उत्‍तराखंड : राज्य सरकार को मिला दून का रेंजर्स कालेज मैदान, डीएम देहरादून के नियंत्रण में होगा यह खेल मैदान

राजधानी देहरादून में शहर के मध्य में स्थित रेंजर्स कालेज मैदान अब राज्य सरकार को मिल गया है। केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने यह मैदान वन अनुसंधान संस्थान से राज्य सरकार को हस्तांतरित करने के आदेश जारी कर दिए हैं।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Wed, 16 Jun 2021 07:51 AM (IST) Updated:Wed, 16 Jun 2021 07:51 AM (IST)
उत्‍तराखंड : राज्य सरकार को मिला दून का रेंजर्स कालेज मैदान, डीएम देहरादून के नियंत्रण में होगा यह खेल मैदान
राजधानी देहरादून में शहर के मध्य में स्थित रेंजर्स कालेज मैदान अब राज्य सरकार को मिल गया है।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। राजधानी देहरादून में शहर के मध्य में स्थित रेंजर्स कालेज मैदान अब राज्य सरकार को मिल गया है। केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने यह मैदान वन अनुसंधान संस्थान से राज्य सरकार को हस्तांतरित करने के आदेश जारी कर दिए हैं। अब जल्द ही डीएम देहरादून इस खेल मैदान को अपने नियंत्रण में लेंगे। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने दिल्ली में केंद्रीय सूचना प्रसारण, वन-पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन, भारी उद्योग व सार्वजनिक उद्यम मंत्री प्रकाश जावडेकर से मुलाकात के दौरान राज्य को यह सौगात देने के साथ ही लालढांग-चिलरखाल मार्ग के सुदृढ़ीकरण के लिए राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड की मंजूरी मिलने पर केंद्र के प्रति आभार जताया। उन्होंने लालढांग-चिलरखाल मार्ग के लिए वन भूमि हस्तांतरण से छूट प्रदान करने का आग्रह भी किया।

देहरादून शहर में परेड मैदान के स्मार्ट सिटी परियोजना समेत अन्य कार्यों के उपयोग में लाए जाने के मद्देनजर खेल गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए रेंजर्स कालेज मैदान को राज्य सरकार को हस्तांतरित करने की मांग की जा रही थी। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के निर्देश पर शासन ने इस संबंध में केंद्रीय वन एवं पर्यावरण को प्रस्ताव भेजा था। अब इसके आदेश जारी हो गए हैं। हस्तांतरण की कार्रवाई होने पर यह खेल मैदान डीएम देहरादून के नियंत्रण में होगा। जाहिर है कि खेल-गतिविधियों समेत अन्य आयोजन के लिए यह मैदान मिलने में आसानी रहेगी।

मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री जावडेकर से मुलाकात के दौरान हरिद्वार में हेलीपैड बनाने के लिए बीएचईएल की चिह्नित भूमि 20 वर्ष के लिए प्रदेश सरकार को निश्शुल्क उपलब्ध कराने का भी आग्रह किया। इस पर केंद्रीय मंत्री ने तीन से चार एकड़ भूमि राज्य को देने पर सहमति व्यक्त की। मुख्यमंत्री ने बातचीत के दौरान राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत विभिन्न सड़कों के लिए वन भूमि हस्तांतरण से जुड़े मसले भी रखे। उन्होंने कहा कि इन मार्गों के लिए राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड और वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से स्वीकृति दी जानी है। उन्होंने इनकी स्वीकृति के लिए आवश्यक कार्रवाई का आग्रह किया। इस मौके पर मुख्य सचिव ओमप्रकाश, अपर मुख्य सचिव आनंद वर्द्धन, सचिव राधिका झा, दिलीप जावलकर व शैलेश बगोली समेत अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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