Uttarakhand Weather Update: मौसम के तेवर तल्ख, हरिद्वार और ऋषिकेश में गंगा खतरे के निशान से ऊपर; जगह-जगह भूस्खलन
Uttarakhand Weather Update उत्तराखंड में मानसून रफ्तार पकड़ने लगा है। गढ़वाल से लेकर कुमाऊं मंडलों में बारिश का क्रम जारी है। मौसम विभाग ने शनिवार और रविवार के लिए प्रदेश में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है।
जागरण टीम, देहरादून। Uttarakhand Weather Update उत्तराखंड में मौसम के तेवर तल्ख बने हुए हैं। लगातार हो रही बारिश से नदी-नाले उफान पर हैं। हरिद्वार और ऋषिकेश में गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। एहतियातन आसपास की आबादी को रात में ही सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया गया था। देवप्रयाग में भी यही स्थिति है। अलकनंदा और मंदाकिनी में भी जल स्तर बढ़ने से नदी तट और आसपास के इलाकों में अलर्ट किया गया है। गंगोत्री, बदरीनाथ, केदारनाथ मार्ग कई स्थानों पर भूस्खलन की वजह से बाधित हो गया है। वहीं, आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। पानी लोगों के घरों तक पहुंच रहा है। पुलिस-प्रशासन इसपर लगातार नजर बनाए हुए है और घरों में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने में जुटे हैं। इधर, मौसम विभाग ने शनिवार और रविवार के लिए प्रदेश में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है।
भूस्खलन होने से मलबे में फंसी कार
मौसम के तेवर तल्ख होने के साथ ही दुश्वारियों में भी इजाफा हो रहा है। बदनाथ हाईवे पर क्षेत्रपाल में भूस्खलन होने से वहां से गुजर रही कार फंस गई। गनीमत रही कि इस दौरान किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचा। चालक और सवार लोगों ने भाग कर जान बचाई।
हरिद्वार में खतरे के निशान से ऊपर बह रही गंगा
हरिद्वार में गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है। गंगा खतरे के निशान 294 मीटर से ऊपर 294.40 मीटर पर बह रही है। पानी के बहाव में भारी मात्रा में सिल्ट आने के कारण गंगनहर को बंद कर दिया गया है। प्रशासन ने कल ही अलर्ट जारी करते हुए सभी बाढ़ चौकियों को सतर्क कर दिया था। डूब क्षेत्र को खाली करा लिया गया था। साथ ही गंगा के तटीय इलाकों में सतर्कता बढ़ती जा रही है।
(ऋषिकेश के चंद्रेश्वर नगर में घुसा पानी, पुलिस की टीम मदद के लिए पहुंची।)
टिहरी में भी खतरे के निशान से ऊपर गंगा
लगातर हो रही बारिश से देवप्रयाग में गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। देवप्रयाग में 464.00 मीटर पर गंगा बह रही है, जबकि 463 से ऊपर खतरे का निशान है। संगम स्थल भी पानी में डूबा है। बदरीनाथ राजमार्ग एनएच-58 भारी भूस्खलन के कारण ब्यासी के पास बंद है। मार्ग खोलने का प्रयास किया जा रहा है। दो लिंक रोड भी मलबा आने से बंद है।
यमुनोत्री हाईवे धरासू बैंड के पास बंद
यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग धरासू बैंड के पास बंद है। मार्ग को सुचारु करने के लिए एनएच की टीम जुटी हुई है। वहीं, जनपद के पांच संपर्क मार्ग बाधित है। गंगोत्री यमुनोत्री सहित जिला मुख्यालय में हल्के बादल छाए हुए हैं, जबकि डुंडा के धौंतरी क्षेत्र में बारिश हो रही है।
ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय कई जगह बंद
ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग कंचन गंगा, रडांग बैंड, लामबगड़, हाथी पर्वत पर काली मंदिर, पागल नाला के पास बंद है। कौड़िया और क्षेत्रपाल में पहाड़ी से पत्थर गिर रहे हैं। कुमाऊं क्षेत्र को जोड़ने वाला हाईवे कर्णप्रयाग-थराली मोटर मार्ग भी कई जगह बंद है। कर्णप्रयाग-ग्वालदम सड़क पर नलगांव और आमसौड़ा के मध्य सड़क बाधित होने से वाहनों में 150 लोग कल से फंसे हुए हैं।
प्रदेश में 13 जून को मानसून पहुंच गया था, लेकिन इसके बाद रफ्तार धीमी पड़ गई। गुरुवार शाम से इसने गति पकड़ी। लगातार बारिश के बीच पहाड़ों से गिर रहा मलबा आवागमन में बाधा डाल रहा है। भूस्खलन के कारण बदरीनाथ हाईवे कई स्थानों पर बाधित है, जबकि केदारनाथ हाईवे पर 12 घंटे बाद आवाजाही बहाल हो पाई। दूसरी ओर कुमाऊं के पिथौरागढ़ जिले में कैलास-मानसरोवर मार्ग दसवें दिन भी नहीं खोला जा सका। पिथौरागढ़ जिले में थल-मुनस्यारी और धारचूला-तवाघाट मार्ग भी बंद हैं। जिलाधिकारी ने नदी किनारे बस्तियों में अलर्ट जारी किया है।
राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक शनिवार को नैनीताल और चम्पावत जिले के लिए आरेंज, जबकि अन्य जिलों के लिए यलो अलर्ट जारी किया गया है। केंद्र के अनुसार रविवार को देहरादून, पौड़ी, टिहरी और नैनीताल में भारी बारिश के आसार हैं।
बदरीनाथ के निकट सड़क धंसी
जोशीमठ से दस किलोमीटर दूर विष्णुप्रयाग के पास भू-धंसाव से सड़क क्षतिग्रस्त हो गई है। इससे सड़क के किनारे बने टिन शेड को भी नुकसान पहुंचा है। हालांकि सड़क के एक हिस्से से वाहन आ जा रहे हैं। प्रशासन के अनुसार लगातार हो रही बारिश के कारण अभी यहां पर मरम्मत का कार्य शुरू नहीं किया गया है।
यह भी पढ़ें- पर्वतीय क्षेत्र में बारिश से ऋषिकेश में गंगा उफान पर, प्रशासन ने गंगा के तटीय इलाकों में अलर्ट किया जारी
Uttarakhand Flood Disaster: चमोली हादसे से संबंधित सभी सामग्री पढ़ने के लिए क्लिक करें