उत्तराखंड: दाखिला फर्जीवाड़ा में उच्च शिक्षा मंत्री ने दिए जांच के आदेश, हरिद्वार के 12 और दून दो कॉलेजों ने किया था खेल

Admission Fraud उत्तराखंड में निर्धारित सीट से अधिक छात्रों को दाखिला देने और उनको सेमेस्टर परीक्षा में शामिल करने वाले श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय से संबद्ध 14 निजी कालेजों पर कार्रवाई की तलवार लटक गई है। उच्च शिक्षा मंत्री ने विभाग को दाखिला फर्जीवाड़े की जांच के आदेश दिए हैं।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Sat, 24 Jul 2021 10:40 AM (IST) Updated:Sat, 24 Jul 2021 10:40 AM (IST)
उत्तराखंड: दाखिला फर्जीवाड़ा में उच्च शिक्षा मंत्री ने दिए जांच के आदेश, हरिद्वार के 12 और दून दो कॉलेजों ने किया था खेल
दाखिला फर्जीवाड़ा में उच्च शिक्षा मंत्री ने दिए जांच के आदेश।

जागरण संवाददाता, देहरादून। Admission Fraud उत्तराखंड में निर्धारित सीट से अधिक छात्रों को दाखिला देने और उनको सेमेस्टर परीक्षा में शामिल करने वाले श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय से संबद्ध 14 निजी कालेजों पर कार्रवाई की तलवार लटक गई है। उच्च शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने उच्च शिक्षा विभाग को दाखिला फर्जीवाड़े की जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि यह छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है, जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। निजी कालेजों के साथ-साथ मामले में श्रीदेव सुमन विवि के अधिकारी व कर्मचारियों की भूमिका की भी जांच की जाएगी।

विदित रहे कि श्रीदेव सुमन विवि से 112 निजी कालेज संबद्ध हैं। इन कालेज में बीए, बीएससी के अलावा कई प्रोफेशनल कोर्स संचालित हो रहे हैं। विवि के कुलपति डा. पीपी ध्यानी ने बताया कि विवि ने पिछले वर्ष 2020 में 18 अगस्त से स्नातक व स्नातकोत्तर प्रथम सेमेस्टर की परीक्षाएं आफलाइन शुरू की। परीक्षा 18 सितंबर तक चली। इस दौरान हरिद्वार के 12 व देहरादून के दो निजी कालेजों ने अपने यहां निर्धारित सीटों से अधिक छात्रों के गुपचुप दाखिले कर दिए और उनको परीक्षा भी दिलवा दी।

परीक्षा के लिए कालेजों ने अतिरिक्त छात्रों को फर्जी प्रवेश पत्र दिए और प्रश्न पत्रों की फोटो कापी वितरित की गई। जब परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिका विवि के केंद्रीय मूल्यांकन केंद्र पहुंची तो वहां सभी संस्थानों की निर्धारित सीटें और प्राप्त उत्तर पुस्तिकाओं में सात सौ का अंतर मिला। इस पर विवि के कुलपति डा. पीपी ध्यानी ने दाखिले में फर्जीवाड़ा करने वाले संस्थानों के परीक्षा परिणाम पर रोक लगा दी और संस्थानों को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा।

छात्रों के माध्यम से बना रहे दबाव

श्रीदेव सुमन विवि के कुलपति ने कहा कि इन संस्थानों ने पहले विवि अधिनियम का उल्लंघन किया और अब विवि पर दोष मड़ रहे हैं। यह संस्थान छात्रों के माध्यम से विवि पर दबाव बना रहे हैं। साथ ही छात्र लगातार विवि प्रशासन को फोन कर रहे हैं। कुलपति ने कहा कि छात्र निर्दोष हैं, लेकिन दोषी संबद्ध संस्थानों पर कार्रवाई की जाएगी।

कुलसचिव और परीक्षा नियंत्रक भी जिम्मेदार

श्रीदेव सुमन विवि प्रशासन की भी इस संबंध में लापरवाही सामने आ रही है, जिसे देखते हुए कुलपति ने आंतरिक जांच भी शुरू करवा दी है। कुलपति डा. पीपी ध्यानी ने कहा कि इस संबंध में सीधी जिम्मेदारी विवि के तत्कालीन कुलसचिव व परीक्षा नियंत्रक की बनती है। सेमेस्टर परीक्षा से पहले जब निजी संस्थानों ने छात्रों के आनलाइन परीक्षा फार्म भरे तो विवि का पोर्टल देख रहे अधिकारी-कर्मचारी ने यह गलती क्यों नहीं पकड़ी। इसकी तत्काल जानकारी विवि प्रशासन को देनी चाहिए थी। इस बारे में मुख्य सचिव डा. सुखबीर सिंह संधू को आंतरिक रिपोर्ट भेजी जा रही है।

ऋषिकेश परिसर विवि को सौंपा गया

उच्च शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने यह भी बताया कि पंडित ललित मोहन शर्मा पीजी कालेज ऋषिकेश श्रीदेव सुमन विवि का परिसर होगा। इस पीजी कालेज के अधिकारी व कर्मचारियों का बंटवारा भी कर दिया गया है। एक सप्ताह के भीतर अधिसूचना जारी कर दी जाएगी।

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