शास्त्रीनगर खाला में लोग पड़ रहे बीमार, आमने-सामने आए सरकार के दो महकमे; जानिए वजह

शास्त्रीनगर खाला में कई लोग के बीमार होने से जुड़े मामले में सरकार के दो महकमे आमने-सामने हैं। स्वास्थ्य विभाग जहां लोग के बीमार होने का कारण दूषित जल बता रहा है वहीं जल संस्थान के अपने ही तर्क हैं।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Mon, 13 Sep 2021 08:31 PM (IST) Updated:Mon, 13 Sep 2021 08:31 PM (IST)
शास्त्रीनगर खाला में लोग पड़ रहे बीमार, आमने-सामने आए सरकार के दो महकमे; जानिए वजह
शास्त्रीनगर खाला में लोग पड़ रहे बीमार, आमने-सामने आए सरकार के दो महकमे।

जागरण संवाददाता, देहरादून। कैंट विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत शास्त्रीनगर खाला में कई लोग के बीमार होने से जुड़े मामले में सरकार के दो महकमे आमने-सामने हैं। स्वास्थ्य विभाग जहां लोग के बीमार होने का कारण दूषित जल बता रहा है, वहीं जल संस्थान के अपने ही तर्क हैं। पानी के सैंपल फेल होने पर जल संस्थान कह रहा है कि यह संभवत: स्टोरेज वाले स्थान से लिए गए होंगे।

दरअसल, शास्त्रीनगर खाला में पिछले कुछ दिन में कई लोग बीमार हुए हैं। उन्हें उल्टी-दस्त की शिकायत है। चार दिन पहले इस मामले को लेकर स्थानीय भाजपा नेता दिनेश रावत ने पेयजल मंत्री बिशन सिंह चुफाल से मुलाकात कर उन्हें अवगत कराया था कि क्षेत्र में दूषित पेयजल सप्लाई होने से लोग बीमार पड़ रहे हैं। इस पर मंत्री ने विभागीय अधिकारियों को मौके पर जाकर निरीक्षण करने के निर्देश दिए थे।

जल संस्थान के साथ ही स्वास्थ्य विभाग की टीम भी क्षेत्र में पहुंची और बीमार लोग से मिलकर समस्या जानी, जिनका कहना था कि क्षेत्र में पिछले कई दिनों से गंदे पानी की सप्लाई हो रही है। इससे डायरिया व अन्य संक्रामक बीमारियां फैल रही हैं। जल संस्थान व स्वास्थ्य विभाग की टीम ने यहां प्रभावितों के घरों से पानी के सैंपल लिए थे। जल संस्थान का दावा था कि तीन अलग-अलग जगह से लिए गए सैंपल की रिपोर्ट सामान्य है। पर अब स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट ने इस दावे की पोल खोल दी है।

स्वास्थ्य विभाग की जांच में पानी में काफी अधिक मात्रा में कोलीफार्म बैक्टरिया की मौजूदगी मिली है। यानी दूषित पानी ही क्षेत्र में लोग के बीमार होने का कारण है। इस पर जल संस्थान पित्थुवाला के अधिशासी अभियंता राजेंद्र पाल का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग की टीम ने पानी के सैंपल नल से लिए या नहीं यह पता नहीं है। संभवत: जहां से पानी के सैंपल लिए गए हैं वह स्टोरेज टैंक हो, जिसमें कई दिनों से रुका हुआ पानी हो। टैंक की सफाई नहीं होने से पानी गंदा हो सकता है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के कुछ व्यक्तियों के यहां तो जल संस्थान के कनेक्शन भी नहीं है। वर्तमान में पाइप लाइन में कहीं लीकेज भी नहीं है।

इधर, आइडीएसपी के जिला नोडल अधिकारी डा. राजीव दीक्षित ने बताया कि पानी के सैंपल नल से ही लिए गए थे। स्टोरेज टैंक से कोई सैंपल क्यों लेगा। विभाग की ओर से इस संर्दभ में जल संस्थान को पत्र भेजा जा रहा है। ताकि क्षेत्र में पेयजल लाइनों के लीकेज को ठीक कर क्लोरीनाइजेशन किया जा सके। उन्होंने बताया कि उल्टी-दस्त की शिकायत पर क्षेत्र के पंद्रह लोग के सैंपल कोरोना जांच को भी भेजे गए थे, जिनमें सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई है।

कोलीफार्म बैक्टेरिया की उपस्थित ही घातक

पानी में कोलीफार्म बैक्टीरिया की उपस्थिति काफी घातक होती है। इसकी उपस्थिति में कई विषैले बैक्टीरिया काफी तेजी से पनपते हैं, जिससे कई प्रकार की बीमारियां फैलती हैं।

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