Uttarakhand Weather News: उत्तराखंड में अगले तीन दिन भारी बारिश का अलर्ट

राज्‍य के मौसम केंद्र के अनुसार 12 अगस्त को देहरादून टिहरी पिथौरागढ़ बागेश्वर नैनीताल ऊधमसिंह नगर और पौड़ी जिलों में भारी बारिश हो सकती है।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Tue, 11 Aug 2020 07:40 AM (IST) Updated:Tue, 11 Aug 2020 10:06 PM (IST)
Uttarakhand Weather News: उत्तराखंड में अगले तीन दिन भारी बारिश का अलर्ट
Uttarakhand Weather News: उत्तराखंड में अगले तीन दिन भारी बारिश का अलर्ट

देहरादून, जेएनएन। Uttarakhand Weather News राज्‍य के मौसम केंद्र के अनुसार 12 अगस्त को देहरादून, टिहरी, पिथौरागढ़, बागेश्वर, नैनीताल, ऊधमसिंह नगर और पौड़ी जिलों में भारी बारिश हो सकती है। इस दौरान आकाशीय बिजली गिरने की भी आशंका है। हरिद्वार जिले में 13 और 14 अगस्त को भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। राज्‍य में 14 अगस्‍त के बाद भी बारिश का सिलसिला जारी रह सकता है।

उत्तराखंड में बारिश जनजीवन पर भारी पड़ने लगी है। नदियां उफान पर हैं और लगातार हो रहा भूस्खलन जानलेवा साबित हो रहा है। रुद्रप्रयाग के जखोली क्षेत्र में बादल फटने से घरों में मलबा घुस गया, जबकि चमोली जिले में पहाड़ी से गिरे पत्थर की चपेट में आकर पोखरी नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी की मौत हो गई। हादसे में तीन घायल हैं। टिहरी जिले दूरस्थ क्षेत्र जौनपुर में आकाशीय बिजली गिरने से एक अधेड़ की जान चली गई। हरिद्वार में गंगा चेतावनी रेखा पर पहुंची, जिला प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है। वहीं कुमाऊं में गोरी, काली, सरयू और शारदा में भी उफान है। रुद्रप्रयाग में बारिश और भूस्‍खलन से गौरीकुंड हाईवे तीसरे दिन भी अवरुद्ध है। वहीं अलकनंदा और मंदाकिनी नदी का जलस्तर बढ़ गया है। उधर, चमोली में बारिश से बदरीनाथ हाईवे लामबगड़, भनेरपानी, पागलनाला, बिरही और चमोली में बंद है।

यमुनोत्री धाम के निकट घोड़ा पड़ाव के पास एक नाले में बारिश के कारण आया उफान

उत्तरकाशी जिले के यमुनोत्री धाम के निकट घोड़ा पड़ाव के पास एक नाले में बारिश के कारण उफान आया। उफान के साथ आए मलबे से यमुनोत्री धाम को जोड़ने वाला मार्ग बाधित हो गया है। साथ ही घोड़ा पड़ाव व रास्ते को भी नुकसान पहुंचा है। सोमवार को हुई बारिश के कारण यमुनोत्री धाम के घोड़ा पड़ाव के पास पहाड़ी से उफान के साथ आए मलबे से यमुनोत्री धाम को जोड़ने वाला रास्ता बाधित हुआ है। साथ ही घोड़ा पड़ाव और आसपास भी क्षति हुई है। यमुनोत्री धाम जाने वाले यात्रियों किसी तरह मलबे के ऊपर से होकर आवाजाही करनी पड़ रही है। वहीं, चमोली में भूस्खलन से दो भवनों को नुकसान पहुंचा है।

रविवार रात रुद्रप्रयाग जिले के जखोली ब्लॉक के सिरवाड़ी-पूलन गांव में बादल फटने से खासा नुकसान हुआ है। पास की पहाड़ी से भारी मात्रा में मलबा गांव में जा घुसा। इससे सात मकानों को क्षति पहुंची। तेज आवाज से घबराए ग्रामीण आधी रात में घर छोड़कर सुरक्षित स्थान की ओर भागे। मलबे से खेत पट गए और पास की सड़क पर बना पुल भी ध्वस्त हो गया। उप जिलाधिकारी एनएस नग्नयाल ने बताया कि मौके के मुआयने के लिए राजस्व टीम गांव में है।

चमोली जिले की पोखरी तहसील में एक कार पहाड़ी से गिरे बोल्डर (विशाल पत्थर) की चपेट में आ गई। हादसे में पोखरी नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी नंदराम तिवारी की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि उनके साथ सवार तीन व्यक्तियों ने भाग कर जान बचाई। नंदराम तिवारी गोपेश्वर से पोखरी जा रहे थे।  इसके अलावा कर्णप्रयाग के पास भी एक मारुति कार पर बोल्डर गिरा। इससे दो लोग मामूली रूप से घायल हो गए। 

दूसरी ओर भिलंगना ब्लॉक के गंगी गांव में तेज बारिश के दौरान गोशाला ध्वस्त हो गई। मलबे में दबने से 15 मवेशियों की जान चली गई। गांव में दस मकान भी क्षतिग्रस्त हो गए। पास की बरसाती नदी के उफान में पांच गोशालाओं, दो पैदल पुलिया व पैदल रास्ते क्षतिग्रस्त हो गए। 

मसूरी में उखड़े पेड़, कैम्पटी फॉल में उफान

मसूरी में शनिवार से रुक-रुक कर हो रही बारिश के बीच कैम्पटी फॉल में उफान आ गया। इससे आसपास के लोग दहशत में आ गए। इसके अलावा पास के कस्बे धनोल्टी में भी कुछ दुकानों में मलबा घुस गया। इसके अलावा लगातार बारिश के कारण देहरादून में बिंदाल और रिस्पना नदियां उफान पर हैं। इस दौरान लोग शहर के कई इलाकों में जलभराव से जूझते रहे। इसके अलावा दून स्कूल की चहारदीवारी भी क्षतिग्रस्त हुई है।

द्वितीय केदार मद्महेश्वर मंदिर के परिसर में भरा मलबा

भारी बारिश के बीच हुए भूस्खलन से द्वितीय केदार मद्महेश्वर मंदिर परिसर में एक बार फिर मलबा भर गया। मंदिर के पुजारी व अन्य कर्मचारियों ने रात में सुरक्षित स्थान पर शरण ली। पिछले माह 19 जुलाई को भी परिसर में मलबा घुस गया था। देवस्थानम बोर्ड के कार्याधिकारी एमपी जमलोकी ने बताया कि मामले की जानकारी प्रशासन और वन विभाग को दी जा रही है। 

बदरीनाथ, केदारनाथ हाईवे समेत 80 से ज्यादा मार्गों पर यातायात बाधित

भूस्खलन का सबसे ज्यादा असर सड़कों पर पड़ रहा है। चमोली और रुद्रप्रयाग जिले में बदरीनाथ और केदारनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग दूसरे दिन भी नहीं खोले जा सके। इसके अलावा कुमाऊं के पिथौरागढ़ जिले में चीन सीमा से जुड़े तीनों मार्ग दो सप्ताह से बंद हैं। उत्तराखंड में बारिश और भूस्खलन से 80 से ज्यादा मार्गों पर यातायात बाधित है।

फिलहाल राहत के आसार नहीं 

राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार प्रदेश में मंगलवार को भले ही मौसम साफ रहेगा, लेकिन बुधवार से एक बार फिर भारी बारिश हो सकती है। इस दौरान पिथौरागढ़, बागेश्वर, नैनीताल, देहरादून और टिहरी के साथ ही पौड़ी में विशेष सतर्कता बरतने को कहा गया है। मौसम का यह मिजाज 15 अगस्त तक बना रहेगा। 

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विभिन्न शहरों में तापमान शहर--------अधि---------न्यून. देहरादून-----28.0---------24.1 उत्तरकाशी---24.3---------19.2 मसूरी---------20.5---------16.2 टिहरी---------22.4---------18.4 हरिद्वार------34.1---------26.4       जोशीमठ-----23.2---------16.3 पिथौरागढ़----23.3---------20.2   अल्मोड़ा------25.6---------19.2 मुक्तेश्वर-----24.1---------16.6      नैनीताल------21.2---------17.0 यूएसनगर----30.5---------25.5 चम्पावत-----25.8---------19.3

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