उत्तराखंड में निकायों और पंचायतों पर 80 करोड़ की धन वर्षा

प्रदेश सरकार ने शहरी निकायों और त्रिस्तरीय पंचायतों पर धन वर्षा की है। उनके लिए चतुर्थ राज्य वित्त आयोग की सिफारिश पर शहरी निकायों को 11वीं और पंचायती संस्थाओं को 10वीं किस्त के रूप में 80.85 करोड़ की राशि जारी की गई है।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Tue, 26 Jan 2021 09:36 AM (IST) Updated:Tue, 26 Jan 2021 09:36 AM (IST)
उत्तराखंड में निकायों और पंचायतों पर 80 करोड़ की धन वर्षा
उत्तराखंड में निकायों और पंचायतों पर 80 करोड़ की धन वर्ष।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। प्रदेश सरकार ने शहरी निकायों और त्रिस्तरीय पंचायतों पर धन वर्षा की है। उनके लिए चतुर्थ राज्य वित्त आयोग की सिफारिश पर शहरी निकायों को 11वीं और पंचायती संस्थाओं को 10वीं किस्त के रूप में 80.85 करोड़ की राशि जारी की गई है।

उत्तराखंड सरकार जिलों के साथ ही शहरी निकायों और पंचायतों को बजट देने में देर नहीं कर रही है। जिला योजना की सालाना बजट राशि जिलों को जारी की जा चुकी है। अब मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के निर्देश पर शहरी निकायों और पंचायतों पर मेहर बरसी है। वित्त सचिव अमित नेगी ने सोमवार को इस संबंध में आदेश जारी किए। आठ नगर निगमों को 21.88 करोड़, सभी नगरपालिका परिषदों को 21.89 करोड़, नगर पंचायत को 5.31 करोड़ और गैर निर्वाचित तीन निकायों बदरीनाथ, केदारनाथ और गंगोत्री को 17.17 लाख रुपये जारी किए गए हैं। शहरी निकायों को पेंशन निधि के लिए 47.91 लाख की राशि दी गई है। 

इसी तरह 13 जिला पंचायतों को 14.21 करोड़, 95 क्षेत्र पंचायतों को 7.23 करोड़ और ग्राम पंचायतों को 9.65 करोड़ दिए गए हैं। शासनादेश में शहरी निकायों को उक्त धनराशि का इस्तेमाल कर्मचारियों के वेतन-भत्ते, पथ प्रकाश, जल संस्थान के देयकों व सेवानिवृत्त कर्मचारियों के दावों के भुगतान में करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके बाद बचने वाली धनराशि का उपयोग विकास कार्यों, सफाई व स्वच्छता संबंधी वाहनों में कूड़ा वाहन, डंपर, टिप्पर, जेसीबी कंपेक्टर वाहन खरीदने में किया जा सकेगा। सभी निकायों को उक्त धनराशि का इस्तेमाल 31 मार्च तक करना होगा। 

त्रिस्तरीय पंचायतों को भी उक्त धनराशि का उपयोग सबसे पहले कार्मिकों के वेतन-भत्तों और निर्वाचित जनप्रतिनिधियों में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और जिला पंचायत सदस्यों के मानदेय पर किया जाएगा। शेष धनराशि का 50 फीसद जलापूर्ति पर खर्च होगा। शेष राशि सीवरेज व ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, जल निकासी और स्वच्छता, सामुदायिक परिसंपत्तियों के रखरखाव, पथ प्रकाश और आंगनबाड़ी भवनों के निर्माण में इस्तेमाल की जाएगी। 

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