अनाथ बच्चों की चिंता में उत्तराखंड सरकार, इस योजना के तहत किया जाएगा लाभान्वित

कोरोना की तेज होती दूसरी लहर और मृत्युदर बढ़ने से चिंता गहराने लगी। कहीं घर के कमाऊ पूत को इस महामारी ने लील लिया तो कहीं बच्चों के सिर से माता-पिता का साया छीन लिया। इस परिदृश्य के बीच प्रदेश सरकार अब उन अनाथ बच्चों की चिंता में जुट गई।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Mon, 10 May 2021 06:45 AM (IST) Updated:Mon, 10 May 2021 06:45 AM (IST)
अनाथ बच्चों की चिंता में उत्तराखंड सरकार, इस योजना के तहत किया जाएगा लाभान्वित
अनाथ बच्चों की चिंता में उत्तराखंड सरकार।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। कोरोना महामारी की तेज होती दूसरी लहर और मृत्युदर बढ़ने से चिंता गहराने लगी है। कहीं घर के कमाऊ पूत को इस महामारी ने लील लिया तो कहीं बच्चों के सिर से माता-पिता का साया छीन लिया। इस परिदृश्य के बीच प्रदेश सरकार अब उन अनाथ बच्चों की चिंता में जुट गई है, जिनके माता-पिता का कोरोना संक्रमण से निधन हो गया है। शासन ने ऐसे बच्चों के आंकड़े जुटाने के निर्देश दिए हैं, ताकि केंद्र सरकार की 'बाल संरक्षण सेवाएं' योजना के तहत उन्हें लाभान्वित किया जा सके। 

यह किसी से छिपा नहीं है कि देश के अन्य हिस्सों की भांति उत्तराखंड में भी कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर अब अत्यधिक तेज हो चली है। रोजाना ही सामने आ रहे कोरोना के आठ से नौ हजार नए मामले इसकी तस्दीक करते हैं। शहरी क्षेत्रों में तो संक्रमण बढ़ा ही है, ग्रामीण क्षेत्र भी इससे अछूते नहीं है। इसके साथ ही कोरोना संक्रमण से जान गंवाने वालों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। सूरतेहाल, चिंता और चुनौती दोनों में ही इजाफा हो गया है। हालांकि, कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए सरकार मुस्तैदी से जुटी है, मगर हालात बिगड़ते जा रहे हैं। इसे देखते हुए अब सख्त कदम भी उठाए जा रहे हैं।

इस सबके बीच सरकार ने उन बच्चों की भी चिंता की है, जिनके माता-पिता को इस महामारी ने लील लिया। अनाथ हुए ये बच्चे रिश्तेदारों के संरक्षण में रहेंगे या फिर फिर इन्हें गोद दिया जाना है अथवा इनके लिए कुछ और कदम उठाए जा सकते हैं, इसे लेकर सरकार सक्रिय हुई है। इसी कड़ी में अब जिलों से ऐसे बच्चों का आंकड़ा जुटाया जा रहा है। सचिव महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास एचसी सेमवाल ने इस संबंध में अपर सचिव ग्राम्य विकास, सचिव पंचायती राज व स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और पुलिस महानिदेशक को पत्र भेजा है। 

पत्र में कहा गया है कि कोरोना संक्रमण की चपेट में आकर जिन बच्चों के माता-पिता का निधन हो गया है, उन्हें संरक्षण और उचित देखभाल दिया जाना आवश्यक है। ऐसे बच्चों को केंद्रीय महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय की बाल संरक्षण सेवाएं योजना के तहत लाभान्वित किया जा सकता है। पत्र में संबंधित विभागों के सचिवों से आग्रह किया गया है कि वे जिला, ब्लाक व ग्राम स्तर पर तैनात कार्मिकों को निर्देशित करें कि ऐसे बच्चों का पूरा ब्योरा जिलाधिकारी व जिला प्रोबेशन अधिकारी को देना सुनिश्चित करें।

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