Scholarship Scam: खाते में आई 14 करोड़ से ज्यादा राशि, लेकिन विभाग को नहीं पता; किन-किन संस्थानों कराई जमा

Uttarakhand Scholarship Scam समाज कल्याण विभाग को अभी तक यह नहीं मालूम कि करोड़ों के दशमोत्तर छात्रवृत्ति घोटाले में आरोपित किन-किन संस्थानों और व्यक्तियों ने धनराशि जमा कराई है। रविंद्र जुगरान की ओर से सूचना का अधिकार के तहत मांगी गई सूचना में विभाग ने उन्हें यह जानकारी दी है।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Tue, 27 Jul 2021 11:30 AM (IST) Updated:Tue, 27 Jul 2021 11:30 AM (IST)
Scholarship Scam: खाते में आई 14 करोड़ से ज्यादा राशि, लेकिन विभाग को नहीं पता; किन-किन संस्थानों कराई जमा
खाते में आई 14 करोड़ से ज्यादा राशि, लेकिन विभाग को नहीं पता।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। Uttarakhand Scholarship Scam समाज कल्याण विभाग को अभी तक यह नहीं मालूम कि करोड़ों के दशमोत्तर छात्रवृत्ति घोटाले में आरोपित किन-किन संस्थानों और व्यक्तियों ने धनराशि जमा कराई है। उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी कल्याण परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष रविंद्र जुगरान की ओर से सूचना का अधिकार के तहत मांगी गई सूचना में विभाग ने उन्हें यह जानकारी दी है। अलबत्ता, विभाग ने यह जरूर बताया है कि अनियमितता के इस प्रकरण में हल्द्वानी में खोले गए बैंक खाते में अब तक 14.39 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जमा हुई है।

समाज कल्याण निदेशालय की ओर से जुगरान को उपलब्ध कराई गई सूचना के अनुसार विभिन्न संस्थानों व व्यक्तियों ने विभाग के बैंक खाते में आनलाइन धनराशि जमा कराई है। बैंक के स्टेटमेंट में संस्थानों व व्यक्तियों के नाम का उल्लेख नहीं है। यह भी बताया गया कि इस मामले में संबंधित बैंक शाखा के प्रबंधक को धनराशि जमा कराने वाले संस्थानों व व्यक्तियों का ब्योरा उपलब्ध कराने को कहा गया है।

यह था मामला

समाज कल्याण विभाग के अंतर्गत अनुसूचित जाति, जनजाति के छात्र-छात्राओं को दशमोत्तर छात्रवृत्ति के वितरण में गड़बड़ी की बात कैग की रिपोर्ट में सामने आई थी। छात्रवृत्ति वितरण में वर्ष 2010 से 2016 के बीच करोड़ों रुपये के वारे-न्यारे किए गए। ऐसे संस्थानों को भी छात्रवृत्ति वितरित करना बताया गया, जो अस्तित्व में ही नहीं थे। इसके अलावा उत्तराखंड से बाहर कई राज्यों में भी कथित संस्थानों व छात्रों को छात्रवृत्ति बांट दी गई। एसआइटी इस प्रकरण की जांच कर रही है। अभी तक विभाग के एक दर्जन से अधिक अधिकारियों के साथ ही सौ से ज्यादा व्यक्तियों की गिरफ्तारी हो चुकी है।

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