उत्तराखंड: गांवों में कोरोना की रोकथाम को शासन सक्रिय, सात दिन तक क्वारंटाइन रहेंगे प्रवासी

सचिव पंचायती राज एवं नोडल अधिकारी प्रवासी एचसी सेमवाल ने वर्चुअल माध्यम से विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक में कोविड की रोकथाम एवं प्रबंधन के सिलसिले में जारी दिशा-निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन कराने पर जोर दिया। उ

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Sun, 16 May 2021 09:01 PM (IST) Updated:Sun, 16 May 2021 10:26 PM (IST)
उत्तराखंड: गांवों में कोरोना की रोकथाम को शासन सक्रिय, सात दिन तक क्वारंटाइन रहेंगे प्रवासी
गांवों में कोरोना की रोकथाम को शासन सक्रिय, सात दिन तक क्वारंटाइन रहेंगे प्रवासी ।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। गांवों में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के मद्देनजर शासन भी सक्रिय हो गया है। रविवार को सचिव पंचायती राज एवं नोडल अधिकारी प्रवासी एचसी सेमवाल ने वर्चुअल माध्यम से विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक में कोविड की रोकथाम एवं प्रबंधन के सिलसिले में जारी दिशा-निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन कराने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों से गांव लौटने वाले प्रवासी हर हाल में सात दिन तक क्वारंटाइन रहने के बाद ही अपने घरों को जाएंगे। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी ग्राम पंचायतों में पंचायत व सामुदायिक भवन में बनाए गए क्वारंटाइन सेंटर में पानी, बिजली, बिस्तर की सुविधाएं उपलब्ध कराकर इनका सुचारू संचालन सुनिश्चित कराया जाए।

सचिव सेमवाल ने कहा कि ग्राम पंचायत स्तर पर गठित कोविड नियंत्रण समितियों के माध्यम से संक्रमण के लक्षण वाले व्यक्तियों को औषधि किट का वितरण, संक्रमित व्यक्तियों का आइसोलेशन व जरूरत पडऩे पर अस्पताल भेजने की व्यवस्था से संबंधित तैयारियां कर ली जाएं। जिन गांवों में संक्रमण के लक्षण वाले व्यक्ति हों, वहां कोरोना जांच के लिए तत्काल जिला प्रशासन से मांग की जाए। उन्होंने घरों में रह रहे संक्रमित व्यक्तियों की ई-संजीवनी पोर्टल के जरिये चिकित्सक से आनलाइन वार्ता कराने पर भी जोर दिया।उन्होंने कहा कि सरकार ने आइवरमैक्टिन दवा का वितरण गांवों में प्रत्येक परिवार को करने का निर्णय लिया है। इस दवा की व्यवस्था स्वास्थ्य विभाग व जिला प्रशासन करेंगे। 

कोविड नियंत्रण समितियां औषधि वितरण में सहयोग करेंगी। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि यदि किसी गांव में कोरोना संक्रमण के कारण माता-पिता की मृत्यु होने पर कोई बच्चा अनाथ होता है तो उसके पुनर्वास पर विशेष ध्यान दिया जाए। साथ ही ऐसे बच्चों की जानकारी तत्काल जिला प्रशासन व प्रोबेशन अधिकारी को पंचायत के माध्यम से दी जाए। उन्होंने कहा कि इस माह तक सभी निर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों का टीकाकरण करा लिया जाए। उन्होंने कोविड की रोकथाम के लिए उत्तरकाशी, नैनीताल, पौड़ी व पिथौरागढ़ जिलों की ग्राम पंचायतों में वहां के डीएम के निर्देशन में किए गए कार्यों की सराहना की। साथ ही कहा कि अन्य जिलों को भी ऐसे प्रयास करने की जरूरत है। 

बैठक में निदेशक युवा कल्याण जीएस रावत, संयुक्त निदेशक ग्राम्य विकास विवेक उपाध्याय, उप निदेशक महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास एसके सिंह, मुख्य परिवीक्षा अधिकारी महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास मोहित चौधरी मौजूद थे। सभी जिलों के डीपीआरओ, जिला पंचायतों के एएमए, ग्राम्य विकास, युवा कल्याण और महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग के जिला स्तरीय अधिकारी बैठक से आनलाइन जुड़े।

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