Cabinet Meeting: धा‍मी कैबिनेट में देवस्थानम बोर्ड को भंग करने और नई नजूल नीति को मंजूरी देने का लिया निर्णय, जानिए अन्‍य अहम फैसले

Uttarakhand Cabinet Meeting धामी कैबिनेट की अहम बैठक आज शाम सचिवालय में हुई। इस बैठक में देवस्थानम बोर्ड विधेयक को वापस लेने और उत्तराखंड नजूल नीति को मंजूरी देने के प्रस्ताव के साथ कई अहम मुद्दों पर मुहर लगी।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Mon, 06 Dec 2021 01:52 PM (IST) Updated:Mon, 06 Dec 2021 11:02 PM (IST)
Cabinet Meeting: धा‍मी कैबिनेट में देवस्थानम बोर्ड को भंग करने और नई नजूल नीति को मंजूरी देने का लिया निर्णय, जानिए अन्‍य अहम फैसले
Cabinet Meeting: उत्तराखंड मंत्रिमंडल की अहम बैठक आज।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। धामी मंत्रिमंडल ने सोमवार रात उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड भंग करने और नई नजूल नीति को मंजूरी देने के साथ ही दो दर्जन से ज्यादा निर्णय किए। नजूल नीति में भूमि को फ्रीहोल्ड करने के लिए सर्किट रेट के आधार पर दरें निर्धारित कर दी गई हैं। इससे नजूल भूमि पर काबिज हजारों परिवारों को भूमि पर मालिकाना हक मिल सकेगा। फ्रीहोल्ड के लिए पहले पैसा जमा करा चुके व्यक्तियों को अब दोबारा धनराशि जमा नहीं करानी पड़ेगी। स्वमूल्यांकन के आधार पर 25 प्रतिशत धनराशि जमा करा चुके कब्जाधारकों के लिए पुरानी दरें लागू होंगी। नए आवेदन पर वर्तमान सर्किल रेट लागू होगा।

चारधाम देवस्थानम प्रबंधन अधिनियम और इसके तहत गठित देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड को लेकर चारधाम के तीर्थ पुरोहितों के विरोध को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हाल में ही यह अधिनियम वापस लेने की घोषणा की थी। सोमवार देर शाम सचिवालय में हुई धामी मंत्रिमंडल की बैठक में देवस्थानम प्रबंधन अधिनियम को निरस्त करने के संबंध में विधानसभा के नौ दिसंबर से प्रारंभ होने वाले सत्र में विधेयक लाने को मंजूरी दी गई। यानी अब चारधाम बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री में पूर्व व्यवस्था बहाल हो जाएगी।

इसके साथ ही कैबिनेट ने नजूल नीति-2021 को भी मंजूरी देकर नजूल भूमि पर काबिज परिवारों को बड़ी राहत दे दी है। नजूल भूमि के मामले में वर्ष 2018 में तत्कालीन त्रिवेंद्र कैबिनेट ने मंजूरी दी थी। इस बीच हाईकोर्ट ने नजूल नीति को निरस्त कर दिया था, जिस कारण तब नई नजूल नीति अस्तित्व में नहीं आ पाई थी। अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद धामी कैबिनेट ने नजूल नीति-2021 को हरी झंडी दे दी। नीति में नजूल भूमि को फ्रीहोल्ड करने के लिए तीन श्रेणियां बनाकर सर्किल रेट के आधार पर शुल्क तय किया गया है। इस सिलसिले में भी आगामी विधानसभा सत्र में उत्तराखंड नजूल भूमि प्रबंधन, व्यवस्थापन एवं निस्तारण विधेयक लाया जाएगा।

नजूल भूमि फ्रीहोल्ड करने की दरें

आवासीय श्रेणी नजूल भूमि पर काबिज जिन व्यक्तियों ने नियमों का उल्लंघन नहीं किया, उन्हें 200 वर्ग मीटर तक सर्किल रेट का 25 प्रतिशत, 200 से 500 वर्ग मीटर तक 35 प्रतिशत, 500 वर्ग मीटर से ज्यादा भूमि पर सर्किल रेट का 60 प्रतिशत देना होगा। पट्टे का नवीनीकरण न कराने वालों को 200 वर्ग मीटर तक सर्किल रेट का 30 प्रतिशत, 500 वर्ग मीटर तक 50 प्रतिशत ओर इससे ज्यादा भूमि होने पर 70 प्रतिशत जमा कराना होगा। पट्टे की शर्तों का उल्लंघन करने और गलत तरीके से पट्टा हस्तांतरण करने वालों को 200 वर्ग मीटर तक सर्किल रेट का 60 प्रतिशत, 500 वर्ग मीटर तक 80 प्रतिशत और 500 वर्ग मीटर से अधिक भूमि पर सर्किल रेट का 110 प्रतिशत मूल्य देना होगा।

व्यवसायिक श्रेणी

शर्तों का पालन करने वालों को 200 वर्ग मीटर तक सर्किल रेट का 40 प्रतिशत, 500 वर्ग मीटर तक 50 प्रतिशत और इससे अधिक भूमि पर सर्किल रेट का 80 प्रतिशत जमा कराना होगा। इस श्रेणी में पट्टे का नवीनीकरण न करने वालों को सर्किल रेट का क्रमश: 50, 70 व 90 प्रतिशत मूल्य देना होगा। शर्तों का उल्लंघन करने वाले सर्किल रेट का 80, 100 व 130 प्रतिशत शुल्क देकर भूमि फ्रीहोल्ड करा सकेंगे।

अवैध कब्जा यानी पूर्ण उल्लंघन

नजूल भूमि के मामले में शर्तों का उल्लंघन और अवैध कब्जाधारक 300 वर्ग मीटर से कम भूमि के मामले में आवासीय श्रेणी में सर्किल रेट का 120 प्रतिशत और व्यवसायिक श्रेणी में 150 प्रतिशत शुल्क जमा कराकर फ्रीहोल्ड कर सकेंगे। 300 वर्ग मीटर से ज्यादा भूमि के मामले में भूमि फ्रीहोल्ड नहीं होगी।

कैबिनेट के मुख्य फैसले: उत्तराखंड निर्यात नीति-2021 को मंजूरी, 30 हजार करोड़ रुपये तक की वस्तुओं के निर्यात का लक्ष्य एक जनवरी 2020 से 30 जून 2021 के बीच सेवानिवृत्त कार्मिकों को मिलेगा महंगाई भत्ता, ग्रेच्युटी व अवकाश नगदीकरण का भुगतान। राजकीय सेवा में कार्यरत पति व पत्नी के सरकारी आवास में रहने पर एक को मिलेगा आवास किराया भत्ता सरकारी अस्पतालों में ओपीडी में सभी दवाएं मिलेंगी निश्शुल्क, बाहर से दवा लिखने पर डाक्टर को बताना होगा कारण शहरी क्षेत्रों में रह रहे गरीब परिवारों को 100 रुपये में उपलब्ध होगा पेयजल संयोजन सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग नीति में संशोधन, जिला प्राधिकृत समिति से 50 करोड़ तक के कार्य हो सकेंगे स्वीकृत माध्यमिक विद्यालयों से हटाए गए अतिथि शिक्षकों और पालीटेक्निक संस्थानों से हटाए गए संविदा प्रवक्ताओं को फिर से सेवायोजित करने का निर्णय

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