Uttarakhand Election: कांग्रेस भवन में जगह को लेकर विवाद, बंद कमरे का तोड़ा ताला; काफी देर तक अफरा-तफरी का माहौल

चुनाव के लिहाज से महत्वपूर्ण समितियों का जिम्मा संभाल रहे पदाधिकारियों के पास भी बैठने को स्थान नहीं है। गुरुवार को इसे लेकर विवाद की नौबत आई तो प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल और प्रदेश सह प्रभारी दीपिका पांडेय सिंह को ताला खुलवाकर कक्षों का निरीक्षण करना पड़ा।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Fri, 03 Dec 2021 11:06 AM (IST) Updated:Fri, 03 Dec 2021 11:06 AM (IST)
Uttarakhand Election: कांग्रेस भवन में जगह को लेकर विवाद, बंद कमरे का तोड़ा ताला; काफी देर तक अफरा-तफरी का माहौल
कांग्रेस भवन में जगह को लेकर विवाद, बंद कमरे का तोड़ा ताला।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। Uttarakhand Assembly Elections 2022 उत्तराखंड कांग्रेस के पास एक अध्यक्ष, चार कार्यकारी अध्यक्ष और उपाध्यक्षों व महामंत्रियों की लंबी-चौड़ी फौज है। वहीं, प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में प्रदेश पदाधिकारियों की बात तो दूर चुनाव के लिहाज से महत्वपूर्ण समितियों का जिम्मा संभाल रहे पदाधिकारियों के पास भी बैठने को स्थान नहीं है। गुरुवार को इसे लेकर विवाद की नौबत आई तो प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल और प्रदेश सह प्रभारी दीपिका पांडेय सिंह को ताला खुलवाकर कक्षों का निरीक्षण करना पड़ा। प्रदेश कार्यालय की पहली मंजिल पर बंद कान्फ्रेंस रूम का ताला तुड़वाना पड़ा।

प्रदेश कांग्रेस की चुनाव घोषणापत्र समिति को गुरुवार को बैठक के लिए कक्ष उपलब्ध नहीं हो सका। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने बीते दिनों आदेश जारी कर कार्यालय में उपलब्ध कमरों को पदाधिकारियों के लिए नियत किया था। कार्यालय के भूतल पर प्रदेश उपाध्यक्षों के लिए नियत कमरा करीब दो माह से बंद पड़ा है।घोषणापत्र समिति के संयोजक व प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने इस संबंध में प्रदेश अध्यक्ष गोदियाल से वार्ता की। बाद में धस्माना की शिकायत पर गोदियाल व प्रदेश सहप्रभारी दीपिका पांडेय सिंह ने बंद कमरे के ताले को खुलवाया। कक्ष में चुनाव प्रचार सामग्री रखी गई है। प्रदेश अध्यक्ष ने इस कमरे को उपाध्यक्षों के इस्तेमाल के लिए खोलने के निर्देश दिए।

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इस बीच प्रदेश कार्यालय की पहली मंजिल पर कान्फ्रेंस रूम पर भी ताला लटके होने की जानकारी मिली। इस कमरे को इंटरनेट मीडिया वार रूम भी बनाया गया है। कमरे के दरवाजे पर लगे ताले की चाभी ढूंढ़ी गई, लेकिन नहीं मिली। इसके बाद प्रदेश अध्यक्ष के निर्देश पर ताले को तोड़ दिया गया। ताला तोड़ने से कार्यालय में काफी देर तक अफरातफरी का माहौल रहा।

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