उत्तराखंड में ढोल वादकों को दी जाएगी प्रोत्साहन राशि, जानिए और क्या बोले कैबिनेट मंत्री जोशी

काबीना मंत्री गणेश जोशी ने उत्तराखंड विरासत कार्यक्रम के समापन अवसर कहा कि उत्तराखंड की संस्कृति के संरक्षण के लिए सभी को आगे आना होगा। हमारे पारंपरिक वाद्य यंत्र भी इसी संस्कृति के अंग हैं इसलिए इन्हें सहेजने व उत्थान के लिए प्रयास करना जरूरी है।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Mon, 25 Oct 2021 10:33 AM (IST) Updated:Mon, 25 Oct 2021 10:33 AM (IST)
उत्तराखंड में ढोल वादकों को दी जाएगी प्रोत्साहन राशि, जानिए और क्या बोले कैबिनेट मंत्री जोशी
उत्तराखंड में ढोल वादकों को दी जाएगी प्रोत्साहन राशि।

जागरण संवाददाता, देहरादूनउत्तराखंड की संस्कृति के संरक्षण के लिए सभी को आगे आना होगा। हमारे पारंपरिक वाद्य यंत्र भी इसी संस्कृति के अंग हैं, इसलिए इन्हें सहेजने व उत्थान के लिए प्रयास करना जरूरी है। यह बात काबीना मंत्री गणेश जोशी ने उत्तराखंड विरासत कार्यक्रम के समापन अवसर पर कहीं। इस दौरान उन्होंने ढोल वादकों को प्रोत्साहन राशि देने की बात भी की। उन्होंने कहा कि वे इस संबंध में खुद मुख्यमंत्री से मुलाकात करेंगे। इसके अलावा उन्होंने ढोल वादकों को उत्तराखंड के मंदिरों में रोजगार देने की बात भी कही।

चारधाम अस्पताल की ओर से रेंजर्स ग्राउंड में आयोजित दो दिवसीय उत्तराखंड लोक वाद्य प्रस्तुतीकरण और हस्तशिल्प प्रदर्शनी का रविवार को समापन हुआ। इस मौके पर दो दिन तक अपनी कला का प्रदर्शन करने वाले कलाकारों को काबीना मंत्री गणेश जोशी और महापौर सुनील उनियाल गामा ने प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया। काबीना मंत्री गणेश जोशी लोक वाद्य यंत्रों की धुन पर भी खूब झूमे।महापौर सुनील उनियाल गामा ने कहा कि चारधाम अस्पताल के निदेशक डा. केपी जोशी की ओर से आयोजित यह कार्यक्रम सराहनीय है। इस तरह के प्रयास सभी को करने चाहिए। कार्यक्रम का संचालन अजय जोशी व बीना बेंजवाल ने किया।

इस मौके पर पूर्व आइपीएस जीएस मर्तोलिया, उद्योग विभाग के निदेशक सुधीर नौटियाल, कांग्रेस महानगर अध्यक्ष लालचंद शर्मा, नगर निगम के पूर्व नेता प्रतिपक्ष अशोक वर्मा, डा. नंदकिशोर हटवाल, डा. अजीत गैरोला, डा. एनएल अमोली, माधव जोशी, आदेश नौटियाल, सुशील डिमरी आदि मौजूद रहे।

पारंपरिक वाद्य यंत्रों की प्रस्तुति से लूटी वाहवाही

उत्तराखंड विरासत के अंतिम दिन विभिन्न पहाड़ी इलाकों से आए कलाकारों ने ढोल, दमाऊं, रणसिंगा, मशकबीन की प्रस्तुति देकर सभी की वाहवाही लूटी। कुमाऊं की जोहार घाटी के कलाकारों ने जागर की प्रस्तुति दी, जिसे सभी ने सराहा। वहीं छोलिया नृत्य की प्रस्तुति ने सभी को झूमने पर मजबूर कर दिया। कार्यक्रम में डौंर थाली के साथ चमोली, रुद्रप्रयाग व अन्य जिलों से आए कलाकारों ने भी जागर प्रस्तुत किए।

लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी को पद्मश्री सम्मान देने को सरकार से करेंगे वार्ता

काबीना मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी ने उत्तराखंड की संस्कृति के संरक्षण में बहुत योगदान दिया है। उनको पद्मश्री सम्मान देने के लिए वह सरकार से वार्ता करेंगे। उन्होंने नरेंद्र सिंह नेगी से उत्तराखंड में बनने वाले सैन्यधाम के लिए एक गीत तैयार करने को भी कहा।

विलुप्त होती संस्कृति को बचाना जरूरी

पत्रकारों से वार्ता में लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी ने कहा कि धीरे-धीरे हमारी उत्तराखंड की संस्कृति विलुप्त होती जा रही है। हमारे लोक गीत व लोक वाद्य समय के साथ पीछे छूट रहे हैं, इन्हें बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हैं।

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लोक कलाकारों को आर्थिक सहयोग जरूरी

जागर सम्राट पद्मश्री प्रीतम भरतवाण ने कहा कि लोक कला तभी जीवित रहेगी, जब कलाकार आर्थिक रूप से मजबूत रहेगा। इसलिए लोक कलाकारों के उत्थान को आर्थिक सहयोग जरूरी है।

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