चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस के हाथ से फिसले ये दो बड़े मुद्दे, अब फिर जुटी नए मुद्दों की तलाश में
Uttarakhand Assembly Elections 2022 चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस के हाथ से कृषि कानून और देवस्थानम बोर्ड जैसे दो बड़े मुद्दे फिसल गए। इन दोनों मुद्दों पर कांग्रेस प्रदेश की भाजपा सरकार पर हमलावर थी और उसे इनसे खासा जनसमर्थन मिलने की उम्मीद भी थी।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। Uttarakhand Assembly Elections 2022 उत्तराखंड विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस के हाथ से कृषि कानून और देवस्थानम बोर्ड जैसे दो बड़े मुद्दे फिसल गए। इन दोनों मुद्दों पर कांग्रेस प्रदेश की भाजपा सरकार पर हमलावर थी और उसे इनसे खासा जनसमर्थन मिलने की उम्मीद भी थी। अब इन मुद्दों के लगभग खत्म होने के बाद कांग्रेस नए मुद्दों की तलाश में जुट गई है। फिलहाल कांग्रेस उत्तराखंडियत, पलायन व बेरोजगारी को लेकर सरकार पर निशाना साध रही है।
विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस इस समय लगातार सरकार को घेरने का प्रयास कर रही है। इस कड़ी में कांग्रेस ने सबसे पहले परिवर्तन यात्रा शुरू की। इसकी शुरुआत किसान बहुल ऊधमसिंह नगर जिले से की गई। मकसद केंद्र सरकार के तीन कृषि बिल पर किसानों को अपने पक्ष में लामबंद करना था। इस यात्रा को काफी समर्थन भी मिला। दूसरे चरण में परिवर्तन यात्रा की शुरुआत हरिद्वार से की गई। यह भी किसान बहुल क्षेत्र है। कांग्रेस इन यात्राओं में लगातार केंद्र व प्रदेश की भाजपा सरकारों को निशाने पर रखे हुई थी। कांग्रेस इस मुद्दे को और हवा देती, इस बीच केंद्र सरकार ने कृषि बिलों को वापस लेने का फैसला ले लिया।
इसके अलावा कांग्रेस ने चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड को दूसरे बड़े मुद्दे के रूप में लिया। इस मसले पर कांग्रेस लगातार मुखर रही। यहां तक कि कांग्रेस के सभी वरिष्ठ पदाधिकारी केदारनाथ धाम के दर्शन कर लौटे और सत्ता में आते ही देवस्थानम अधिनियम वापस लेने की बात कही। इस मुद्दे पर कांग्रेस तीर्थ पुरोहित व हक-हकूकधारियों के आंदोलन का लगातार समर्थन कर रही थी। अब प्रदेश सरकार ने देवस्थानम प्रबंधन अधिनियम को वापस लेने का निर्णय ले लिया है। ऐसे में कांग्रेस के हाथ से चुनाव से ऐन पहले दो बड़े मुद्दे निकल चुके हैं। इसे देखते हुए अब कांग्रेस ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है।
अब कांग्रेस ऐसे बड़े मुद्दों की तलाश में है, जिन्हें लेकर प्रदेश सरकार को घेरा जा सके। दो बड़े मुद्दे हाथ से निकलने के बाद अब कांग्रेस घोषणा पत्र समिति इसी कार्य में जुटी है। कांग्रेस चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष हरीश रावत का कहना है कि केंद्र सरकार द्वारा कृषि कानून व राज्य सरकार द्वारा देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड अधिनियम वापस लेने का निर्णय जनता और कांग्रेस द्वारा बनाए गए दबाव का ही नतीजा है। उन्होंने कहा कि पलायन, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार आदि कई मसले हैं, जिन्हें जनता के बीच लाकर सरकार को बेनकाब किया जाएगा। यह भी पढ़ें- देवभूमि में पीएम मोदी 8600 करोड़ के दिल्ली-दून आर्थिक गलियारे की रेखेंगे नींव, देंगे ये सौगात भी