पताल के छाती एवं श्वास रोग विभाग में पल्मोनरी मेडिसिन के विशेषज्ञ चिकित्सकों की बड़ी टीम मौजूद है। दिसंबर 2020 तक अस्पताल में कोरोना संक्रमित 1090 मरीजों का उपचार किया गया। इसके अलावा ओपीडी में भी हजारों की संख्या में मरीज देखे गए। अब फिर कोरोना के मामले बढऩे लगे हैं। इस स्थिति में अस्पताल पूरी तरह तैयार है। छाती एवं श्वास रोग विभाग के प्रमुख डॉ. जगदीश रावत ने कहा कि कोरोनो को लेकर मरीज घबराएं नहीं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जो भी गाइडलाइन जारी की जा रही है, उसका अनुपालन करें।

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