काम न करने का बहाना कोई इनसे सीखे, आरओबी पर एक-दूसरे का मुंह ताक रहे चार महकमे
भंडारीबाग रेलवे ओवर ब्रिज (आरओबी) के शिलान्यास को करीब दो माह बीत चुके हैं और अभी काम शुरू नहीं हो पाया है। निर्माण कंपनी ईपीआइएल (इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट्स इंडिया लि.) इसलिए काम आगे नहीं बढ़ा पा रही क्योंकि यहां यूटीलिटी शिफ्टिंग के काम नहीं हो पाए हैं।
सुमन सेमवाल, देहरादून। Uttarakhand News काम न करने का बहाना बनाना कोई सरकारी महकमों से सीखे। भंडारीबाग रेलवे ओवर ब्रिज (आरओबी) के शिलान्यास को करीब दो माह बीत चुके हैं और अभी काम शुरू नहीं हो पाया है। निर्माण कंपनी ईपीआइएल (इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट्स इंडिया लि.) इसलिए काम आगे नहीं बढ़ा पा रही, क्योंकि यहां यूटीलिटी शिफ्टिंग (नहर, पेयजल लाइन, बिजली की लाइन आदि) के काम नहीं हो पाए हैं। शिफ्टिंग से जुड़े चार महकमे यह कहकर एक-दूसरे पर ठीकरा फोड़ रहे हैं कि जब अन्य काम पूरे होंगे, तभी वह अपना काम शुरू कर पाएंगे।
आरओबी का काम तभी गति पकड़ पाएगा, निर्माण स्थल से सीवर/पेयजल व बिजली की लाइनों को शिफ्ट कर दिया जाएगा। नहर को भूमिगत कर दिया जाएगा और निर्माण की जद में आने वाले पेड़ों का कटान कर दिया जाएगा। सिंचाई विभाग का कहना है कि वह नहर को तभी भूमिगत कर पाएंगे, जब बिजली की लाइन शिफ्ट कर दी जाएगी। वहीं, ऊर्जा निगम अपनी लेटलतीफी के लिए सीवर लाइन/पेयजल लाइन की शिफ्टिंग न होने पर डाल रहा है।
वहीं, जल संस्थान सीवर लाइन आदि की शिफ्टिंग न करने के लिए पेड़ों का कटान न किए जाने की बात कह रहा है। जब वन विभाग से पेड़ न काटे जाने का कारण पूछा गया तो उसका जवाब और भी दिलचस्प रहा। वन विभाग का कहना है कि पेड़ कटान की राशि किस विभाग को मिलेगी। अधिकारी यह नहीं तय कर पा रहे हैं कि राशि लोनिवि, राजस्व विभाग व नगर निगम में से किसे अदा की जानी है। लिहाजा, महकमों की बहानेबाजी में ईपीआइएल बाहर इंतजार की मुद्रा में बैठा है।
कार्य में हो रहे विलंब को लेकर ईपीआइएल के वरिष्ठ परियोजना प्रबंधक अजीत कुमार ने कहा कि आरओबी निर्माण का शुरुआती स्थल (भंडारीबाग की तरफ) यूटीलिटी शिफ्टिंग की दिशा में कुछ भी काम नहीं किया जा सका है। दूसरे छोर पर रेसकोर्स की तरफ जरूर सिंचाई विभाग ने कुछ हिस्से पर नहर को भूमिगत करने का काम शुरू किया है।
19 पेड़ों का किया जाना है कटान
यूटीलिटी शिफ्टिंग के लिए जिन पेड़ों का कटान किया जाना है, उनकी संख्या 19 है। ईपीआइएल के वरिष्ठ परियोजना प्रबंधक के मुताबिक जल्द लोनिवि, राजस्व विभाग व नगर निगम के अधिकारी संयुक्त निरीक्षण कर तय करेंगे कि पेड़ किसी भूमि पर हैं और इसकी राशि किसे दी जानी है।
अभी पाइल टेस्टिंग तक सिमटा निर्माण
विभिन्न स्तर पर किए जा रहे विलंब के चलते ईपीआइएल अब तक सिर्फ ब्रिज के पिलर खड़े करने के लिए पाइल टेस्टिंग संबंधी कार्य ही कर पाया है। वहीं, आरओबी का निर्माण मार्च 2023 तक पूरा करना है और दो माह बाद भी मामला यूटीलिटी शिफ्टिंग पर अटका है।
आरओबी परियोजना पर एक नजर
लंबाई, करीब 550 मीटर
लागत, 47.15 करोड़ रुपये (यूटिलिटी शिफ्टिंग सहित)
यूटिलिटी शिफ्टिंग, 4.53 करोड़ रुपये
कार्य पूरा करने का लक्ष्य, मार्च 2023
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जिलाधिकारी डा. आर राजेश कुमार ने बाताया कि आरओबी जैसी अहम परियोजना में हो रहे विलंब पर अधिकारियों से बात की जाएगी। जिस भी स्तर पर पेच फंस रहा है, उसके शीघ्र दूर करने के प्रयास किए जाएंगे।
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