Uttarakhand News: राजकीयकरण की मांग को लेकर गरजे पेयजल कर्मी, 28 से करेंगे बेमियादी हड़ताल
उत्तराखंड में राजकीयकरण की मांग को पेयजल निगम के कर्मियों ने धरना-प्रदर्शन किया। उन्होंने चेतावनी दी है कि जल्द मांग पूरी नहीं हुई तो 28 अक्टूबर से बेमियादी हड़ताल शुरू की जाएगी। इससे पहले उन्होंने 27 जुलाई 2021 से चरणबद्ध तरीके से आंदोलन शुरू किया था।
जागरण संवाददाता, देहरादून। पेयजल निगम के राजकीयकरण की मांग को लेकर निगम के कर्मचारियों ने धरना-प्रदर्शन किया। उन्होंने चेतावनी दी है कि जल्द मांग पूरी नहीं हुई तो 28 अक्टूबर से बेमियादी हड़ताल शुरू की जाएगी।
अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त समन्वय समिति के आह्वान पर शुक्रवार को उत्तराखंड पेयजल निगम के मोहिनी रोड देहरादून स्थित प्रधान कार्यालय में हुए धरना-प्रदर्शन में गढ़वाल मंडल के कर्मचारियों ने भाग लिया। इस मौके पर समिति के गढ़वाल मंडल के अध्यक्ष शेखरानंद जोशी ने कहा कि कोरोना जैसी महामारी में भी कर्मचारियों ने पूरी निष्ठा से कार्य किया और अब उनकी मांगों की अनदेखी की जा रही है। जिसके विरोध में 27 जुलाई 2021 से चरणबद्ध तरीके से आंदोलन शुरू किया गया है।
पहले चरण में जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन दिया गया। दूसरे चरण में जिलाधिकारी व उपजिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री और पेयजल मंत्री को ज्ञापन भेजा गया। तीसरे चरण में सभी जनपद व नगर इकाइयों ने गेट मीटिंग कार्यक्रम आयोजित किया। उन्होंने बताया कि पेयजल मंत्री ने इस मांग पर सकारात्मक कार्रवाई का आश्वासन भी दिया था। इसके बावजूद उनकी मांग को पूरा नहीं किया गया।
इससे कर्मचारियों को धरना-प्रदर्शन करने को मजबूर होना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि कल यानी 20 सितंबर को कुमाऊं मंडल के कर्मचारियों द्वारा धरना-प्रदर्शन किया जाएगा। इस मौके पर गढ़वाल मंडल के सचिव दिनेश दवाण, हरिद्वार से दीपक गुसाईं, बृज बिहारी, शीतल सिंह राठौर, टिहरी से एसएन जोशी, राम पाल सिंह राणा आदि मौजूद रहे।
राशन डीलरों ने की लाभांश बढ़ाने की मांग
राशन डीलरों का लाभांश बढ़ाने समेत अन्य मांगों को लेकर आदर्श राशनिंग डीलर्स वेलफेयर सोसायटी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की। एसोसिएशन के अध्यक्ष रमेश चंद्र पांडेय ने कहा कि राज्य खाद्यान्न योजना में 10 किलो गेहूं एवं 10 किलो चावल प्रति राशन कार्ड वितरण की सहमति बनी थी, लेकिन अब भी पांच किलो गेहूं और ढाई किलो चावल ही प्रति कार्ड मिल रहा है।
बताया कि पिछले 10 माह का प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना का किराया और लाभांश भी नहीं मिला। यूनियन के प्रदेश महामंत्री संजय शर्मा ने कहा कि कोरोना काल में बेहतर कार्य करने के बावजूद भी राशन विक्रेताओं की कोई सुनवाई नहीं हो रही है। मुख्यमंत्री ने राशन डीलरों को उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया।
दोहरी व्यवस्था समाप्त करने की मांग की
डीएलएड प्रशिक्षित शिक्षामित्र संगठन ने प्रदेश सरकार पर विभाग में दोहरी व्यवस्था लागू करने का आरोप लगाया। शनिवार को प्रेस क्लब में वार्ता के दौरान संगठन के प्रदेश संरक्षक चंचल बसेड़ा ने कहा कि सरकार ने वर्ष 2015 में जिन शिक्षामित्रों का समायोजन किया, उनका वर्तमान समय में वेतन 48 हजार रुपये है। दूसरी तरफ, वर्ष 2017 में जिन शिक्षामित्रों को एनआइओएस से डीएलएड का प्रशिक्षण दिलाया, उन्हें महज 15 हजार रुपये मानदेय के रूप में दिए जा रहे हैं।