Uttarakhand Election 2022: सैनिक मतदाताओं को लेकर कांग्रेस अलर्ट, लुभाने को नहीं छोड़ना चाहते कोई कसर

Uttarakhand Election 2022 कांग्रेस इस बार पिछले चुनाव की तुलना में ज्यादा सावधान है। सैन्य परिवारों से संबंधित 12 फीसद मतदाताओं को लुभाने के लिए कांग्रेस कसर नहीं छोड़ना चाहती। कांग्रेस शहीद सैनिकों के स्वजन और पूर्व सैनिकों को सम्मानित करने की मुहिम शुरू कर चुकी है।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Tue, 19 Oct 2021 07:15 AM (IST) Updated:Tue, 19 Oct 2021 07:15 AM (IST)
Uttarakhand Election 2022: सैनिक मतदाताओं को लेकर कांग्रेस अलर्ट, लुभाने को नहीं छोड़ना चाहते कोई कसर
Uttarakhand Election 2022: सैनिक मतदाताओं को लेकर कांग्रेस अलर्ट।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। Uttarakhand Election 2022 सैनिक बहुल उत्तराखंड में कांग्रेस इस बार पिछले चुनाव की तुलना में ज्यादा सावधान है। सैन्य परिवारों से संबंधित 12 फीसद मतदाताओं को लुभाने के लिए कांग्रेस कसर नहीं छोड़ना चाहती। सत्तारूढ़ भाजपा के सैन्यधाम को लेकर की जा रही तैयारी के जवाब में कांग्रेस शहीद सैनिकों के स्वजन और पूर्व सैनिकों को सम्मानित करने की मुहिम शुरू कर चुकी है।

उत्तराखंड में बड़ी संख्या में सैन्य परिवारों को देखते हुए कांग्रेस उन्हें साधने की हर मुमकिन कोशिश कर रही है। पिछले विधानसभा चुनाव में सैनिकों और पूर्व सैनिक मतदाताओं को साधने में भाजपा आगे रही थी। इस बार कांग्रेस इस मामले में पीछे नहीं रहना चाहती। दरअसल राज्य में हर परिवार से एक व्यक्ति सेना में है अथवा उसका सैन्य परिवार से संबंध है। भाजपा देहरादून में बनाए जा रहे सैन्यधाम में प्रदेश में शहीद सैनिकों से संबंधित गांवों की मिट्टी लाने के लिए शहीद सम्मान यात्रा निकाल रही है।

सैन्यधाम के जवाब में कांग्रेस की मुहिम

शहीद सैनिकों के गांवों की मिट्टी को सैन्यधाम में रखा जाएगा। भाजपा की इन कोशिशों को संजीदगी से ले रही कांग्रेस जवाबी रणनीति के तौर पर शहीद सैनिकों के परिजनों और पूर्व सैनिकों को गांवों में जाकर सम्मानित कर रही है। पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस चुनाव अभियान समिति अध्यक्ष हरीश रावत, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल और नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह समेत पार्टी के बड़े नेता इस अभियान को जोर-शोर से चला रहे हैं। पूरे प्रदेश में कांग्रेस का यह अभियान चल रहा है।

पूर्व सैनिकों को पार्टी से जोड़ने की कवायद

सर्जिकल स्ट्राइक, बालाकोट एयर स्ट्राइक जैसी घटनाओं से भाजपा के पक्ष में बने माहौल को देखते हुए कांग्रेस का जोर सैनिकों और पूर्व सैनिकों को लुभाने पर है। यही वजह है कि पार्टी ने प्रदेश में परिवर्तन रैली के अपने कार्यक्रम को आगे खिसकाकर शहीद सैनिकों के स्वजन और पूर्व सैनिकों के सम्मान को प्राथमिकता दी। पूर्व सैनिकों को पार्टी से जोड़ने के लिए बाकायदा कार्यक्रम की तैयारी को अंतिम रूप दिया जा चुका है।

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