उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों ने मांग पूरी ना होने पर जताई नाराजगी
लंबित मांगों पर कार्रवाई ना होने से नाराज राज्य आंदोलनकारियों नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि लंबे समय से मांग को लेकर सरकार व शासन से वार्ता की मांग की जा रही है लेकिन तीन वर्ष बाद भी वार्ता नहीं हुईत्र जिससे आंदोलनकारियों में रोष है।
जागरण संवाददाता, देहरादून: लंबित मांगों पर कार्रवाई ना होने से नाराज राज्य आंदोलनकारियों नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि लंबे समय से मांग को लेकर सरकार व शासन से वार्ता की मांग की जा रही है, लेकिन तीन वर्ष बाद भी वार्ता नहीं हुईत्र जिससे आंदोलनकारियों में रोष है। कहा कि यदि मांग को लेकर ठोस आश्वासन नहीं मिला तो बजट सत्र के दौरान सभी एकजुट होकर आंदोलन करेंगे।
उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच की रविवार को शहीद स्मारक पर बैठक हुई। जिसमें वक्ताओं ने आगे की रणनीति पर विचार रखे। मंच के प्रदेश अध्यक्ष जगमोहन सिंह नेगी ने कहा कि दो दो मंत्रियो ने सरकार से वार्ता का आश्वासन दिलाया था, लेकिन अभी तक इसे अनदेखा किया जा रहा है। क हा कि अप्रैल माह से सभी राज्य आंदोलनकारी मांग को लेकर शहीद स्मारक में जुटेंगे। मंच के जिलाध्यक्ष प्रदीप कुकरेती व पूर्ण सिंह लिंगवाल ने कहा कि बीते चार वर्षों से मांग लंबित मांग पर कार्रवाई के लिए सरकार से पत्राचार हो रहा है, लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं हुई। जिससे आंदोलनकारी खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं।
यह भी पढ़ें- Haridwar Kumbh 2021: कुंभ मेले के लिए एसओपी जारी, पंजीकरण अनिवार्य; इन बातों का भी रखें ध्यान
बैठक में वेद प्रकाश शर्मा, बंशीलाल बिजल्वाण, वेद प्रकाश शर्मा, युद्धवीर सिंह चौहान, रामलाल खंडूड़ी, प्रदीप कुकरेती, पूर्ण सिंह लिंग्वाल, रामपाल, विक्रम सिंह भण्डारी, डीएस गुंसाई, मोहन रावत, जबर सिंह पावेल, बलबीर सिंह नेगी, रुकम सिंह पोखरियाल, गुलाब सिंह रावत, सतेन्द्र नोगाई, सुमन भंडारी, राजेश पांथरी, सुरेश नेगी, विनोद असवाल, प्रभात डंडरियाल, लोक बहादुर थापा, सुशील विरमानी, गम्भीर मेवाड़, संतोष सेमवाल, पवन शर्मा, मीरा गुंसाई, जसोदा रावत, सरोजनी थपलियाल, वेदानन्द कोठारी आदि मौजूद रहे।
यह भी पढ़ें- थल सेना की जनरल ड्यूटी लिखित परीक्षा तकनीकी कारणों से स्थगित, मायूस लौटे हजारों युवा
Uttarakhand Flood Disaster: चमोली हादसे से संबंधित सभी सामग्री पढ़ने के लिए क्लिक करें