उत्तराखंड के टेंपो ट्रेवलर-मिनी बस संचालकों को राहत, पहाड़ी मार्गों पर चलने की भी अनुमति

उत्तराखंड के मिनी बस संचालकों को खासी राहत प्रदान की है। एसटीए ने अब 15 से 25 सीटर बसों के पर्वतीय और चारधाम मार्ग पर चलने के लिए छह टायर होने की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया है।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Sun, 24 Oct 2021 08:21 AM (IST) Updated:Sun, 24 Oct 2021 08:21 AM (IST)
उत्तराखंड के टेंपो ट्रेवलर-मिनी बस संचालकों को राहत, पहाड़ी मार्गों पर चलने की भी अनुमति
उत्तराखंड के टेंपो ट्रेवलर-मिनी बस संचालकों को राहत।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। राज्य परिवहन प्राधिकरण ने प्रदेश के मिनी बस संचालकों को खासी राहत प्रदान की है। एसटीए ने अब 15 से 25 सीटर बसों के पर्वतीय और चारधाम मार्ग पर चलने के लिए छह टायर होने की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया है। अब सिंगल टायर यानी चार टायर वाली बसें भी बेरोकटोक पर्वतीय मार्गों पर चढ़ सकेंगी।

प्रदेश में राज्य गठन के बाद से ही यह व्यवस्था बनी हुई है कि पर्वतीय मार्गों पर केवल उन्हीं बसों को परमिट दिया जाएगा, जिनके छह टायर होंगे। इससे प्रदेश में टेंपो ट्रेवलर व मिनी बस संचालकों को पर्वतीय मार्गों को परमिट नहीं दिए गए। वहीं, दूसरे राज्यों की मिनी बसों व ट्रेंपों ट्रेवलर को चारधाम यात्रा के दौरान को नहीं रोका जाता। इन्हें ग्रीन कार्ड भी जारी किए जाते हैं। शनिवार को यह मसला एसटीए के समक्ष रखा गया। एसटीए को यह बताया गया कि राज्य में विभिन्न वाहन निर्माता कंपनियों के 15 सीटर से अधिक सीट वाले वाहन हैं। इन्हें आल इंडिया परमिट भी दिया जा रहा है। पहले सुरक्षा के दृष्टिगत छह टायर वाले वाहनों को ही अनुमन्य किया गया था। अब नए वाहन सुरक्षात्मक उपायों से लैस हैं। ऐसे में इन्हें अनुमति दी जा सकती है। इस पर प्राधिकरण ने सिंगल टायर मिनी बसों को पर्वतीय मार्गों पर संचालित करने को मंजूरी प्रदान कर दी है।

विकासनगर-मीनस-त्यूनी-अटाल मार्ग पर जारी होंगे परमिट

तकरीबन एक वर्ष के अंतराल के बाद एसटीए ने विकासनगर से अटाल मार्ग के लिए फिर से परमिट जारी करने का निर्णय लिया है। इस मार्ग पर पहले से ही संचालित बसों को ये परमिट दिए जाएंगे। दरअसल, इस मार्ग पर दुर्घटना होने के कारण इस पर बस परमिट बंद कर दिए गए थे। नए एमवी एक्ट में यह व्यवस्था की गई कि जिस मार्ग की शुरुआत व समाप्ति वाले क्षेत्र एक ही राज्य में पड़ते हैं तो फिर वह राज्य इसके लिए परमिट जारी कर सकता है। ऐसे में एसटी ने इस मार्ग पर परमिट जारी करने की अनुमति प्रदान कर दी है।

सहारनपुर-बड़कोट-चकराता मार्ग के स्थायी परमिट होंगे जारी

प्रदेश लंबित चल रहे सहारनपुर-बड़कोट-चकराता-त्यूनी मार्ग पर अब स्थायी परमिट जारी किए जाएंगे। इस मार्ग पर 55 बस स्वामियों को इससे लाभ मिलेगा। ये अभी अस्थायी परमिट पर वाहनों का संचालन कर रहे थे। दरअसल, राज्य गठन के बाद यह मार्ग अंतरराज्यीय मार्ग बन गया था। ऐसे में इस मार्ग पर अस्थायी परमिट जारी किए जा रहे थे।

आडीटीआर झाझरा से लिया प्रशिक्षण तो नहीं देना होगा ड्राइविंग टेस्ट

यदि कोई वाहन चालक इंस्टीट्यूट आफ ड्राइविंग एंड ट्रेफिक रिसर्च (आइडीटीआर) में वाहन चलाने का प्रशिक्षण ले रहा है तो उसे लाइसेंस बनाते समय इसके लिए अलग से टेस्ट नहीं देना पड़ेगा। एसटीए ने आइडीटीए के सर्टिफिकेट को ड्राइविंग लाइसेंस के लिए मान्यता प्रदान कर दी है। यह प्रदेश का पहला मोटर ड्राइविंग इंस्टीट्यूट होगा जहां से प्रशिक्षण प्राप्त करने वालों को ड्राइविंग टेस्ट से छूट मिलेगी।

अब वेबसाइट में भी दी जाएगी बैठक की सूचना

राज्य परिवहन प्राधिकरण की बैठकों की सूचना अब विभागीय वेबसाइट पर भी दी जाएगी। यह सूचना बैठक से तकरीबन एक माह पहले अपलोड कर दी जाएगी। इसके साथ ही इसमें बैठक का एजेंडा भी जारी कर दिया जाएगा।

देहरादून-नैनीताल मार्ग पर परमिटों के आवेदन की सुनवाई पूरी

बैठक में नैनीताल से रानीबाग-काठगोदाम-हल्द्वानी-काशीपुर-हरिद्वार मार्ग पर स्थायी परमिटों पर भी सुनवाई है। इसमें पक्षकारों ने सुप्रीम कोर्ट समेत विभिन्न कोर्ट के निर्णयों का हवाला भी दिया।

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