Coronavirus: निजी लैब दे रहीं कोरोना जांच की गलत रिपोर्ट, शासन ने बिठाई जांच; होगी कड़ी कार्रवाई
Uttarakhand Coronavirus News Update दून की कुछ निजी लैब में जांच कराने पर जांच रिपोर्ट पॉजिटिव और सरकारी लैब से जांच कराने पर नेगिटिव आने की शिकायतें अब शासन तक पहुंच गई हैं।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। Uttarakhand Coronavirus News Update राजधानी देहरादून की कुछ निजी लैब में जांच कराने पर जांच रिपोर्ट पॉजिटिव और सरकारी लैब से जांच कराने पर नेगिटिव आने की शिकायतें अब शासन तक पहुंच गई हैं। कुछ निजी लैब में हो रही जांच में 50 प्रतिशत तक जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने की शिकायत भी शासन को मिली हैं। इसके अलावा सूत्रों का कहना है कि कुछ निजी लैब द्वारा जांच के नतीजे आइसीएमआर को न भेजे जाने की शिकायतें भी सरकार तक पहुंची हैं। इस तरह की शिकायतों को शासन ने गंभीरता से लेते हुए इनकी जांच कराने का निर्णय लिया है।
कोविड टेस्ट को लेकर चल रहे इस तरह के गोरखधंधे की जानकारी स्वयं मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने शनिवार को सचिवालय में हुई समीक्षा बैठक में दी। मुख्य सचिव ने कहा कि देहरादून में नागरिकों से शिकायतें मिल रही हैं कि कुछ निजी लैब में टेस्ट कराने पर रिपोर्ट पॉजिटिव आ रही है, जबकि सरकारी अस्पताल में उसी व्यक्ति की रिपोर्ट निगेटिव आ रही है। ये भी शिकायतें आ रही हैं कि देहरादून की कुछ निजी लैब से लगभग 50 प्रतिशत लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आ रही है। मुख्य सचिव ने जिलाधिकारी देहरादून को निर्देश दिए कि निजी लैब में पॉजिटिव पाए गए कुछ व्यक्तियों का सरकारी लैब में भी टेस्ट कराया जाए। यदि किसी लैब की रिपोर्ट गलत पाई गई तो फिर उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
प्रदेश सरकार ने कुछ समय पहले निजी लैब को भी कोरोना टेस्टिंग का अधिकार दिया है। इन लैब में प्रतिदिन 6500 से 7000 सैंपल भेजे जा रहे हैं। सरकार को शिकायत मिली है कि निजी लैब में सैंपलिंग कराने में गड़बड़ की जा रही है। विशेषकर देहरादून में निजी लैब में सैंपलों की जांच पर सवाल उठाए जा रहे हैं। आरोप ये भी लगाए जा रहे कि कुछ निजी लैब में सैंपलों की जांच में पॉजिटिव रिपोर्ट आने का प्रतिशत काफी अधिक है।
यह भी पढ़ें: उत्तराखंड में कोरोना संक्रमित गर्भवती महिलाओं की बढ़ रही मुसीबत, जानिए वजह
इस पर मुख्य सचिव ने नाराजगी जताते हुए जिलाधिकारी देहरादून को निर्देश दिए कि इन शिकायतों का संज्ञान लिया जाए। निजी अस्पतालों में पॉजिटिव नतीजे आने के कारणों का भी पता लगाया जाए। सभी निजी लैब से समयबद्ध तरीके से रिपोर्ट आइसीएमआर को भेजने के लिए निर्देशित किया जाए। किसी निजी लैब के कार्य में कहीं लापरवाही पाई जाती है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।