Coronavirus से जंग में मिसाल बनकर उभरा उत्तराखंड, राज्यों की सूची में अव्वल

Coronavirus रिकवरी दर के मामले में उत्तराखंड देशभर में तीसरे स्थान पर है। चंडीगढ़ पहले और लद्दाख दूसरे नंबर पर है।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Mon, 06 Jul 2020 09:48 AM (IST) Updated:Mon, 06 Jul 2020 12:17 PM (IST)
Coronavirus से जंग में मिसाल बनकर उभरा उत्तराखंड, राज्यों की सूची में अव्वल
Coronavirus से जंग में मिसाल बनकर उभरा उत्तराखंड, राज्यों की सूची में अव्वल

देहरादून, जेएनएन। प्रदेश में कोरोना की दस्तक हुए साढ़े तीन माह का वक्त बीच चुका है। अच्छी बात यह है कि उत्तराखंड अब सुकून की ओर बढ़ रहा है। एक वक्त पर स्थिति भयावह होती दिख रही थी, लेकिन धीरे-धीरे ही सही अब हालात नियंत्रण में आते दिख रहे हैं। रिकवरी दर के मामले में उत्तराखंड देशभर में तीसरे स्थान पर है। चंडीगढ़ पहले नंबर पर है, जबकि दूसरे नंबर पर लद्दाख है। अब क्योंकि चंडीगढ़ और लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश हैं, तो राज्यों की सूची में उत्तराखंड अभी अव्वल है।

उत्तराखंड में कोरोना का पहला मामला 15 मार्च को सामने आया था। शुरुआती दौर में संक्रमण को लेकर स्थिति नियंत्रण में थी, लेकिन जमातियों के यहां पहुंचने के बाद से मामले तेजी से बढ़ने शुरू हो गए और ग्राफ ऊपर चढ़ गया। फिर किसी तरह से हालात पर काबू पाया, लेकिन लॉकडाउन-3 में मिली छूट के बाद प्रवासियों के लौटने का सिलसिला शुरू हुआ, तो कोरोना वायरस का प्रसार कई गुना बढ़ गया। स्थिति दिनोंदिन भयावह होती चली गई। यहां तक कि शुरुआती दौर में कोरोना मुक्त रहे प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्र भी इस बीमारी की जद में आ गए। जहां एक वक्त पर उत्तराखंड संक्रमण दर, रिकवरी रेट, डबलिंग रेट आदि में देश से बेहतर स्थिति में खड़ा दिख रहा था।

वहीं, एकाएक पूरी गणित गड़बड़ा गई। पर अब इसमें लगातार सुधार दिख रहा है। डबलिंग रेट जहां 50.28 दिन हो गया है, वहीं स्वस्थ होने वाले मरीजों की तादाद भी लगातार बढ़ी है जिस रफ्तार से कोरोना संक्रमण के मामले बढ़े, उसी तेजी से लोग ठीक भी हो रहे हैं। यानि प्रदेश में स्थिति को सामान्य बनाने के लिए जो प्रयास किए जा रहे हैं, उनका असर अब प्रत्यक्ष दिखाई दे रहा है।कोरोना योद्धाओं की मेहनत से राज्य इस बीमारी पर जीत हासिल कर रहा है। उत्तराखंड ने साबित कर दिया कि विपरीत परिस्थितियों में ठोस रणनीति, बेहतर सूझबूझ, कार्य कुशलता और कुशल प्रबंधन को धरातल पर उतरा जाए तो बड़ी से बड़ी मुश्किल भी आसान हो सकती है।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा, मैं उन तमाम कोरोना योद्धाओं को दिल की गहराइयों से नमन करता हूं, जो दिन-रात इस मानवता भरे काम में बिना अपनी जान की परवाह किए लगे हुए हैं। 80 प्रतिशत से ऊपर कोरोना का रिकवरी रेट इसका उदाहरण है। कोरोना को पूरी तरह से मात देने के लिए और अनलॉक-2 के चलते अब हमें पहले से भी अधिक सतर्क रहने की जरूरत है।

दो कंटेनमेंट जोनऔर खत्म, 6 शेष

राहत की बात यह है कि देहरादून जिले में नए कंटेनमेंट जोन बनने की गति थमी है और दूसरी तरफ पहले से बने कंटेनमेंट जोन भी एक-एक कर समाप्त हो रहे हैं। रविवार को भी दून के दो और कंटेनमेंट जोन समाप्त कर दिए गए। अब इनकी संख्या महज छह रह गई है। दून में बल्लूपुर स्थित राम विहार और डोईवाला क्षेत्र में जौलीग्रांट स्थित वार्ड-05 का कंटेनमेंट जोन समाप्त कर दिया गया।

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डीएम डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि यहां पिछले 28 दिन से कोरोना संक्रमण का नया केस नहीं पाया गया। यदि स्थिति यही रही तो आने वाले दिनों में दून फिर से कंटेनमेंट जोन मुक्त हो जाएगा, जबकि एक समय में यहां कंटेनमेंट जोन की संख्या 55 तक पहुंच गई थी। अभी दून में सिर्फ पूर्वी पटेलनगर, चमन पुरी, 16 मोहिनी रोड, ईदगाह क्षेत्र (चकराता रोड) और तेलीवाला वॉर्ड 15 का क्षेत्र ही कंटेनमेंट जोन बना है। एक सप्ताह के भीतर दून में दो और कंटेनमेंट जोन के समाप्त होने की उम्मीद है। 

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