दिव्यांग जनों को आत्मनिर्भर बनाना सच्ची मानव

सर्वाेच्च न्यायालय के वरिष्ठ जज यूयू ललित ने कहा कि दिव्यांग जनों को आत्मनिर्भर बनाना ही सच्ची मानव सेवा है। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों को सक्षम बनाने का काम कर रही संस्थाएं वास्तव में बधाई की पात्र हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 04 Dec 2021 09:42 PM (IST) Updated:Sat, 04 Dec 2021 09:42 PM (IST)
दिव्यांग जनों को आत्मनिर्भर बनाना सच्ची मानव
दिव्यांग जनों को आत्मनिर्भर बनाना सच्ची मानव

जागरण संवाददाता, ऋषिकेश : सर्वाेच्च न्यायालय के वरिष्ठ जज यूयू ललित ने कहा कि दिव्यांग जनों को आत्मनिर्भर बनाना ही सच्ची मानव सेवा है। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों को सक्षम बनाने का काम कर रही संस्थाएं वास्तव में बधाई की पात्र हैं।

शनिवार को ऋषिकेश के ज्योति विशेष विद्यालय में दिव्यांग बच्चों के बीच पहुंचकर सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ जज यूयू ललित ने विद्यालय के मेधावी छात्रों को प्रमाणपत्र प्रदान किए। इस दौरान उन्होंने विश्व नि:शक्तता दिवस के उपलक्ष्य में बच्चों के साथ केक भी काटा। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने विद्यालय के कुछ छात्रों को विकलांगता प्रमाणपत्र भी वितरित किये। उन्होंने कहा कि भरत मंदिर स्कूल सोसायटी की ओर से दिव्यांगजनों को जीवन यापन के लिए शारीरिक व मानसिक रूप से सक्षम बनाने के लिए किए जा रहे प्रयास सराहनीय हैं। उन्होंने दिव्यांग छात्रों द्वारा बनाए गए क्राफ्ट प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया। उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश राघवेंद्र सिंह चौहान ने कहा कि दिव्यांगों को जीवन यापन के लिए सक्षम बनाने में भरत मंदिर सोसायटी के प्रयास कारगर सिद्ध हुए हैं। वहीं ज्योति विशेष विद्यालय के छात्रों ने चक दे इंडिया पर शानदार प्रस्तुति देकर सबका मनमोह लिया। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव नेहा कुशवाह के संचालन में चले कार्यक्रम में भरत मंदिर स्कूल सोसायटी के सचिव हर्षवर्धन शर्मा, श्रीभरत मंदिर के महंत वत्सल प्रपन्नाचार्य महाराज, वत्सल शर्मा, सुधीर कुकरेती, विद्यालय की प्रधानाचार्य कमलेश भाटिया, एसबीएम इंटर कालेज के प्रधानाचार्य मेजर गोविद सिंह रावत आदि मौजूद रहे।

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