उत्तराखंड सचिवालय संघ और उत्तराखंड समीक्षा अधिकारी संघ ने राज्य में 15 दिन संपूर्ण लाकडाउन की मांग की

उत्तराखंड सचिवालय संघ और उत्तराखंड समीक्षा अधिकारी संघ ने राज्य में 15 दिन का पूर्ण लाकडाउन लगाने की मांग की है। सचिवालय संघ के अध्यक्ष दीपक जोशी ने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को पत्र लिखकर अनुरोध किया कि राज्य में प्रतिदिन कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Wed, 05 May 2021 12:54 PM (IST) Updated:Wed, 05 May 2021 12:54 PM (IST)
उत्तराखंड सचिवालय संघ और उत्तराखंड समीक्षा अधिकारी संघ ने राज्य में 15 दिन संपूर्ण लाकडाउन की मांग की
उत्तराखंड सचिवालय संघ और उत्तराखंड समीक्षा अधिकारी संघ ने राज्य में 15 दिन का लाकडाउन लगाने की मांग की है।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। उत्तराखंड सचिवालय संघ और उत्तराखंड समीक्षा अधिकारी संघ ने राज्य में लगातार बढ़ते कोरोना संक्रमण के दृष्टिगत 15 दिन का पूर्ण लाकडाउन लगाने की मांग की है। सचिवालय संघ के अध्यक्ष दीपक जोशी ने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को पत्र लिखकर अनुरोध किया कि राज्य में प्रतिदिन कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है। सरकार द्वारा कार्यालयों में 50 फीसद कार्मिकों की उपस्थिति, जिलों में लाकडाउन जैसे कई कदम उठाए गए हैं लेकिन कोरोना संक्रमण में कमी नहीं आई है। ऐसे में कोरोना की चेन तोड़ने के लिए राज्य में 15 दिन का संपूर्ण लाकडाउन बेहद जरूरी है, जिससे प्रदेश के सभी कार्मिकों, शिक्षकों और उनके आश्रित सदस्यों के स्वास्थ्य एवं जीवन की रक्षा संभव हो सके।

वहीं, समीक्षा अधिकारी संघ के अध्यक्ष जीतमणि पैन्यूली ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि कोरोना के कारण आए दिन कर्मचारी संक्रमित हो रहे हैं। इससे उनके परिजनों के भी संक्रमित होने की आशंका है। इसे देखते हुए सचिवालय के सभी अनुभाग 15 दिन के लिए बंद किए जाएं। जब संक्रमण थोड़ा कम होगा, तब कार्यालय के खुलने की सीमा सुबह नौ से शाम पांच बजे तक रखी जाए और केवल 35 फीसद स्टाफ को ही बुलाया जाए।

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मरीजों को कोरोना के बाद भी संबल देगी सरकार

प्रदेश सरकार अब कोरोना मरीजों के उपचार के बाद उनकी मानसिक स्थिति और उनकी सहायता की दिशा में भी कदम उठा रही है। इस कड़ी में आइएएस डी सेंथिल पांडियन को कोरोना उपचारित व्यक्तियों के मानसिक स्थिति व कोरोना पश्चात प्रबंधन का नोडल अधिकारी बनाया गया है। प्रदेश में कोरोना संक्रमण की दर कम होने का नाम नहीं ले रही है। कोरोना संक्रमण में इस बार यह बात देखने में आ रही है कि अस्पताल से उपचार लेने के बाद घर जाकर मरीज मानसिक अवसाद से भी जूझ रहे हैं। इसे देखते हुए सरकार ने मरीजों की मानसिक स्थिति और कोविड पश्चात प्रबंधन करने का निर्णय लिया है। इसी क्रम में आइएएस डी सेंथिल पांडियन को यह जिम्मा दिया गया है।

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