बिना संबद्धता चल रहे संस्थानों में परीक्षा नहीं लेगा यूटीयू, पढ़ि‍ए पूरी खबर

बिना संबद्धता लिए चल रहे प्रदेश के इंजीनियरिंग कॉलेजों की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। वीर माधो सिंह भंडारी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने निर्णय लिया है कि बिना संबद्धता प्राप्त संस्थानों में प्रवेश लिए छात्रों की यूटीयू परीक्षा नहीं लेगा। विवि के कुलपति डॉ. पीपी ध्यानी की अध्यक्षता में वर्चुअल बैठक हुई।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Sat, 08 May 2021 11:20 AM (IST) Updated:Sat, 08 May 2021 11:20 AM (IST)
बिना संबद्धता चल रहे संस्थानों में परीक्षा नहीं लेगा यूटीयू, पढ़ि‍ए पूरी खबर
बिना संबद्धता लिए चल रहे प्रदेश के इंजीनियरिंग कॉलेजों की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं।

जागरण संवाददाता, देहरादून। बिना संबद्धता लिए चल रहे प्रदेश के इंजीनियरिंग कॉलेजों की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। वीर माधो सिंह भंडारी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (यूटीयू) ने निर्णय लिया है कि बिना संबद्धता प्राप्त संस्थानों में प्रवेश लिए छात्रों की यूटीयू परीक्षा नहीं लेगा।

शुक्रवार को विवि के कुलपति डॉ. पीपी ध्यानी की अध्यक्षता में वर्चुअल बैठक हुई। जिसमें यूटीयू से संबद्ध 70 संस्थानों के चेयरमैन व निदेशकों ने प्रतिभाग किया। बैठक का संचालन यूटीयू के कुलसचिव आरपी गुप्ता ने किया। बैठक में प्रतिभाग करने वाले इंजीनियरिंग व अन्य संस्थानों के प्रमुखों को बताया गया कि शैक्षणिक सत्र 2021-22 के लिए सभी संबंधित संस्थानों को संबद्धता के लिए ऑनलाइन विवि के पोर्टल पर आवेदन करना होगा। विवि का पोर्टल एक जून 2021 से खुलेगा। यदि किसी संस्थान को आवेदन करने में कोई परेशानी होगी तो विवि प्रशासन तुरंत उसका निराकरण करेगा। कुलपति डॉ. पीपी ध्यानी ने बताया कि जो गाइडलाइन तय की गई हैं उनका सभी संबद्ध संस्थानों को पालन करना होगा। ऑनलाइन बैठक में विवि के परीक्षा नियंत्रक पीके अरोड़ा, सहायक लेखा अधिकारी सुरेश चंद्र आर्य, एमटेक के एचओडी डॉ. विशाल रमोला, परीक्षा अनुभाग से सुनील कुमार, गौरव भंडारी आदि मौजूद रहे।

यह गाइडलाइन की है तैयार

-समय पर संबद्धता को लेकर आवेदन नहीं करने वाले संस्थानों पर असंबद्धता की कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी।

-कोरोना महामारी के दौरान ऑनलाइन पढ़ाई सुनिश्चित करने के लिए विवि की मॉनिटरिंग शुरू होगी।

-सभी संस्थानों को पांच जून को विश्व पर्यावरण दिवस व 21 जून को विश्व योग दिवस अनिवार्य रूप से मनाना होगा।

-प्रौद्योगिकी को ग्रामोन्मुखी बनाने के लिए सभी संस्थानों को एक-एक गांव गोद लेना जरूरी होगा।

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