गंभीर बीमार शिक्षकों के तबादला प्रस्ताव जल्द भेजे जाएंगे शासन को, पहले चरण में 24 प्रत्यावेदनों को दिया अंतिम रूप

शिक्षकों के तबादलों के संबंध में शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी की अध्यक्षता में गठित समिति ने आवेदनों पर मंथन शुरू कर दिया है। समिति ने पहले चरण में गंभीर बीमारी से जुड़े 24 प्रत्यावेदनों को अंतिम रूप दिया है। इन्हें जल्द शासन को भेजा जाएगा।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Wed, 20 Oct 2021 03:01 PM (IST) Updated:Wed, 20 Oct 2021 03:01 PM (IST)
गंभीर बीमार शिक्षकों के तबादला प्रस्ताव जल्द भेजे जाएंगे शासन को, पहले चरण में 24 प्रत्यावेदनों को दिया अंतिम रूप
गंभीर बीमार शिक्षकों के तबादला प्रस्ताव जल्द भेजे जाएंगे शासन को।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। उत्तराखंड में शिक्षकों के तबादलों के संबंध में शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी की अध्यक्षता में गठित समिति ने आवेदनों पर मंथन शुरू कर दिया है। समिति ने पहले चरण में गंभीर बीमारी से जुड़े 24 प्रत्यावेदनों को अंतिम रूप दिया है। इन्हें जल्द शासन को भेजा जाएगा।

प्रदेश में तबादलों के लिहाज से शून्य सत्र घोषित किया जा चुका है। स्थानांतरण अधिनियम के नियम-27 के तहत सिर्फ गंभीर रूप से बीमार शिक्षक, दिव्यांग, विधवा व विधुर जैसे जरूरी प्रकरणों में ही तबादलों पर विचार किया जाएगा। शासन ने तबादला प्रत्यावेदनों को अंतिम रूप देने के लिए शिक्षा महानिदेशक की अध्यक्षता में समिति गठित की है। इसमें माध्यमिक व प्रारंभिक शिक्षा के निदेशक भी शामिल हैं।

समिति की पहली बैठक में गंभीर रूप से बीमार शिक्षकों के प्रकरणों पर विचार किया गया। शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी के मुताबिक करीब दो दर्जन तबादला प्रस्तावों को शासन को भेजा जा रहा है। इसके बाद समिति की आगामी बैठक में अन्य तबादला प्रस्तावों पर मंथन किया जाएगा।

स्कूल में अधिकारियों की ड्यूटी लगाने की मांग

मुख्यमंत्री की ओर से सरकारी विद्यालयों में शिक्षा के गिरते स्तर और कम होती छात्र संख्या रोकने के लिए शुरू किए गए विशेष प्रयास पर अमल नहीं हो रहा है। सीएम ने प्रशासनिक अधिकारी, पुलिस एवं वन सेवा समेत अन्य अधिकारियों को महीने में एक दिन निकटवर्ती स्कूल का निरीक्षण एवं पढ़ाने का सुझाव दिया था, लेकिन इस पर आंशिक अमल ही हो रहा है। ऐसे में शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने कार्मिक विभाग के सचिव को पत्र लिखकर अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करने की मांग की है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सरकारी स्कूलों के प्रति विद्यार्थियों का आकर्षण बढ़ाने और अभिभावकों को प्रेरित करने के लिए आइएएस, आइपीएस, आइएफएस से लेकर पीसीएस अधिकारियों को सरकारी विद्यालयों में पढ़ाने का सुझाव दिया था, लेकिन इस पर अमल न के बराबर हो रहा है। सितंबर में आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री ने तमाम अधिकारियों से महीने में एक दिन स्वेच्छा से किसी विद्यालय में जाकर एक कक्षा को पढ़ाने को कहा था। साथ ही पठन-पाठन व्यवस्था का निरीक्षण कर इसे और बेहतर बनाने के उपाय सुझाने को कहा था। अधिकारियों की ओर से रुचि नहीं लेने के बाद अब शिक्षा महानिदेशक ने शासन को पत्र लिखकर अधिकारियों की ड्यूटी लगाने की मांग की है।

प्रो. दृष्टि ढौंडियाल को सर्वश्रेष्ठ रिसर्च अवार्ड

दून विश्वविद्यालय में स्कूल आफ डिजाइन की प्रमुख प्रो. दृष्टि ढौंडियाल के अंतरराष्ट्रीय शोध पत्र-2021 को आइआइटीबी-मोनाश रिसर्च अकादमी ने सर्वश्रेष्ठ रिसर्च पेपर चुना है। आइआइटीबी-मोनाश रिसर्च अकादमी दुनिया की प्रतिष्ठित शोध एकेडमी है, जिसका आइआइटी मुंबई और मोनाश विश्वविद्यालय आस्ट्रेलिया ने संयुक्त रूप से गठन किया है। इसमें दुनियाभर के सर्वश्रेष्ठ 200 शोधार्थी शोध कार्य से जुड़े हैं। यह शोधार्थी समय-समय पर शोध पत्र प्रकाशित करते हैं।

प्रो. दृष्टि ने अपना शोध कार्य कोविड लाकडाउन के दौरान भारत और जर्मनी में कई रिहायशी घरों में आइआइटी मुंबई व जर्मनी विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं के साथ संयुक्त रूप से किया था। प्रो. दृष्टि को टाटा केमिकल्स बेस्ट कांफ्रेंस पेपर 2021 का पुरस्कार भी कुछ समय पहले प्राप्त हुआ है। उनके बेहतर शिक्षण के चलते दून विवि के स्कूल आफ डिजाइन से स्नातक करने वाले कई छात्र-छात्राएं दिल्ली, बेंगलुरु, पुणो व अहमदाबाद में बेहतर प्लेसमेंट प्राप्त कर चुके हैं। प्रो. दृष्टि को इस सफलता के लिए दून विवि की कुलपति प्रो. सुरेखा डंगवाल और कुलसचिव डा. मंगल सिंह मंद्रवाल ने बधाई दी है।

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