Uttarakhand Ayushman Scheme: आयुष्मान योजना से अब भी हाथ खींच रहे कई निजी अस्पताल, दिखेगी सख्ती

Uttarakhand Ayushman Scheme आयुष्मान योजना से अब भी कई निजी अस्पताल अपने हाथ पीछे खींच रहे हैं। राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण की ओर से लगातार प्रयास करने के बावजूद भी ये अस्पताल अनुबंध करने के लिए तैयार नहीं हैं।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Fri, 24 Sep 2021 06:56 PM (IST) Updated:Fri, 24 Sep 2021 06:56 PM (IST)
Uttarakhand Ayushman Scheme: आयुष्मान योजना से अब भी हाथ खींच रहे कई निजी अस्पताल, दिखेगी सख्ती
आयुष्मान योजना से अब भी हाथ खींच रहे कई निजी अस्पताल, दिखेगी सख्ती।

जागरण संवाददाता, देहरादून। Uttarakhand Ayushman Scheme आयुष्मान योजना से अब भी कई निजी अस्पताल अपने हाथ पीछे खींच रहे हैं। राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण की ओर से लगातार प्रयास करने के बावजूद भी ये अस्पताल अनुबंध करने के लिए तैयार नहीं हैं। ऐसे में राज्य सरकार इस ओर सख्ती दिखा सकती है।

स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत ने गुरुवार को आयुष्मान योजना की तीसरी वर्षगांठ पर आयोजित आरोग्य मंथन-3.0 में इसके संकेत दिए। उन्होंने कहा कि इस तरह के प्रविधान किए जाएंगे कि सभी अस्पताल आयुष्मान जैसी जनकल्याणकारी योजना का लाभ आमजन को दें। ताकि अधिकाधिक लोग को निश्शुल्क उपचार की सुविधा मिले। उन्होंने कहा कि निजी अस्पतालों की शिकायत है कि आयुष्मान योजना में इलाज की तय दरें कम हैं। यह दरें राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के स्तर से तय की गई हैं और राज्य इसमें ज्यादा कुछ नहीं कर सकते। फिर भी राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में दस फीसदी अधिक रेट दिया जा रहा है।

इससे पूर्व धर्मपुर विधायक विनोद चमोली ने यह विषय उठाया था। उन्होंने कहा कि आयुष्मान योजना सभी अस्पतालों के लिए अनिवार्य की जाए। विधायक ने कहा कि कोरोना जब चरम पर था और मरीज बेड व आक्सीजन के लिए जूझ रहे थे, पता चला कि कई अस्पताल आयुष्मान से जुड़े ही नहीं हैं। यानी सेवाभाव नहीं, वह व्यावसायिक दृष्टिकोण से काम कर रहे हैं। आयुष्मान योजना के पैकेज में कुछ की दरें कम जरूर हैं, पर इन खामियों को दूर किया जा सकता है। यह व्यवस्था की जाए कि जो भी अस्पताल राज्य में खुले वह आयुष्मान से जरूर जुड़े। वह उत्तराखंड में सिर्फ व्यवसाय नहीं, बल्कि सेवा भी करे।

गुर्दा प्रत्यारोपण की भी सुविधा

आयुष्मान योजना के तहत अब लाभार्थियों को गुर्दा प्रत्यारोपण की भी सुविधा मिलेगी। अगले एक सप्ताह में इसकी शुरुआत कर दी जाएगी। राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरुणोंद्र चौहान ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि लाभार्थियों से सीधा जुड़ने के लिए एक और पहल की जा रही है। आयुष्मान के तहत होने वाली सभी बड़ी सर्जरी पर राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण का एक प्रतिनिधि मरीज से मिलने जाएगा। 'गेट वेल सून' का कार्ड उन्हें दिया जाएगा। वहीं स्वस्थ होने पर उनसे उपचार और देखभाल पर उनसे फीडबैक भी लिया जाएगा।

आयुष्मान कार्ड बनाने वालों को बड़ी राहत

राशन कार्ड के आधार पर आयुष्मान कार्ड बनाने वालों को बड़ी राहत मिली है। आयुष्मान के पोर्टल से खाद्य आपूर्ति विभाग की वेबसाइट लिंक हो गई है। वेबसाइट लिंक होने से आयुष्मान की वेबसाइट पर खाद्य वि विभाग का डाटा भी खुल सकेगा। बता दें कि अब तक आयुष्मान पोर्टल के पास वर्ष 2014-15 तक का डाटा ही उपलब्ध था। इसके बाद बने राशन कार्ड पोर्टल पर उपलब्ध नहीं होने से राशन कार्ड के आधार पर आयुष्मान कार्ड नहीं बन पा रहे थे। न ही खाद्य विभाग की ओर से अपनी वेबसाइट पर आनलाइन अपलोड किए गए राशन कार्ड आयुष्मान पोर्टल पर खुल रहे थे। पर अब वेबसाइट इंटर लिंक होने के बाद यह समस्या नहीं होगी। राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के अध्यक्ष डीके कोटिया ने बताया कि अभी तक वर्ष 2014-15 तक का डाटा ही उपलब्ध था। नया डाटा मिल जाने से उन लाभार्थियों के भी कार्ड बन पाएंगे, जिन्हें अब तक कार्ड बनाने में दिक्कत आ रही थी।

इन्हें किया सम्मानित

जिला अस्पताल गोपेश्वर, चंपावत, टिहरी, उत्तरकाशी, सोबन सिंह जीना बेस अस्पताल नैनीताल, बेस अस्तपाल कोटद्वार, बीडी पांडेय जिला अस्पताल पिथौरागढ़, एचजी पंत महिला अस्पताल पिथौरागढ़, हंस फाउंडेशन जनरल अस्पताल पौड़ी, रामरती आई अस्पताल देहरादून, ब्रिजेश अस्पताल नैनीताल व जीवन अनमोल मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल चंपावत।

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