UP Roadways Buses: स्कूटर-बाइक के नंबर पर दौड़ रहीं उत्तर प्रदेश की रोडवेज बसें

यूपी की करीब साढ़े बारह सौ बसें उत्तराखंड में दौड़ रहीं। इनमें से मात्र 37 बसों का टैक्‍स दिया जा रहा। एक नया मामला सामने आया है कि उत्तर प्रदेश की रोडवेज बसें स्कूटर-बाइक के नंबर पर दौड़ रहीं हैं। इस मामले में जांच के लिए कमेटी बना दी है।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Wed, 08 Sep 2021 08:32 AM (IST) Updated:Wed, 08 Sep 2021 08:32 AM (IST)
UP Roadways Buses: स्कूटर-बाइक के नंबर पर दौड़ रहीं उत्तर प्रदेश की रोडवेज बसें
उत्तर प्रदेश की रोडवेज बसें स्कूटर-बाइक के नंबर पर दौड़ रहीं।

जागरण संवाददाता, देहरादून। उत्तर प्रदेश की रोडवेज बसें उत्तरांखड में करोड़ों के सालाना टैक्स की ही चोरी नहीं कर रहीं, बल्कि फर्जी पंजीयन नंबरों पर भी दौड़ रही हैं। इसका पर्दाफाश बसों के उन रिकार्ड से हुआ, जो देहरादून आइएसबीटी प्रबंधन की ओर से आरटीओ कार्यालय को भेजा गया। दून में उत्तर प्रदेश रोडवेज की 336 बसों के आने-जाने का रिकार्ड मिला है। इनमें कुछ बसें स्कूटर, बाइक, आटो आदि के नंबर पर चल रहीं हैं। आरटीओ दिनेश चंद्र पठोई के मुताबिक, मामले की जांच के लिए कमेटी बना दी गई है। उत्तर प्रदेश की समस्त बसों की नंबर व डिपो के अनुसार भौतिक जांच भी की जाएगी।

सालाना करोड़ों रुपये की टैक्स चोरी का 'दैनिक जागरण' ने गत शुक्रवार के अंक में पर्दाफाश किया था। इसमें बताया गया था कि उत्तराखंड में उत्तर प्रदेश की करीब साढ़े बारह सौ बसें दौड़ रहीं, जबकि टैक्स केवल 37 बसों का दिया जा रहा। उत्तर प्रदेश पर सालाना टैक्स 40 करोड़ से ज्यादा बैठ रहा, लेकिन बसों के संचालन का कोई रिकार्ड न होने से वह उत्तराखंड को महज पांच करोड़ रुपये सालाना टैक्स दे रहा। दूसरी ओर वह उत्तराखंड परिवहन निगम की बसों पर टैक्स में एक रुपया भी नहीं छोड़ रहा और सालाना टैक्स में करीब 30 करोड़ की राशि वसूल रहा है। इसके बाद परिवहन विभाग में हड़कंप मच गया व सचिव परिवहन डा. रणजीत सिन्हा खुद इसकी निगरानी कर रहे हैं। प्रदेश के सभी आरटीओ एवं एआरटीओ को दूसरे राज्य से आने वाली रोडवेज बसों का रिकार्ड बनाने के आदेश दिए गए। इसी क्रम में आरटीओ ने दून आइएसबीटी, हरिद्वार, ऋषिकेश और रुड़की बस अड्डे से रोडवेज बसों का पूरा रिकार्ड मंगाया था।

आरटीओ ने बताया कि अभी सिर्फ उत्तर प्रदेश की बसों का रिकार्ड बनाया जा रहा है और उसका सत्यापन किया जा रहा। इसमें दून आइएसबीटी से उत्तर प्रदेश के विभिन्न डिपो की 336, हरिद्वार में 260 व ऋषिकेश अड्डे से 62 बसों के संचालन का रिकार्ड मिला है। दून आइएसबीटी के मिले रिकार्ड की जांच में कुछ बसों के नंबर फर्जी मिले। वास्तव में वह नंबर स्कूटर, बाइक, आटो व अन्य वाहनों के हैं। ऐसे में आशंका है कि उत्तर प्रदेश की बसें फर्जी नंबर पर भी दौड़ रही हैं।

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एक बस तीन-तीन डिपो में दर्ज

उत्तर प्रदेश की कुछ बसें ऐसी भी मिली हैं, जो एक ही नंबर पर अलग-अलग डिपो में पंजीकृत हैं। आरटीओ पठोई के मुताबिक दून, हरिद्वार व ऋषिकेश बस अड्डे से जो रिकार्ड मिला है, उसमें कई बसें ऐसी मिली हैं, जिनका पंजीयन नंबर एक है, मगर उत्तर प्रदेश में तीन-तीन डिपो में दर्ज हैं।

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रात तक खुल रहा आरटीओ

परिवहन सचिव के आदेश पर रोडवेज बसों के टैक्स की जांच के लिए आरटीओ कार्यालय सुबह दस बजे से रात 11 बजे तक खुल रहा है। आरटीओ ने बताया कि गत चार-पांच दिन से आधे कार्मिकों को बसों की जांच के कार्य में लगाया गया है।

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