उत्तराखंड: दिल्ली से कोटद्वार जा रही बस में आठ यात्री मिले बेटिकट, आखिर किस काम के हैं ये नियम

रोडवेज की बस में आठ यात्री बेटिकट पकड़े गए। यात्रियों ने प्रवर्तन टीम को बताया कि परिचालक ने मशीन की खराबी बताकर उन्हें हाथ से बने टिकट दिए हुए थे। सभी यात्रियों ने परिचालक को पूरा किराया दिया हुआ था।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Tue, 26 Oct 2021 07:55 AM (IST) Updated:Tue, 26 Oct 2021 07:55 AM (IST)
उत्तराखंड: दिल्ली से कोटद्वार जा रही बस में आठ यात्री मिले बेटिकट, आखिर किस काम के हैं ये नियम
उत्तराखंड: दिल्ली से कोटद्वार जा रही बस में आठ यात्री बेटिकट, आखिर किस काम के हैं ये नियम।

जागरण संवाददाता, देहरादून। दिल्ली से कोटद्वार जा रही रोडवेज की बस में आठ यात्री बेटिकट पकड़े गए। यात्रियों ने प्रवर्तन टीम को बताया कि परिचालक ने मशीन की खराबी बताकर उन्हें हाथ से बने टिकट दिए हुए थे। सभी यात्रियों ने परिचालक को पूरा किराया दिया हुआ था। प्रवर्तन टीम ने बस परिचालक के खिलाफ मुख्यालय व मंडल प्रबंधक को रिपोर्ट भेज दी है।

कोटद्वार डिपो की एक साधारण बस (यूके07पीए-4254) रविवार रात दिल्ली से कोटद्वार जा रही थी। बस पर चालक प्रमोद डोबरियाल व परिचालक सुखविंदर सिंह तैनात थे। इस बस के बेटिकट दौड़ने की लगातार शिकायत पर मुख्यालय से देर रात विशेष प्रवर्तन टीम भेजी गई। टीम की ओर से बीच मार्ग पर बस चेक की गई तो उसमें आठ यात्रियों से फर्जी टिकट मिले।

दो यात्री दिल्ली से नजीबाबाद, दो यात्री दिल्ली से बिजनौर, एक यात्री दिल्ली से मीरापुर, एक यात्री मोहननगर से रामराज, एक यात्री मेरठ से बहसुमा व एक यात्री मेरठ से मवाना का था। कुल 1226 रुपये के बेटिकट पकड़े गए। रोडवेज मुख्यालय से मिली जानकारी के अनुसार परिचालक सुखविंदर सिंह के विरुद्ध पूर्व में भी आधा दर्जन से ज्यादा बेटिकट के मामले दर्ज हैं। इन मामलों में वह ऋषिकेश व हरिद्वार से निलंबित भी हो चुका है। वह नियमित परिचालक है।

आखिर किस काम के ये नियम

रोडवेज को घाटे से उबारने एवं भ्रष्टाचार पर नकेल कसने के लिए प्रबंधन ने कार्रवाई के नियम तो बनाए, लेकिन कार्रवाई के नाम पर होता कुछ नहीं। बेटिकट पर चालक एवं परिचालक के विरूद्ध सीधे एफआइआर का प्रविधान है, लेकिन एफआइआर होती कभी नहीं। यही वजह है कि रोडवेज को लगातार चपत लग रही और आर्थिक घाटा कम होने के बजाए बढ़ता जा रहा। बेटिकट यात्रा पर अंकुश के लिए 15 जुलाई 2016 को नियम नियम लागू किए गए थे।

बेटिकट पर ये हैं नियम

-तीन बेटिकट जिनकी राशि 250 रुपये तक होगी तो परिचालक का डिपो बदला जाएगा व उससे किराए की राशि का दस गुना वसूला जाएगा। यदि राशि 250 रुपये से अधिक है तो परिचालक के तमाम देय जब्त कर उसे नौकरी से बर्खास्त कर दिया जाएगा।

-तीन से अधिक यात्री बेटिकट पर परिचालक के समस्त देय जब्त कर उससे दस गुना जुर्माना वसूला जाएगा। साथ ही नौकरी से बर्खास्त कर मुकदमा दर्ज किया जाएगा।

-यदि सीटिंग क्षमता से अधिक यात्री बस में हैं और उसमें तीन यात्री बेटिकट हैं तो ऐसे मामलों में जांच के बाद परिचालक पर कार्रवाई की जाएगी।

-यदि एक कैलेंडर वर्ष में परिचालक दूसरी बार बेटिकट पकड़ा जाता है व दोनों बार के यात्रियों की संख्या मिलाकर तीन से ऊपर है तो उसकी सेवा समाप्त कर उससे दस गुना जुर्माना वसूला जाएगा।

-बस में 500 किग्रा माल बिना बुक किए पकड़े जाने पर परिचालक से किराए का दस गुना जुर्माना वसूला जाएगा।

-500 किग्रा से अधिक माल टिकट बिना पकड़े जाने पर चालक-परिचालक के समस्त देय जब्त करने, दस गुना जुर्माना व उनकी सेवा समाप्त करने की कार्रवाई।

-चेकिंग में बस न रोकने पर चालक की समस्त राशि जब्त कर उसकी सेवा समाप्त कर दी जाएगी लेकिन कार्रवाई दो टीमों की रिपोर्ट पर होगी।

-तय मार्ग के बजाए मनमर्जी से रूट पर चलने, बाइपास या अन्य मार्ग पर बस संचालन पर चालक पर ढाई हजार रुपये जुर्माना लगेगा।

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