Uttarakhand School Reopen News: कहीं नियम हवा तो कहीं पालन करवाने की कोशिश, छुट्टी के दौरान सोशल बढ़ी मुश्किल

Uttarakhand School Reopen News दून में स्कूल खुल तो गए लेकिन छात्रों की संख्या बेहद कम दिखी। जो स्कूल खुले उनमें भी शिक्षक कोरोना नियमों का पालन करवाने की जद्दोजहद में उलझे रहे। खासतौर पर स्कूलों की छुट्टी के समय छात्र-छात्राओं में शारीरिक दूरी का पालन करवाना मुश्किल रहा।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Tue, 03 Aug 2021 09:20 AM (IST) Updated:Tue, 03 Aug 2021 11:08 AM (IST)
Uttarakhand School Reopen News: कहीं नियम हवा तो कहीं पालन करवाने की कोशिश, छुट्टी के दौरान सोशल बढ़ी मुश्किल
कहीं नियम हवा तो कहीं पालन करवाने की कोशिश, छुट्टी के दौरान सोशल बढ़ी मुश्किल।

जागरण संवाददाता, देहरादून। Uttarakhand School Reopen News तीन महीने बाद दून में स्कूल खुल तो गए, लेकिन छात्रों की संख्या बेहद कम दिखी। जो स्कूल खुले उनमें भी शिक्षक कोरोना नियमों का पालन करवाने की जद्दोजहद में उलझे रहे। खासतौर पर स्कूलों की छुट्टी के समय छात्र-छात्राओं में शारीरिक दूरी का पालन करवाना चुनौती बना रहा। स्कूल से बाहर निकलते ही छात्र-छात्राएं कोरोना को भूल महीनों बाद दोस्तों से मिलने में मशगूल दिखे। कुछ निजी स्कूलों के शिक्षक छात्रों को स्कूल गेट के बाहर भी समझाने की कोशिश करते रहे, लेकिन सरकारी स्कूलों में गेट के बाहर मानों कोरोना गाइडलाइन हवा हो गई।

नए शैक्षणिक सत्र में पहली दफा स्कूल खुलने पर छात्र-छात्राएं उत्साहित नजर आए। स्कूलों ने अपने तय टाइम टेबल के हिसाब से सुबह आठ बजे से लेकर दस बजे के बीच छात्रों को स्कूल बुलाया था। सुबह बच्चे अकेले या दो से तीन के जोड़ों में स्कूल आते दिखे। स्कूल गेट पर शिक्षकों ने तय दूरियों पर बने गोलों की मदद से छात्रों में दूरी बनवाई। गेट पर बच्चों की थर्मल स्क्रीनिंग और सैनिटाइजेशन हुआ। अभिभावकों के सहमति पत्र देखे गए, उसके बाद बच्चों को कक्षाओं में सीमित संख्या के साथ बैठाया गया। दोपहर में अलग-अलग स्कूलों में साढ़े 11 से ढ़ाई बजे तक छुट्टी हुई। स्कूल के अंदर शिक्षकों के डर से बच्चों ने दिनभर कोरोना गाइडलाइन का जो पालन किया वह सब छुट्टी के समय तार-तार होता दिखा।

निजी स्कूलों में लाइव चली कक्षा

दून में पहले दिन दून इंटरनेशलन स्कूल, विवेकानंद स्कूल, चिल्ड्रिन एकेडमी, ब्रुकलिन समेत अन्य कुछ स्कूल ही खुले। यहां भी छात्र संख्या 20 फीसद से ज्यादा नहीं दिखी। हालांकि जो छात्र स्कूल नहीं पहुंचे थे उनके लिए लाइव कक्षा का बंदोबस्त किया गया था। हालांकि, नेटवर्क की समस्या के चलते घर बैठे बच्चों को समस्या हुई। वहीं सवाल पूछने के लिए भी इन छात्रों को लंबा इंतजार करना पड़ा। अगर कोई छात्र लाइव कक्षा से बाहर हो गया या कोई देरी से कक्षा में पहुंचा तो इन्हें कक्षा में जुड़ने के लिए भी इंतजार करना पड़ा।

केवि में एक कक्षा के छात्रों के लिए एक ही समय पर दो विषयों की पढ़ाई

केंद्रीय विद्यालयों ने छात्रों के बीच शारीरिक दूरी का पालन करवाने के लिए विशेष व्यवस्था बनाई थी। यहां एक कक्षा के छात्रों के लिए एक ही समय पर दो विषयों की पढ़ाई हुई। स्कूल ने एक कक्षा के छात्रों को दो ग्रुप में बांट दिया था। जिससे उनके बीच शारीरिक दूरी बनाने में मदद मिली। पहले दिन केवि में भी सीमित संख्या में ही छात्र पहुंचे थे। स्कूल नहीं पहुंचने वाले छात्रों के लिए आनलाइन कक्षाएं भी चलती रहीं।

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