युवाओं और खिलाड़ियों के लिए अच्छी खबर, अब दून अस्पताल में भी मिलेगा स्पोर्ट्स इंजरी का उपचार

स्पोर्ट्स इंजरी के उपचार की सुविधा अब दून मेडिकल कालेज में भी मिलेगी। इसके लिए अस्पताल में स्पोर्ट्स इंजरी क्लीनिक शुरू किया जा रहा है। इस सुविधा का लाभ उनको मिल सकेगा जो खेल के दौरान चोटिल अथवा गंभीर रूप से घायल हो जाते हैं।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Fri, 19 Nov 2021 01:48 PM (IST) Updated:Fri, 19 Nov 2021 01:48 PM (IST)
युवाओं और खिलाड़ियों के लिए अच्छी खबर, अब दून अस्पताल में भी मिलेगा स्पोर्ट्स इंजरी का उपचार
अब दून अस्पताल में भी मिलेगा स्पोर्ट्स इंजरी का उपचार।

जागरण संवाददाता, देहरादून। युवाओं और खिलाड़ियों के लिए अच्छी खबर है। स्पोर्ट्स इंजरी के उपचार की सुविधा अब दून मेडिकल कालेज में भी मिलेगी। इसके लिए अस्पताल में स्पोर्ट्स इंजरी क्लीनिक शुरू किया जा रहा है। इस सुविधा का लाभ उनको मिल सकेगा, जो खेल के दौरान चोटिल अथवा गंभीर रूप से घायल हो जाते हैं।

स्पोर्ट्स इंजरी को लिगामेंट इंजरी भी कहा जाता है। दून मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. आशुतोष सयाना ने बताया कि खिलाड़ियों और युवाओं में इस तरह की समस्याएं आम होती जा रही हैं। इसको देखते हुए अस्पताल में स्पोर्ट्स इंजरी सेंटर खोला जाना है। पहले चरण में स्पोर्ट्स इंजरी क्लीनिक की सुविधा शुरू की जाएगी।

इसके लिए ट्रामा सर्जरी विभाग, आर्थोपेडिक विभाग और पीएमआर के विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम उपलब्ध कराई गई है। इससे स्पोर्ट्स इंजरी से ग्रसित राज्य के खिलाड़ियों और युवाओं का यहीं पर इलाज हो जाएगा। उन्होंने बताया कि लिगामेंट इंजरी के दौरान व्यक्ति का घुटना टूट जाना या घुटनों के जोड़ का संतुलन बिगड़ जाने की समस्या प्रमुख तौर पर सामने आती है। कई बार घुटनों के जोड़ अपनी जगह से खिसक भी जाते हैं।

निजीकरण के खिलाफ बीमा कंपनियों के कर्मचारियों का प्रदर्शन

निजीकरण के विरोध समेत अपनी मांगों को लेकर न्यू इंडिया इंश्योरेंस, ओरिएंटल इंश्योरेंस, नेशनल इंश्योरेंस और यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी के कर्मचारियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया।

गुरुवार को संयुक्त मोर्चा ट्रेड यूनियन के आह्वान पर यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस के कार्यालय में प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों ने कहा कि सरकार की नीतियों के विरुद्ध वह लंबे समय से आंदोलनरत हैं। बावजूद इसके सरकार बीमा कंपनियों की मांगों को अनदेखा कर रही है।

आरोप लगाया कि सरकारी कंपनियों को सरकार निजी हाथों में सौंपना चाहती है। चेतावनी दी कि सरकार ने जल्द उनकी मांगों को पूरा नहीं किया तो वह आंदोलन तेज करने के लिए बाध्य होंगे। इस दौरान कर्मचारियों ने वेतन संशोधन के तत्काल समाधान और परिवार पेंशन में सुधार के साथ सभी कर्मचारियों को 1995 पेंशन योजना का लाभ देने की मांग भी की।

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