उत्तराखंड परिवहन निगम की आय घटी, पांच माह से वेतन नहीं; अब सरकार पर टिकी नजरें

उत्तराखंड में लगातार बढ़ रहे कोरेाना संक्रमण ने परिवहन निगम की आय में भी खासा प्रभाव डाला है। हालात यह हैं कि निगम की आय इस समय तकरीबन 30 करोड़ रुपये प्रतिमाह है। वहीं निगम को खर्चे पूरे करने के लिए 150 करोड़ रुपये की जरूरत है।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Fri, 23 Apr 2021 06:02 PM (IST) Updated:Fri, 23 Apr 2021 10:43 PM (IST)
उत्तराखंड परिवहन निगम की आय घटी, पांच माह से वेतन नहीं; अब सरकार पर टिकी नजरें
उत्तराखंड परिवहन निगम की आय घटी, पांच माह से वेतन नहीं।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। उत्तराखंड में लगातार बढ़ रहे कोरेाना संक्रमण ने परिवहन निगम की आय में भी खासा प्रभाव डाला है। हालात यह हैं कि निगम की आय इस समय तकरीबन 30 करोड़ रुपये प्रतिमाह है। वहीं, निगम को खर्चे पूरे करने के लिए 150 करोड़ रुपये की जरूरत है। आय कम होने के कारण निगम के पास कर्मचारियों को वेतन देने के लिए पैसे नहीं हैं। निगम कर्मियों को दिसंबर के बाद से वेतन भी नहीं मिल पाया है। अब इसके लिए परिवहन निगम प्रदेश सरकार से गुहार लगा रहा है।

राज्य गठन के बाद परिवहन निगम को जो बस बेड़ा मिला था। उसकी हालात बहुत अच्छी नहीं थी। इसके अलावा निगम के पास उत्तर प्रदेश के जमाने की देनदारियां भी चढ़ी हुई थी। इससे स्थिति यह बनी कि परिवहन निगम कभी घाटे से उबर ही नहीं पाया। धीरे-धीरे निगम ने अपने बस बेड़े को मजबूत करना शुरू किया। नई डीलक्स व एसी बसें लाई गईं तो वाल्वो का संचालन भी शुरू किया गया। इससे धीरे-धीरे निगम की माली हालात सुधरने लगी। हालांकि, पुराने देयकों के कारण निगम कभी पूरी तरह फायदे में नहीं आ पाया।

बीते कुछ समय से निगम की स्थिति काफी बेहतर हुई थी। सरकार ने नई बसों के लिए निगम को लोन भी दिलाया। इस बीच बीते वर्ष कोरोना के कारण लाकडाउन लग गया। निगम की आय का प्रमुख साधन बसों का संचालन करना है। इस कारण निगम पर लाकडाउन काफी भारी पड़ा। इससे निगम की आर्थिक स्थिति बुरी तरह प्रभावित होने लगी। यहां तक कि निगम के पास कर्मचारियों को वेतन देने के लिए पैसे नहीं बचे। ऐसे में निगम ने सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के एवज में अपने लंबित देयकों के भुगतान की मांग उठाई। 

शासन से समय-समय से मिलने वाली मदद के चलते निगम ने किसी तरह अप्रैल से लेकर नवंबर तक का वेतन कर्मचारियों को दिया। हालांकि सेवानिवृत्त कार्मिकों को ग्रेच्युटी व अन्य लाभ नहीं दे पा रहा है। दरअसल, निगम का अपने खर्चे पूरे करने के लिए हर दिन 1.75 करोड़ रुपये की जरूरत होती है। इस समय निगम की आय घट कर एक करोड़ रुपये आ गई है। इससे निगम के खर्चे पूरे नहीं हो पा रहे हैं।

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