CoronaVirus: उत्‍तराखंड 19 दिन तक फेज एक और चार दिन में फेज दो में दस्तक

देश में कोरोना वायरस के संक्रमण का पहला मामला 30 जनवरी को सामने आया था। संक्रमण के दून पहुंचने में 45 दिन का समय लगा। वहीं चार दिन में फेज दो में दस्तक दे दी।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Wed, 08 Apr 2020 02:08 PM (IST) Updated:Wed, 08 Apr 2020 02:08 PM (IST)
CoronaVirus: उत्‍तराखंड 19 दिन तक फेज एक और चार दिन में फेज दो में दस्तक
CoronaVirus: उत्‍तराखंड 19 दिन तक फेज एक और चार दिन में फेज दो में दस्तक

देहरादून, सुमन सेमवाल। देश में कोरोना वायरस के संक्रमण का पहला मामला 30 जनवरी को सामने आया था। संक्रमण के दून पहुंचने में 45 दिन का समय लगा और 15 मार्च को एक प्रशिक्षु आइएफएस अधिकारी के जरिये हमारा कोरोना से सामना हुआ। इस तरह कोरोना के फेज एक में पहुंच चुके दून में 29 मार्च तक कोरोना संक्रमण के कुल छह मामले थे। इसके बाद चार दिन तक कोरोना का कोई मामला सामने नहीं आया। इस बीच संक्रमित व्यक्ति स्वस्थ होने लगे तो उम्मीद जागी कि हम जल्द कोरोना वायरस को हरा देंगे। लेकिन, जमातियों की हरकत ने दूनवासियों की उम्मीद और सरकार की तैयारियों पर पलीता लगा दिया। अगले चार दिन में यानी छह अप्रैल तक न सिर्फ कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या छह से बढ़कर 18 हो गई, बल्कि हम फेज दो के लोकल ट्रांसमिशन की तरफ भी बढ़ गए।

सोमवार को भगत सिंह कॉलोनी में कोरोना पॉजिटिव के जो चार मामले पाए गए। उनमें वह लोग शामिल हैं, जो तब्लीगी जमात के लोगों के संपर्क में आए थे। यदि तब्लीगी जमात के लोगों की हरकत हमारी तैयारियों को पलीता नहीं लगाती तो अगले कुछ दिनों के भीतर ही हम कोरोना संक्रमण को फेज एक से ही विदा कर देते।

15 मार्च से 29 मार्च तक दून में कोरोना संक्रमण के कुल छह मामले दर्ज किए गए थे। इसमें तीन प्रशिक्षु आइएफएस अधिकारी, एक अमेरिकी नागरिक, दुबई से लौटा सेलाकुई का युवक और राजस्थान से लौटे सेना के एक सूबेदार शामिल रहे।

अच्छी बात यह भी है कि तीनों प्रशिक्षु अधिकारी व सेना के सूबेदार स्वस्थ होकर अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिए गए हैं। बाकी का स्वास्थ्य भी सुधर रहा है। प्रशासन, पुलिस व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी सुकून में थे कि सीमाएं सील हो जाने के बाद कोरोना का संक्रमण 14 अप्रैल तक की लॉकडाउन अवधि में दम तोड़ देगा। मगर, इसके बाद जिन 12 लोगों में कोरोना संक्रमण पाया गया, उनमें आठ जमाती हैं और बाकी के चार को इन्होंने ही संक्रमण का दंश दिया। लिहाजा, चुनौतियों और ज्यादा बढ़ गई हैं और मशीनरी की मशक्कत भी।

क्षेत्र विशेष को लॉकडाउन करना उपयुक्त

सोशल डेवलपमेंट फॉर कम्युनिटीज फाउंडेशन के संस्थापक अध्यक्ष अनूप नौटियाल का कहना है कि तीन अप्रैल के बाद कोरोना संक्रमण ने जो उछाल मारा है, उसे समुदाय में फैलने से रोकने के लिए सबसे उपयुक्त विकल्प क्षेत्र विशेष को पृथक रूप से लॉकडाउन करना ही है। प्रशासन ने भी इसी तर्ज पर त्वरित कार्रवाई की है। दून शहर में अब तक तीन बस्तियों और डोईवाला में दो बस्तियों को लॉकडाउन किया जा चुका है। इसके बाद इन क्षेत्रों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान के अनुरूप टेस्ट, ट्रेस, आइसोलेट व क्वारंटाइन (टीटीआइक्यू) के काम को गति देने की जरूरत होती है। अच्छी बात है कि दून में इसी तरह का काम चल भी रहा है।

प्रदेश में मिले 31 कोरोना संक्रमितों में 20 जमाती

उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण के अब तक 31 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें 20 जमाती हैं और चार इनके संपर्क में आए लोग। शेष छह मामले (तीन ठीक हो चुके) दून के हैं और एक (यह भी ठीक हो चुके) पौड़ी का है। 20 जमातियों में आठ दून, छह नैनीताल, चार ऊधमसिंहनगर, एक अल्मोड़ा और एक हरिद्वार से है।

ऐसे जानिए कोरोना की हर स्टेज को स्‍टेज 1: इसका मतलब यह है कि कोई व्यक्ति ऐसे देश से यात्र कर लौटा है, जहां कोरोना संक्रमण पहले से है और वह अपने साथ संक्रमण लेकर आया। इस स्टेज में संक्रमण सिर्फ यात्र करने वाले व्यक्ति तक सीमित रहता है। इसकी रोकथाम सबसे आसान काम है। स्‍टेज 2: इस चरण में अपने साथ संक्रमण लेकर लौटा व्यक्ति अपने परिवार, रिश्तेदार या किसी अन्य परिचित को संक्रमित कर देता है। हालांकि, ऐसे संपर्को की पहचान करना अधिक मुश्किल काम नहीं। इस स्टेज को लोकल ट्रांसमिशन कहा जाता है। स्‍टेज 3: यह चरण कम्युनिटी ट्रांसमिशन कहलाता है। जोकि काफी खतरनाक होता है। इस स्टेज में कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति का न तो यात्र का इतिहास होता है और न ही वह किसी परिचित संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आता है। यानी कि संक्रमित व्यक्ति को यह पता ही नहीं होता कि उसके शरीर में वायरस ने कहां से प्रवेश किया। इसकी रोकथाम बेहद मुश्किल काम है। स्‍टेज 4: यह चरण बेहद भयानक और महामारी के समान होता है। संबंधित क्षेत्र में हर कहीं वायरस से संक्रमित व्यक्ति सामने आने लगते हैं। ऐसी स्थिति को कैसे काबू किया जाए, समझ में नहीं आता। चीन इस स्टेज में पहले ही प्रवेश कर चुका है।

यह भी पढ़ें: Coronavirus: कोरोना से जंग को यहां हर दिन बनाई जा रही हैं क्लोरोक्विन की 50 लाख टेबलेट

दून में कोरोना की तस्वीर 15 मार्च को स्पेन से लौटे दल में शामिल प्रशिक्षु आइएफएस में मिला संक्रमण। 19 मार्च को स्पेन के दल में शामिल दो प्रशिक्षु अधिकारी पाए गए पॉजिटिव। 23 मार्च को अमेरिकी नागिरक में मिला संक्रमण। 28 मार्च को दुबई से लौटे युवक में पाया गया संक्रमण। 29 मार्च को राजस्थान से लौटे सेना के सूबेदार की रिपोर्ट आई पॉजिटिव। 03 अप्रैल को पांच जमातियों में मिला कोरोना संक्रमण। 05 अप्रैल को 03 जमातियों की रिपोर्ट पॉजिटिव। 06 अप्रैल को जमातियों के संपर्क में आए 04 लोग मिले पॉजिटिव।

यह भी पढ़ें: कोरोना संदिग्धों पर गड़ी तीसरी नजर, अब छिपे नहीं रह सकेंगे ये लोग

chat bot
आपका साथी