रोडवेज को करोड़ों के घाटे से उबारने की तैयारी, बाहर निकला एसीपी का जिन्न; होगी रिकवरी
रोडवेज के करोड़ों के घाटे को दूर करने को सरकार ने अब कड़े कदम उठाने की तैयारी कर ली है। कोरोना काल में वेतन संकट से जूझ रहे रोडवेज कार्मिकों को सरकार ने हाइकोर्ट के आदेश पर करोड़ों की आर्थिक मदद तो कर दी।
जागरण संवाददाता, देहरादून। रोडवेज के करोड़ों के घाटे को दूर करने को सरकार ने अब कड़े कदम उठाने की तैयारी कर ली है। कोरोना काल में वेतन संकट से जूझ रहे रोडवेज कार्मिकों को सरकार ने हाइकोर्ट के आदेश पर करोड़ों की आर्थिक मदद तो कर दी, लेकिन अब सरकार रोडवेज कर्मियों से रिकवरी की तैयारी कर रही।दरअसल, यह रिकवरी से जुड़ा यह मामला बीते वर्ष किए गए स्पेशल आडिट में सामने आया था कि रोडवेज में वेतन वृद्धि समेत एश्योर्ड कैरियर प्रमोशन (एसीपी) की मद में करोड़ों रुपये की अनियमितता हुई है। आडिट की रिपोर्ट में दफ्तर एवं कार्यशाला के तकरीबन 1300 कार्मिकों को गलत वेतन और एसीपी देने से रोडवेज को तकरीबन 100 करोड़ रुपये की चपत लगना बताया गया था, मगर रोडवेज मुख्यालय ने कोई रिकवरी नहीं की। सचिव परिवहन डा. रणजीत सिन्हा ने मंगलवार को इस मामले में कार्मिकों पर कार्रवाई करने व रिकवरी के आदेश दे दिए।
एसीपी घोटाला पिछले दो साल से उछल रहा था, लेकिन जब कोरोना काल में वेतन का संकट खड़ा हुआ, तब बीते साल त्रिवेंद्र सरकार ने रोडवेज का स्पेशल आडिट कराने का आदेश दिया था। अगस्त से नवंबर तक चले इस आडिट में शुरुआत में ही गड़बड़ी सामने आ गई थी। जिस पर रोडवेज प्रबंधन ने 15 अधिकारियों और कार्यशाला के 400 कार्मिकों से रिकवरी के आदेश अक्टूबर में कर दिए थे। विभिन्न प्रशासनिक और डिपो दफ्तर के शेष 900 कार्मिकों की गड़बड़ी के बारे में नवंबर में रिपोर्ट दी गई। कुल 1300 कार्मिक इसकी जद में आए।
आडिट रिपोर्ट के मुताबिक इनसे कुल रिकवरी 100 करोड़ रुपये के आसपास बन रही है। रोडवेज के तत्कालीन प्रबंध निदेशक रणवीर चौहान ने समस्त 1300 कार्मिकों का गलत एसीपी के चलते हो रहे लाभ को हटाकर पुराने वेतन पर भेजने के आदेश दिए थे, लेकिन प्रबंधन यह आदेश लागू ही नहीं कर पाया। दिसंबर में प्रबंध निदेशक ने इस पर नाराजगी जाहिर कर कार्मिकों का वेतन रोकने के आदेश भी दिए, लेकिन मुख्यालय ने इस पर भी कदम नहीं उठाए। जनवरी से संशोधित वेतन देने व रिकवरी के लिए वित्त नियंत्रक को कदम उठाने थे, लेकिन मामला कोरोना की वजह से टल गया। अब सरकार ने आदेश दिए हैं कि एसीपी प्रकरण में कार्रवाई कर कार्मिकों से वसूली की जाए।
रिकवरी हुई तो लंबित नहीं रहेगा वेतन
अगर रोडवेज प्रबंधन एसीपी के पूरे 100 करोड़ की पूरी रिकवरी कर लेता है तो उस पर किसी माह का वेतन लंबित नहीं रहेगा। आगे के वेतन का भी जुगाड़ उसके पास हो जाएगा। इस वक्त प्रबंधन पर मई, जून और जुलाई का वेतन लंबित है। इसमें भी मई व जून के वेतन के लिए सरकार ने 34 करोड़ रुपये जारी कर दिए हैं। इसके बाद रोडवेज प्रबंधन पर सिर्फ जुलाई का वेतन लंबित रह जाएगा। पहले रोडवेज में वेतन का मासिक खर्च लगभग 22 करोड़ रुपये होता था, जो अधिकारियों व कार्यशाला कर्मियों को मिल रहे गलत एसीपी के फायदे हटाने पर करीब साढ़े 18 करोड़ रह जाएगा। यानी, रिकवरी होने पर रोडवेज न सिर्फ चार माह का वेतन देने में सक्षम होगा बल्कि कर्मियों के लंबित देय का पूरा भुगतान भी कर सकेगा।
बड़े अधिकारियों पर 18 से 20 लाख तक की रिकवरी
गलत वेतन वृत्रि व एसीपी के चलते हुए घाटे में मुख्यालय के बड़े अधिकारियों पर 18 से 20 लाख रुपये तक की रिकवरी की तलवार लटक रही। मुख्यालय के डीजीएम स्तर के कईं अधिकारी समेत आरएम और डिपो एजीएम भी रिकवरी की जद में हैं।
रोडवेज के महाप्रबंधक दीपक जैन का कहना है कि आडिट रिपोर्ट में पिछले सात साल में गलत एसीपी का लाभ देने की वजह से न केवल मुख्यालय बल्कि प्रशासनिक दफ्तरों व डिपो कार्यालयों में एक हजार से अधिक कार्मिकों को बढ़ा हुआ वेतन देने की बात सामने आई थी। निश्चित ही यह गंभीर बात है और इससे रोडवेज को करोड़ों रुपये की चपत लगी है। शासन ने रिकवरी को लेकर कार्रवाई के जो आदेश दिए हैं, उनका शत फीसद पालन किया जाएगा।
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