पिटकुल प्रबंधन पर लगाया मनमानी का आरोप, उत्तराखंड ऊर्जा कामगार संगठन ने दी आंदोलन की चेतावनी

उत्तराखंड ऊर्जा कामगार संगठन ने पिटकुल प्रबंधन पर मनमानी का आरोप लगाया है। एक कार्मिक की एसीआर पूर्व में खराब दर्शाने और बाद में उचित किए जाने के बावजूद पदोन्नति नहीं दी गई। जिस पर कार्मिक की पत्नी की ओर से ऊर्जा मंत्री से शिकायत भी की।

By Sumit KumarEdited By: Publish:Sun, 24 Oct 2021 02:11 PM (IST) Updated:Sun, 24 Oct 2021 02:11 PM (IST)
पिटकुल प्रबंधन पर लगाया मनमानी का आरोप, उत्तराखंड ऊर्जा कामगार संगठन ने दी आंदोलन की चेतावनी
उत्तराखंड ऊर्जा कामगार संगठन ने पिटकुल प्रबंधन पर मनमानी का आरोप लगाया है।

जागरण संवाददाता, देहरादून : उत्तराखंड ऊर्जा कामगार संगठन ने पिटकुल प्रबंधन पर मनमानी का आरोप लगाया है। एक कार्मिक की एसीआर पूर्व में खराब दर्शाने और बाद में उचित किए जाने के बावजूद पदोन्नति नहीं दी गई। जिस पर कार्मिक की पत्नी की ओर से ऊर्जा मंत्री से शिकायत भी की, लेकिन ऊर्जा मंत्री के निर्देश के बावजूद निगम प्रबंधन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। जिस पर नाराजगी जताते हुए कामगार संगठन ने आंदोलन की चेतावनी दी है।

संगठन के मंडलीय सचिव नगरीय अवतार सिंह बिष्ट ने बताया कि शनिवार को संगठन के कार्यालय में बैठक आयोजित की गई। जिसमें कार्मिकों के साथ ऊर्जा निगमों में हो रहे उत्पीडऩ का विरोध करते हुए विभिन्न मुद्दों पर आवाज बुलंद की गई। बताया कि पूर्व में डोईवाला में तैनात कार्मिक एचसी शर्मा की वहां के अधिशासी अभियंता की ओर से एसीआर खराब दर्शायी गई थी, जिसके बाद दूसरे अधिशासी अभियंता ने उन्हें उचित एसीआर प्रदान की। जिसके बाद आपेक्षित पदोन्नति किए बिना कार्मिक को इधर-उधर भटकने पर मजबूर किया गया। कार्मिक की पत्नी की ओर से तमाम प्रत्यावेदन और साक्ष्यों के साथ ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत से कार्रवाई की गुहार लगाई गई।

यह भी पढ़ें-उत्तराखंड: जिलों को शिक्षक भर्ती शुरू करने के आदेश, जानिए किस जिले में हैं कितने पद

जिस पर ऊर्जा मंत्री ने पिटकुल के निदेशक मानव संसाधन को मामले का संज्ञान लेकर उचित कार्रवाई के निर्देश दिए। लेकिन, इसके बावजूद आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। कामगार संगठन ने कहा कि मांगों पर कार्रवाई न होने से रोष व्‍याप्‍त है। जल्‍द ही इस मामले में एक प्रतिनिधि मंडल ऊर्जा मंत्री से मुलाकात करेंगे। यदि कार्मिकों के साथ इस प्रकार से उत्पीडऩ किया जाता रहा तो भविष्य में सड़कों पर आंदोलन किया जाएगा।

यह भी पढ़ें- उत्तराखंड: आपत्तियों के कारण नहीं हुआ किराया वृद्धि पर फैसला, नए सिरे से बनाई जाएगी समिति

chat bot
आपका साथी