70 वर्ष से कम आयु के चिकित्सकों की सेवा लेगी उत्तराखंड सरकार
प्रदेश सरकार ने कोरोना संक्रमण की रोकथाम और बचाव के लिए 70 वर्ष से कम आयु के चिकित्सकों समेत मेडिकल इंटर्न और एमबीबीएस के अंतिम वर्ष के छात्रों की सेवाएं लेने का निर्णय लिया है। चिकित्सकों को एनएचएम द्वारा निर्धारित मानदेय दिया जाएगा।
राज्य ब्यूरो, देहरादून: प्रदेश सरकार ने कोरोना संक्रमण की रोकथाम और बचाव के लिए 70 वर्ष से कम आयु के चिकित्सकों समेत मेडिकल इंटर्न और एमबीबीएस के अंतिम वर्ष के छात्रों की सेवाएं लेने का निर्णय लिया है। चिकित्सकों को एनएचएम द्वारा निर्धारित मानदेय दिया जाएगा। मेडिकल इंटर्न और एमबीबीएस के अंतिम वर्षों के छात्रों को निर्धारित का आधा मानदेय दिया जाएगा।
प्रदेश में कोरोना संक्रमण को देखते हुए सरकार लगातार स्वास्थ्य सुविधाओं को विस्तार दे रही है। अस्थायी अस्पताल बनाए जा रहे हैं। इनके लिए सरकार को अतिरिक्त मानव संसाधन की जरूरत पड़ रही है। इसके लिए शासन ने जिलाधिकारियों और राजकीय मेडिकल कालेज के प्राचार्यों को किसी भी अन्य राज्य, भारत सरकार, आर्मी मेडिकल कोर, पैरा मिलिट्री मेडिकल सेवाएं और पंजीकृत निजी चिकित्सकों की सेवाएं लेने को कहा है। यह स्पष्ट किया गया है कि ऐसे चिकित्सकों की आयु 70 वर्ष से कम हो। शारीरिक रूप से पूर्ण स्वस्थ होने पर पर ही 28 फरवरी 2022 तक इनकी सेवाएं ली जा सकेंगी। इनके लिए अतिरिक्त पद सृजित नहीं होंगे। इसी प्रकार अन्य राज्य सरकार, भारत सरकार, आर्मी मेडिकल कोर, पैरा मिलिट्री मेडिकल व पैरामेडिकल स्टाफ नर्स की सेवाएं भी अनुबंध पर ली जा सकती हैं। इन सभी को एनएचएम द्वारा निर्धारित मानदेय दिया जाएगा। आवश्यकता पडऩे पर बीडीएस पास आउट दंत शल्य चिकित्सकों को भी कोरोना की ड्यूटी पर लिया जाएगा।
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मुख्यमंत्री ने की प्लाज्मा दान करने की अपील
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कोरोना संक्रमण से उबर कर स्वस्थ हो चुके व्यक्तियों से प्लाज्मा दान करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि इससे दूसरे व्यक्तियों की जान बचाई जा सकती है।मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने शनिवार को कहा कि प्रदेश सरकार कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। कोरोना संक्रमण से ठीक हो चुके व्यक्तियों को चाहिए कि वे अपना रक्त प्लाज्मा अवश्य दान करें, ताकि दूसरों की जान बचाई जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि चिकित्सकों के अनुसार रक्त प्लाजमा का दान अत्यंत आसान प्रक्रिया है। 18 से 60 आयु वर्ग का कोई भी व्यक्ति प्लाज्मा दान कर सकता है। खास बात यह है कि जब भी प्लाज्मा का दान करें, तो इस बात का विशेष ध्यान रखें कि पिछले 14 दिनों में आपमें कोरोना के कोई लक्षण तो नहीं दिखे। प्लाज्मा दान करने से पहले चिकित्सक से परामर्श अवश्य कर लें और सावधानी बरतें। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने सभी से अपील की है कि हिचकिचाएं नहीं, आगे आएं और रक्त प्लाज्मा का दान कर किसी कोरोना पीडि़त की जान बचाने में मदद कर अपनी जिम्मेदार नागरिक की भूमिका निभाएं।
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