कोरोना कर्फ्यू के कारण रोडवेज की आर्थिक हालत खराब, जनवरी के वेतन को मांगे बीस करोड़ एडवांस
कोरोना कर्फ्यू के कारण अंतरराज्यीय बस संचालन बंद होने से बेहद खराब आर्थिक स्थिति से गुजर रहे रोडवेज प्रबंधन ने जनवरी के वेतन के लिए सरकार से 20 करोड़ रुपये एडवांस मांगे हैं। यह राशि पर्वतीय संचालन से होने वाले घाटे की मद से मांगी गई है।
जागरण संवाददाता, देहरादून। कोरोना कर्फ्यू के कारण अंतरराज्यीय बस संचालन बंद होने से बेहद खराब आर्थिक स्थिति से गुजर रहे रोडवेज प्रबंधन ने जनवरी के वेतन के लिए सरकार से 20 करोड़ रुपये एडवांस मांगे हैं। यह राशि पर्वतीय संचालन से होने वाले घाटे की मद से मांगी गई है। परिवहन सचिव ने फाइल मंजूर कर वित्त सचिव को भेजी थी। बताया जा रहा कि मंगलवार को वित्त सचिव ने फाइल मंजूर कर मुख्यमंत्री कार्यालय भेज दी है। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की स्वीकृति के बाद राशि रोडवेज को जारी कर दी जाएगी।
पिछले करीब सवा साल से रोडवेज राज्य सरकार से मिली मदद के आधार पर वेतन दे रहा है। दरअसल, गत वर्ष मार्च में लगा लाकडाउन और उसके बाद बस संचालन न होने से रोडवेज का घाटा बढ़ता चला गया। गत वर्ष अक्टूबर-नवंबर में बस संचालन ने कुछ गति पकड़ी थी, लेकिन इस वर्ष अप्रैल में बढ़े कोरोना संक्रमण न फिर इसकी गति रोक दी।
मौजूदा समय में अंतरराज्यीय बस संचालन पूरी तरह बंद है व सूबे के भीतरी मार्गो पर महज 150 बसों का संचालन हो रहा है। इनमें भी यात्रियों की संख्या पचास फीसद से भी कम है। जिस कारण डीजल का खर्च भी नहीं निकल रहा। स्थिति ये है कि रोडवेज प्रबंधन पर इस वक्त जनवरी से मई तक पांच महीने का वेतन लंबित चल रहा। दिसंबर का वेतन भी अप्रैल में सरकार से मिली मदद के आधार पर किया गया।
वेतन के अलावा कर्मचारियों के लंबित देयकों का भुगतान, सेवानिवृत्त कर्मचारियों के एकमुश्त भुगतान, ग्रेच्युटी आदि का भी रोडवेज भुगतान नहीं कर सका है। चूंकि, फिलहाल आर्थिक हालात सुधरने की उम्मीद बेहद कम है और बस संचालन भी सामान्य होने में काफी वक्त लग सकता है।
ऐसे में रोडवेज प्रबंधन एक बार फिर से राज्य सरकार की शरण में पहुंच गया है व आर्थिक मदद मांगी है। स्थिति विकट ऐसी भी है कि कोरोना के कारण रोडवेज के दो दर्जन कार्मिकों की मृत्यु हो चुकी है व दो सौ से ज्यादा संक्रमित हैं। उन्हें उपचार तक के लिए उधार लेकर काम चलाना पड़ रहा है। रोडवेज महाप्रबंधक दीपक जैन ने कहा कि सरकार से मदद मिलते ही कार्मिकों को जनवरी का वेतन दे दिया जाएगा।
उत्तर प्रदेश की मंजूरी पर टिका है बस संचालन
उत्तराखंड से अंतरराज्यीय बस संचालन उत्तर प्रदेश की मंजूरी पर टिका है। असल में कोरोना संक्रमण बढ़ने पर उत्तर प्रदेश ने ही सबसे पहले प्रदेश में अंतरराज्यीय बस परिवहन बंद कर दिया था। चूंकि उत्तराखंड की 80 फीसद बसें उत्तर प्रदेश की सीमा से होकर गुजरती हैं, ऐसे में अब उत्तराखंड को उत्तर प्रदेश की मंजूरी का इंतजार है। मामले में पांच जून को उत्तर प्रदेश में बैठक होगी। अगर, उत्तर प्रदेश ने बस संचालन शुरू कर दिया तो उत्तराखंड भी उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा व राजस्थान के लिए बस संचालन शुरू कर सकता है।
यह भी पढ़ें- जिंदगी की गाड़ी खींचने में खेवनहार बना ईपीएफओ, पीएफ खातों से निकाले गए एक हजार करोड़ रुपये
Uttarakhand Flood Disaster: चमोली हादसे से संबंधित सभी सामग्री पढ़ने के लिए क्लिक करें