कर्मचारियों ने नो वर्क नो पे के खिलाफ बुलंद की आवाज, आंदोलन की दी चेतावनी

उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी समन्वय मंच ने नो वर्क नो पे शासनादेश का कड़ा विरोध किया और सरकार से इसे तत्काल निरस्त करने की मांग की। चेतावनी दी कि ऐसा न होने पर कर्मचारी आंदोलन करने को बाध्य हो जाएंगे।

By Sumit KumarEdited By: Publish:Sun, 04 Apr 2021 05:10 PM (IST) Updated:Sun, 04 Apr 2021 05:10 PM (IST)
कर्मचारियों ने नो वर्क नो पे के खिलाफ बुलंद की आवाज, आंदोलन की दी चेतावनी
उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी समन्वय मंच ने 'नो वर्क नो पे' शासनादेश का कड़ा विरोध किया।

जागरण संवाददाता, देहरादून : उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी समन्वय मंच ने 'नो वर्क नो पे' शासनादेश का कड़ा विरोध किया और सरकार से इसे तत्काल निरस्त करने की मांग की। चेतावनी दी कि ऐसा न होने पर कर्मचारी आंदोलन करने को बाध्य हो जाएंगे।  इस संबंध में शनिवार को समन्वय मंच की बैठक यमुना कॉलोनी स्थित सद्भावना भवन में हुई। पदाधिकारियों ने कहा कि वर्तमान में उत्तराखंड शासन ने जो नो वर्क नो पे का शासनादेश जारी किया है, वह कर्मचारियों को मंजूर नहीं है।

मुख्य संयोजक हरीश चंद नौटियाल ने कहा कि शासन को कुछ माह पहले 23 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा गया था, जो आज भी शासन स्तर पर लंबित है। शासन ने समन्वय मंच को वार्ता के लिए आज तक आमंत्रित नहीं किया, जिससे प्रदेश के लाखों कर्मचारियों में रोष पनप रहा है। कहा कि अब मंच के पास आंदोलन एकमात्र रास्ता है। शासन को संवेदनशील होकर कर्मचारियों की मांगों पर विचार के लिए सकारात्मक रुख अपनाना चाहिए था, लेकिन शासन वार्ता के बजाय नो वर्क नो पे और हड़ताल पर प्रतिबंध लगा रहा है, जिससे सभी कर्मी भड़के हैं। कहा कि इसका सीधा असर आगामी विधानसभा चुनाव पर पड़ेगा। 

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मंच के प्रांतीय प्रवक्ता पूर्णानंद नौटियाल ने कहा कि समन्वय मंच की ओर से प्रदेश सरकार को पूरा समय दिया गया था, लेकिन सरकार कार्मिकों की जायज मांगों को मानने के लिए तैयार नहीं है। वर्तमान में सरकार की ओर से मांग मानने के बजाय मिनिस्टीरियल कार्मिकों एवं वैयक्तिक सहायकों से पूर्व में दिए गए 10, 16, 26 वर्ष की सेवा पर एसीपी के लाभ को बंद कर दिया गया है और लाभ की वसूली करने के आदेश देकर कर्मचारियों का उत्पीडऩ किया जा रहा है। बैठक में समन्वय मंच के सचिव सुनील दत्त कोठारी, रमेश रमोला, प्रताप सिंह पंवार, पंचम सिंह बिष्ट, पूर्णानंद नौटियाल, बनवारी सिंह रावत, संदीप कुमार मौर्य, सुभाष देवलियाल आदि मौजूद रहे।   

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