एनटीपीसी को NGT से भी मिला झटका, अपील खारिज; देने होंगे 58 लाख
Uttarakhand Chamoli glacier Burst जलप्रलय का दंश झेल रही नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन (एनटीपीसी) की तपोवन विष्णुगाड जलविद्युत परियोजना को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) से भी झटका मिला है। एनजीटी ने कंपनी की उस अपील को खारिज कर दिया है।
जागरण संवाददाता, देहरादून। Uttarakhand Chamoli glacier Burst जलप्रलय का दंश झेल रही नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन (एनटीपीसी) की तपोवन विष्णुगाड जलविद्युत परियोजना को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) से भी झटका मिला है। एनजीटी ने कंपनी की उस अपील को खारिज कर दिया है, जिसमें उत्तराखंड पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के 57 लाख 96 हजार रुपये के जुर्माने को गलत ठहराया गया था। बोर्ड ने कंपनी पर यह जुर्माना परियोजना निर्माण से निकलने वाले मलबे का उचित निस्तारण नहीं करने पर लगाया था।
बोर्ड ने अपने परीक्षण में पाया था कि परियोजना से निकलने वाले मलबे को डंपिंग यार्ड में उचित ढंग से डंप करने की बजाय पहाडिय़ों में उड़ेला जा रहा है। इससे नदी और वन क्षेत्र को नुकसान हो रहा है। साथ ही इस मलबे के कारण भूक्षरण की समस्या भी सामने आ रही है। मलबे से पर्यावरण को पहुंची क्षति की भरपाई के लिए एनटीपीसी पर जुर्माना लगाया गया था। इसके खिलाफ कंपनी ने एनजीटी में याचिका दायर की। जिसपर सुनवाई करते हुए एनजीटी अध्यक्ष आदर्श कुमार गोयल की पीठ ने बोर्ड के जुर्माने को उचित पाया।
सुनवाई में पाया गया कि कुल पांच डंपिंग साइट में से तीन की क्षमता करीब पांच साल पहले पूरी हो चुकी है। दो साइट ही संचालन की अवस्था में हैं। बोर्ड ने इन साइट में भी कई खामियां पाई थीं। लिहाजा, एनजीटी ने कंपनी की याचिका को खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि बोर्ड जुर्माने की वसूली कर सकता है।
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