राजकीय चिकित्सालय के वेंटिलेटर को अब मिलेंगी सांसे

शासन ने एसपीएस राजकीय चिकित्सालय ऋषिकेश को चार नए विशेषज्ञ चिकित्सक मिले हैं। इन चिकित्सकों में वरिष्ठ एनेस्थेटिक की भी यहां तैनाती की गई है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 15 Sep 2021 04:55 AM (IST) Updated:Wed, 15 Sep 2021 04:55 AM (IST)
राजकीय चिकित्सालय के वेंटिलेटर को अब मिलेंगी सांसे
राजकीय चिकित्सालय के वेंटिलेटर को अब मिलेंगी सांसे

जागरण संवाददाता, ऋषिकेश:

शासन ने एसपीएस राजकीय चिकित्सालय ऋषिकेश को चार नए विशेषज्ञ चिकित्सक मिले हैं। इन चिकित्सकों में वरिष्ठ एनेस्थेटिक की भी यहां तैनाती की गई है। इससे पहले यहां एनेस्थेटिक चिकित्सक नहीं थे जिससे चिकित्सालय में उपलब्ध वेंटिलेटर सुविधा मरीजों को नहीं मिल पा रही थी। वरिष्ठ एनेस्थेटिक की यहां तैनाती के बाद अब वेंटिलेटर सुविधा का लाभ रोगियों को मिलना शुरू हो जाएगा।

स्वास्थ्य मंत्री का पदभार ग्रहण करने के बाद डा. धन सिंह रावत राजकीय चिकित्सालय ऋषिकेश का निरीक्षण करने आए थे तब उनके सामने स्थानीय नागरिकों में चिकित्सकों और तकनीशियन की कमी की बात रखी थी। जिसमें अवगत कराया गया था कि कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए यहां पर्याप्त सुविधाएं नहीं है। 21 वेंटिलेटर लगाए गए हैं मगर इनके संचालन के लिए विशेषज्ञ और तकनीशियन नहीं है। कई अन्य महत्वपूर्ण चिकित्सकों के पद भी खाली है। तत्काल समय में स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत ने इस दिशा में अति शीघ्र उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया था, जो अब उन्होंने पूरा किया है।

चिकित्सालय को मिले चार विशेषज्ञ चिकित्सक

जिला चिकित्सालय पौड़ी से आर्थो सर्जन डा. प्रदीप कुमार चंदोला (संयुक्त निदेशक ग्रेड), सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र यमकेश्वर पौड़ी से बाल रोग विशेषज्ञ डा. विकास घिल्डियाल, जिला चिकित्सालय पौड़ी से वरिष्ठ एनेस्थेटिक डा. पंकज कुमार शर्मा, जिला चिकित्सालय पौड़ी से वरिष्ठ फिजीशियन डा. अमित रौतेला को एसपीएस राजकीय चिकित्सालय ऋषिकेश में भेजा गया है। अनुसचिव उत्तराखंड शासन चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा अनुभाग प्रदीप कुमार शुक्ल के मुताबिक इन सभी चिकित्सकों को नवीन तैनाती स्थल पर ज्वाइनिंग देने के लिए आदेश जारी किए गए हैं।

चिकित्सालय में हैं 21 वेंटिलेटर की सुविधा

कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए इस चिकित्सालय में प्रधानमंत्री केयर फंड से 10 वेंटिलेटर सुविधा वाले आइसीयू बेड की व्यवस्था की गई है। इसके अतिरिक्त प्रदेश सरकार की ओर से यहां 11 वेंटिलेटर की सुविधा दी गई है। तीन महीने से यह वेंटिलेटर किसी के भी काम नहीं आ रहे हैं। कारण यही है कि इनके संचालन के लिए एनेस्थेटिक और तकनीशियन नहीं है। अब शासन की ओर से यहां वरिष्ठ एनेस्थेटिक डा. प्रदीप कुमार चंदोला की तैनाती की गई है। इसके बाद संभावना जगी है कि जरूरतमंदों को यहां वेंटिलेटर की सुविधा मिलनी शुरू हो जाएगी। राजकीय चिकित्सालय में वर्तमान में आइसीयू में 10 वेंटिलेटर, कोविड वार्ड में चार वेंटिलेटर, एनआइसीयू में छह वेंटिलेटर और बच्चों के लिए बनाए गए केयर यूनिट में एक वेंटीलेटर लगाया गया है।

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जनरल सर्जन और स्थायी सीएमएस की मांग

एसपीएस राजकीय चिकित्सालय में कुंभ के दौरान उच्च न्यायालय में एक याचिका की सुनवाई के बाद न्यायालय ने शासन को स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के निर्देश दिए थे। जिस पर तत्कालीन मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने राजकीय चिकित्सालय का निरीक्षण कर सीएमएस डा. एनएस तोमर को जिला मुख्यालय में संबद्ध कर दिया था। कामचलाऊ व्यवस्था के तहत डा. विजयेश भारद्वाज को सीएमएस का प्रभार दिया गया। हालांकि वह भी सर्जन हैं। यहां के नागरिकों ने स्वास्थ्य मंत्री से जनरल सर्जन और स्थायी सीएमएस कि शीघ्र तैनाती की मांग की है।

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