सीएसआर के माध्यम से स्वास्थ्य उपकरण जुटाएगी सरकार, IAS अफसर को बनाया नोडल अधिकारी

उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण से मरीजों की संख्या बढ़ने के कारण स्वास्थ्य उपकरणों की कमी महसूस होने लगी है। इसे देखते हुए प्रदेश सरकार औद्योगिक घरानों से कारपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (सीएसआर) के माध्यम से स्वास्थ्य उपकरण लेने की तैयारी कर रही है।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Wed, 05 May 2021 08:44 PM (IST) Updated:Wed, 05 May 2021 08:44 PM (IST)
सीएसआर के माध्यम से स्वास्थ्य उपकरण जुटाएगी सरकार, IAS अफसर को बनाया नोडल अधिकारी
सीएसआर के माध्यम से स्वास्थ्य उपकरण जुटाएगी सरकार।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण से मरीजों की संख्या बढ़ने के कारण स्वास्थ्य उपकरणों की कमी महसूस होने लगी है। इसे देखते हुए प्रदेश सरकार औद्योगिक घरानों से कारपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (सीएसआर) के माध्यम से स्वास्थ्य उपकरण लेने की तैयारी कर रही है। इसके लिए एक आइएएस अधिकारी को नोडल अधिकारी बनाया गया है, जो विभिन्न कंपनियों व निजी दानदाताओं से संपर्क साधेंगे।

प्रदेश में जल्द ही डीआरडीओ के सहयोग से 1400 आक्सीजन बेड बढ़ने की भी उम्मीद है। बुधवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार ने कहा कि इस समय सरकार का फोकस स्वास्थ्य उपकरणों पर है। इसलिए औद्योगिक घरानों से सीएसआर के तहत स्वास्थ्य उपकरण, जैसे आक्सीजन सिलिंडर, आक्सीजन कंसनट्रेटर, आक्सीजन बेड, सिटी स्कैन मशीन आदि देने पर बातचीत की जा रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री राहत कोष में धनराशि उपलब्ध कराने के स्थान पर स्वास्थ्य उपकरण देने पर बात की जा रही है। 

सचिव स्वास्थ्य अमित नेगी ने कहा कि प्रदेश में लगातार आक्सीजन बेड और आइसीयू बढ़ाने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। अगले कुछ दिनों में डीआरडीओ के सहयोग से 1400 आक्सीजन बेड बढ़ जाएंगे। इसके लिए धनराशि भी आवंटित कर दी गई है। उन्होंने कहा कि राज्य में प्लाज्मा डोनेशन के लिए पोर्टल की स्थापना की गई है। इसमें लगातार ठीक हो रहे व्यक्तियों से संपर्क साध कर उन्हें प्लाज्मा डोनेशन के लिए प्रेरित किया जा रहा है। ई-संजीवनी पोर्टल के माध्यम से प्रतिदिन दो हजार से अधिक व्यक्तियों को घर बैठे मुफ्त उपचार दिया जा रहा है। 

उन्होंने कहा कि प्रदेश में संक्रमण रोकने के लिए आमजनता का सहयोग भी जरूरी है। सभी कोविड गाइडलाइन का पूरा पालन करें। प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए मानव संसाधन उपलब्ध कराने को अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की गई है। प्रदेश में कालाबाजारी की जानकारी देते हुए आइजी अमित सिन्हा ने बताया कि नैनीताल, ऊधमसिंह नगर, देहरादून और हरिद्वार में राज्य सरकार द्वारा लगातार कार्रवाई की जा रही है। बीते दो दिनों में चार लोगों को कालाबाजारी के लिए गिरफ्तार किया गया है। कालाबाजारी की सूचना टोल फ्री नंबर 112 पर दी जा सकती है।

मरीजों से रेमडेसिविर न मंगाए निजी अस्पताल 

प्रदेश में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के साथ विभिन्न दवाओं की मांग भी तेजी से बढ़ी है। इनमें रेमडेसिवीर प्रमुख है। देखा जा रहा है कि निजी अस्पताल मरीजों से ही रेमडेसिविर मंगवा रहे हैं। इसके लिए उनके स्वजन इधर-उधर भटक रहे हैं। सचिव स्वास्थ्य अमित नेगी ने कहा कि सभी निजी अस्पतालों को रेमडेसिविर का इस्तेमाल तय एसओपी के अनुसार करने को कहा गया है।

प्रदेश में इसकी कमी नहीं है। निजी अस्पताल अपनी जरूरत स्वास्थ्य विभाग को बता कर यह दवा प्राप्त कर सकते हैं। सचिव स्वास्थ्य डा. पंकज कुमार पांडेय ने कहा कि टोसीलीजुमैब दवा का इस्तेमाल विशेष परिस्थितियों में किया जाता है। विभाग ही इसका वितरण करेगा। गढ़वाल मंडल में दून मेडिकल कालेज और कुमाऊं क्षेत्र के लिए सुशीला तिवारी मेडिकल कालेज को इसके लिए मेडिसन डिपार्टमेंट नामित किया गया है।

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